Tuesday, February 21, 2012

पता है ,हम सरकार बनाने नहीं जा रहे -कपिल सिब्बल



अंबरीश कुमार
लखनऊ , २१ फरवरी। उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव के पांचवे चरण के लिए प्रचार बंद होने के साथ अब राजनैतिक दलों के बीच सत्ता का संघर्ष तेज हो गया । एक तरफ जहां कांग्रेस सरकार बनाने के दावे से पीछे हटती नजर आई वही सपा ने सत्ता में आने दावा किया तो मायावती ने दलित समाज से एक और मौका मांगा । । इस बीच मुख्यमंत्री मायावती ने दलित की बेटी को फिर मुख्यमंत्री बनाने की अपील आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश की चुनावी सभाओ में की ।इस चुनाव में पहली बार मायावती इतने तीखे तेवर के साथ दलित ध्रुवीकरण की कोशिश में दिखी । एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी ने फिर सरकार बनाने का दावा किया वही कांग्रेस अब इस दावे से पीछे हटती नजर आ रही है। सोमवार को केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने एक सवाल के जवाब में कहा -हमें पता है कि हमारी सीटें २२ से २२० नहीं होने जा रही और न हम सरकार बनाने जा रहे । पर कांग्रेस को इस चुनाव में बड़ा फायदा होने जा रहा है । सीट भी बढ़ेगी और वोट भी । बीस फीसद बढे हुए वोट में बड़ी हिस्सेदारी कांग्रेस की है। उसके बाद यह दूसरे दलों में बंटा है । सिब्बल की टिपण्णी का संकेत साफ़ है । दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने आज दावा किया कि पार्टी का सत्ता में आना तय हो गया है जबकि कांग्रेस अब बुरी तरह पिछड़ गई है ।
समाजवादी पार्टी और बसपा के आक्रामक तेवर उत्तर प्रदेश में सत्ता के बढ़ते संघर्ष का आगाज दे रहे है । मायावती ने जिस तरह आज दलित की बेटी को फिर एक मौका देने के लिए दलित समाज से अपील की है वह काफी महत्वपूर्ण है । आगरा और अलीगढ़ में जाटव बिरादरी का बड़ा समर्थन मायावती को मिल चुका है और वे फिर अपने बिरादरी के लोगों को पूरी तरह एकजुट होकर बसपा के लिए वोट करने को प्रेरित कर रही है । यह उनका वह ठोस और बड़ा वोट बैंक है जिसके चलते वे सत्ता के समीकरण में अपनी दखल बनाए हुए है । कांग्रेस सांसद पीएल पुनिया का दावा है कि इस वोट बैंक में इस बार कांग्रेस सेंध लगा चुकी है । कांग्रेस ने न सिर्फ जाटव बल्कि गैर जाटव दोनों वोट बैंक को प्रभावित किया है । यदि कांग्रेस का यह दांव चल गया तो इस बार कांग्रेस से ज्यादा सपा व अन्य दलों मसलन लोकदल आदि को उसका फायदा मिल सकता है जो ज्यादातर जगहों पर सीधे मुकाबले में है ।
इस बीच समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि प्रदेश की जनता के बीच अपनी कथनी व करनी के प्रति विश्वसनीयता के चलते सपा को विधानसभा चुनावों में जो बढ़त मिल रही है उससे उसका सत्ता में आना निश्चत हो चुका हैं। इससे हताश व निराश विपक्षी अब भ्रामक प्रचार और झूठे दावों पर उतर आए हैं। इसमें बसपा के साथ कांग्रेस और भाजपा भी शामिल हो गई है। बसपाराज में अत्याचार और भ्रष्टाचार चरम पर रहा जिसको केन्द्र की कांग्रेस सरकार का पूरा संरक्षण रहा है। चौधरी ने कहा कि भाजपा ने इसके खिलाफ कोई संघर्ष नहीं किया क्योंकि इन दोनों की साठगांठ भविष्य की संभावनाओं पर टिकी है। उन्होंने यह भी कहा कि मायावती का उत्तर प्रदेश में सात फीसद विकास दर का दावा महज छलावा और जनता को धोखा देना है। सच तो यह है कि बसपा सरकार में एक प्रतिशत भी विकास दर नहीं बढ़ी है। बसपा ने तो प्रदेश का खजाना लूटकर इसे दिवालिया बना दिया है। जबकि मुलायम सिंह यादव अपने समय में 24 हजार करोड़ रूपए खजाने में छोड़ गए थे। चौधरी ने कहा कि बसपाराज में प्रदेश का विकास तो नहीं हुआ लेकिन कंगाल जरुर हो गया है। उन्होंने कहा कि बसपा राज में उत्तर प्रदेश पर दो लाख करोड़ का कर्ज चढ़ गया है। बसपाराज में अनुत्पादक मदों पर बजट लुटाया गया है। 40 हजार करोड़ रूपए तो पार्को, स्मारकों, पत्थर के हाथियों व कांशीराम व मायावती की मूर्तियों पर ही फूंक दिए गए।
दूसरी तरफ बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती जी ने आज अलीगढ़ ,आगरा की चुनावी सभा में कहा कि विरोधी पार्टियां, विशेषकर कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री एवं एक दलित की बेटी की सरपरस्ती में प्रदेश में हो रहे सर्वांगीण विकास को पचा नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सहित सभी विरोधी दल उत्तर प्रदेश में अपनी खिसकती राजनीतिक जमीन को बचाए रखने के लिए भ्रष्टाचार तथा अपराधियों को संरक्षण देने जैसे भांति-भांति के आरोप लगाकर प्रदेश की सरकार को बदनाम करने में लगे हैं। मायावती ने सर्वसमाज के साथ ही दलित समाज का आव्हान किया कि वे यदि उत्तर प्रदेश में दलित की बेटी को मुख्यमंत्री के पद पर फिर से देखना चाहते हैं तो मतदाता सभी बाधाओं को पार करते हुए और एकजुटता के साथ बसपा के सभी प्रत्याशियों को भारी बहुमत से जिताने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि अपना वोट तो दें हीं, साथ ही अपने संगी-साथियों के भी वोट डालने के लिए उन्हें प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए दलित समाज के लोगों को रात-दिन मेहनत करके गली कूचे से निकालकर एक-एक वोट डलवाना होगा। उन्होंने कहा हर एक सीट जिताना सर्वसमाज की जिम्मेदारी है। उन्होंने दृढ़तापूर्वक विश्वास दिलाया कि यदि बसपा के प्रत्याशी भारी संख्या में जीतकर विधानसभा में आते हैं तो अन्य कोई मुख्यमंत्री नहीं बनेगा, बल्कि आपकी अपनी दलित की बेटी ही मुख्यमंत्री बनेगी।जनसत्ता

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