Sunday, February 26, 2012

घटती भाजपा पश्चिम की कई सीटों पर बढ़ रही


अंबरीश कुमार
लखनऊ फरवरी । उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सीटों के पुराने आंकड़े में घट रही है पर कई नई सीटों बढ़ भी रही है ।जिसके चलते भाजपा पुरानी पचास सीटों से आगे बढ़ सकती है । पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जिलों से भाजपा की बढ़त की जानकारी आ रही है । बुंदेलखंड के बाद इः अंचल भी भाजपा को संजीवनी दे सकता है । बुंदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चलते ही भाजपा आगे बढ़ सकती है ।पुराना आंकड़ा तो चुनाव से पहले ही घट चूका है ।सहारनपुर ,मुजफ्फरनगर ,बिजनौर मेरठ और बरेली जैसे कई जिलों से बहुत सी नई सीटों पर भाजपा के मुकाबले में आने की खबर है । पर इसका श्रेय प्रदेश भाजपा का नेतृत्व करने वाले सूर्य प्रताप शाही के प्रताप को नहीं जाता बल्कि पार्टी के नेता इसके लिए कांग्रेस नेताओं के मुस्लिम संबंधी बयानों और मुस्लिम वोटों के बंटवारे को मुख्य वजह बता रहे है । चारों राजनैतिक दलों में सबसे ज्यादा भितरघात ,अंतर्कलह और और विवाद सिर्फ भाजपा में ही हुआ । वह भाजपा जिसने कुल पचास सीते जीती और पार्टी के नेता वरुण गांधी के मुताबिक मुख्यमंत्री पद के पचपन उम्मीदवार है । खास बात यह भी है कि वरुण गाँधी और मेनका गाँधी के इलाके में पार्टी के बड़े नेताओं ने कोई दिलचस्पी भी नहीं ली तो ये दोनों नेता भी कही बाहर नहीं निकले । परत्यय में वरुण गाँधी के खिलाफ जो खेमा है उसका यह भी आरोप है कि पीलीभीत में दूसरे दलों के मुस्लिम उम्मीदवारों का रास्ता रोकने की कोई ठोस पहल इसलिए भी नहीं की गई ताकि वे जीते और लोकसभा के चुनाव में हिदू वोटों के ध्रुवीकरण का फायदा ज्यादा हो । इसका राजनैतिक संकेत बहुत साफ है ।
भाजपा पिछली बार जो पचास सीट जीती थी उसमे करीब आधी इस क्षेत्र की है जहाँ अब चुनाव होने जा रहा है । पर इस बार जिस तरह मुस्लिम वोटों के लिए कांग्रेस आक्रामक हुई और मुस्लिम आरक्षण और बाटला आदि का मुद्दा उठाया उससे उन इलाकों में भाजपा के पक्ष में भी ध्रुवीकरण हुआ जहाँ मुस्लिम आबादी ज्यादा है और कई जगह टकराव का पुराना इतिहास है। ऐसे एक तरफ जहाँ कई जगह सपा ,बसपा और कांग्रेस में मुस्लिम वोट बाँट रहा है वहा फायदा भाजपा ले जा रही है । बरेली में भाजपा इस बार सभी सीटों पर मुकाबले की लड़ाई में है । बरेली से शंकरदास के मुताबिक मुस्लिम वोटों के बंटवारे में इस बार मौलाना तौकीर रजा की पार्टी इत्तहादे
मिल्लत कौंसिल ज्यादा हिस्सा खींच रही है जिसका अप्रत्यक्ष फायदा भाजपा को मिल रहा है । मिल्लत के नेता मुस्लिम समुदाय की नुक्कड़ सभाओं में वोट के लिए कसमे तक खिला रहे है । हालाँकि पहले ये कांग्रेस के साथ खड़े हो रहे थे पर मामला बिगड़ गया और अब ये कांग्रेस को निपटा रहे है । दूसरी तरफ पीलीभीत में इस बार भी मजहबी ध्रुवीकरण पर वोट पड़ना है और अगर वरुण गाँधी ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन ठीक से किया तो वहा तस्वीर बदल सकती है । पर यह ही कहा जा रहा है कि वरुण गाँधी की चिंता लोकसभा की ज्यादा है विधान सभा की कम ।
यह वह इलाका भी है जहा समाजवादी पार्टी भी काफी उम्मीद लगाए हुए है तो कांग्रेस भी । कुछ सीटों पर जहाँ कांग्रेस ने अच्छे उम्मीदवार दिए है जैसे बदायूं जैसे कुछ जिलों में वहा पार्टी को फायदा हो सकता है । समाजवादी पार्टी के सबसे तेज तर्रार नेता आजम खान भी इस अंचल में न सिर्फ खुद लड़ रहे है बल्कि लड़ा भी रहे है । पार्टी ने उन्हें प्रचार के लिए अलग से हेलीकाप्टर दिया है जिससे वे कई विधान सभा क्षेत्रों में सपा के पक्ष में माहौल गर्म कर चुके है । पर अभी भी इस समूचे इलाके में समाजवादी पार्टी का मुस्लिम चेहरा मुलायम सिंह ही माने जा रहे है और भाजपा बढ़ी तो सपा भी पीछे नहीं रहने वाली । अंतिम समय पर यहाँ जो ध्रुवीकरण होगा वह पुराना सारा समीकरण बिगड़ देगा । सहारनपुर से सुरेंद्र सिंघल के मुताबिक सहारनपुर ,मुजफ्फरनगर ,बिजनौर और प्रबुद्ध नगर आदि की कई नई सीटों पर भाजपा उम्मीदवार मुकाबले में आ चुके है । इसलिए भाजपा के बारे में अब कई जगह लोगों की राय बदल रही है । बिजनौर की एक सीट पर भी यही दिख रहा है । इसी तरह शामली ,कैराना ,पुरकाजी और थाना भवन जैसी सीटों पर भाजपा मजबूती से लडती नजर आ रही है । jansatta

No comments:

Post a Comment