Tuesday, February 7, 2012

राहुल गांधी को 'युवा तुर्क' में बदल रही है कांग्रेस



अंबरीश कुमार
मऊ , फरवरी । कांग्रेस राहुल गांधी की युवा तुर्क वाली नई छवि गढ़ रही है । पिछले तीन दिन में पूर्वांचल के दौरे पर निकले राहुल गांधी की भाषा ,तेवर और अंदाज बदला हुआ है । वे पहली बार बार उस भाषा का इस्तेमाल करते नजर आ रही है जो उनकी बाबा वाली छवि को ध्वस्त कर रहा है और मायावती से लेकर मुलायम सिंह को आहत करने वाला है । आज की रैली में भी राहुल गांधी का वही अंदाज था ,कुर्ते की बांह मोड़ना मुठ्ठियाँ भींचना और गुस्से में भर्राई आवाज में बोलना । आज पूर्वांचल की जनसभा में राहुल गांधी का हमला जारी रहा । राहुल गांधी ने यहाँ की जनसभा में कहा -राजनीति का मतलब पद नहीं होता है । राजनीति का मतलब गाँव में जाओ ,जनता की आवाज सुनो ,हाथ पकड़ कर पूछो कि क्या कर सकते है हम आप के लिए बताओ । उस आवाज को उठाना राजनीति होती है ।
राहुल गांधी ने आगे कहा -पद तो दीवार बन जाते है । मायावती ने अच्छी पहल की चीफ मिनिस्टर बनी चालीस फुट की दीवाल बन गई सब भूल गई । मुलायम सिंह ने अच्छा काम किया बाद में सब भूल गए । राहुल गांधी कल से कांग्रेस सरकार के बहुमत की बात करना बंद कर चुके है । अब वे राजनीति में त्याग और शुचिता की बात कर रहे है । इस बदलाव को कांग्रेस की मौजूदा हालत से जोड़ कर देखा जा रहा है । राहुल गांधी का नया अंदाज आज भी पूर्वांचल में लोगों ने देखा ।
लखनऊ विश्विद्यालय के राजनीति विभाग के प्रोफ़ेसर आशुतोष मिश्र ने जनसत्ता से कहा - कांग्रेस राहुल गांधी की नई छवि एक ब्रांड के रूप में गढ़ने की कोशश कर रही है जो उसकी राजनैतिक रणनीति का हिस्सा है । वे राहुल गांधी को नराज नौजवानों से जोड़ने के लिए ऐसा कर रहे है । राहुल गांधी आजकल उसी तेवर में बांह चढाते हुए मुठ्ठी लहराते हुए दाढ़ी पर हाथ फेरते हुए भाषण दे रहे है । पर कांग्रस ने जिस तरह फ़िल्मी सितारों को मैदान में उतारा है उसे वे भी हल्कापन ही मानते है । पर राहुल गांधी की इस भाषा पर समाजवादी पार्टी ने विरोध दर्ज कराया और कहा -राजनीति के अपराधीकरण की शुरुआत संजय गांधी के नेतृत्व में इसी कांग्रेस ने की थी । पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा -कांग्रेस से ज्यादा गुंडागर्दी किसी ने ने नहीं की है । राहुल गांधी पहले अपनी पार्टी का इतिहास और अपने चाचा के योगदान की जानकारी ले फिर दूसरों को कोई पाठ पढाए ।
गौरतलब है कि आजादी के आंदोलन से निकली सौ साल से ज्यादा पुरानी कांग्रेस पार्टी ने जिस तरह थके हारे फ़िल्मी सितारों को पूर्वांचल में उतरा है उसपर भी सवाल उठ रहे है । साथ के दशक की अभिनेत्री जीनत अमान ,संजय दत्त ,नगमा आदि का प्रचार में उतारना बहुत से लोगों के गले नहीं उतर रहा । मऊ के मिर्जा बेग ने कहा -कांग्रेस कुछ परेशान नजर आती है वर्ना इन फ़िल्मी सितारों से कौन वोट देने जा रहा है नए बच्चे तो जीनत अमान को जानते भी नहीं । दूसरी तरफ राहुल गांधी क जो भाषा बदली है वह भी समझ में नहीं आती ।
हालाँकि कुछ लोग मानते है कि बढ़ी दाढी,बिखरे बाल और गुस्सा जताते एक नौजावान में लोग कही खुद को तलाशने का प्रयास करते है । तीन चार दशक पहले युवा तुर्क नेताओं में पूर्वांचल के चंद्रशेखर शुमार किए जाते थे । अब वही पूर्वांचल राहुल गांधी का नया तेवर देख रहा है । कांग्रेस के विज्ञापनों में भी राहुल गांधी की यही छवि गढ़ी जा रही है । राजीव गांधी के समय में भी रीडिफ्यूजन एजंसी का सहारा लेकर कांग्रेस ने विपक्ष पर हमला बोला था । इस बार हमला राहुल गांधी बोल रहे है । सपा और बसपा में एक को चोर तो दूसरे को गुंडा बता रहे है । राहुल गांधी की पहले की छवि बहुत ही शालीन नेता की थी तो लोगों ने उन्हें बाबा से लेकर बच्चा कह कर ख़ारिज करने का प्रयास किया । अब राहुल गांधी ऐसी भाषा बोल रहे है जो गांधी परिवार की पुराणी छवि से मेल नहीं खाती है । इसका राजनैतिक रूप से कितना फायदा होगा यह तो पूर्वांचल के नतीजे बताएँगे । jansatta

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