Saturday, February 11, 2012
योगी और मौर्य ने दिखा दी राजनैतिक दिशा
अंबरीश कुमार
लखनऊ , फरवरी । पूर्वांचल में आज दो घटनाएं चर्चा में रही जो आज हुए दूसरे चरण के मतदान की राजनैतिक दिशा की ओर इशारा कर रही है । कुशीनगर में बसपा सरकार के ताकतवर मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को मतदान केंद्र पर एक गार्ड ने बुरी तरह डपट दिया तो दूसरी तरफ पूर्वांचल में हिंदुत्व की प्रयोगशाला चला रहे योगी आदित्यनाथ ने आज बीच चुनाव में पीठ दिखाकर लगातार संकट से जूझ रही भारतीय जनता पार्टी के लिए नया संकट भी पैदा कर दिया । इस चुनाव में अब तक कांग्रेस नेता बयानबाजी से पार्टी की फजीहत करा रहे थे अब वह काम भाजपा के कद्दावर नेता योगी आदित्यनाथ ने अपनी पार्टी में कर दी है जिसके चलते भाजपा के कई नेताओं को सफाई देना भारी पड़ गया । योगी ने कहा किसी को बहुमत नहीं मिलेगा और फिर चुनाव होंगे । इससे पहले कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा था कि अगर किसी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला तो उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग जाएगा । जब चुनाव चल रहा हो तो इस तरह का बयान चुनाव में किसी खास समुदाय को धमकाने के लिहाज से दिया गया था यह राजनैतिक दल आरोप लगा रहे है । भाजपा नेता कलराज मिश्र ने कहा -यह तो चुनाव में जनता को धमकाने जैसा है जिसका चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए । तो दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने सवाल किया कि क्या यह चुनाव राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए किया जा रहा है यह तो सीधी धमकी है । दिग्विजय और फिर आज योगी का बयान इन दोनों राष्ट्रीय दलों की निराशा और हताशा दिखाता है जो मुख्य मुकाबले से बाहर हो चुके है ।
मायावती सरकार के ताकतवर काबीना स्वामी प्रसाद मौर्य को आज पडरौना के मतदान केंद्र में जिस तरह एक सिपाही ने डपटा वह मायावती सरकार के राजनैतिक भविष्य पर साफ़ टिप्पणी है । केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने इस पर कहा -यह जाती हुई सरकार की बौखलाहट को दर्शाता है । उत्तर प्रदेश में मायावती सरकार से पुलिस और अन्य सरकारी बुरी तरह नाराज है । उगाही में तो इनका जमकर इस्तेमाल हुआ पर किसी के प्रमोशन और अन्य सुख सुविधाओं की चिंता नहीं की । आजमगढ़ में एक सिपाही ने इलाहाबाद में रहने वाले अपने माता पिता को चेतावनी देते हुए कह रखा है -अगर सपा को को वोट नहीं दिया तो समझ लेना तुम्हारा लड़का मर गया है । यह बानगी है पुलिस की नाराजगी की । बाराबंकी में एक थानेदार ने कहा -अगर थानों को हम अपने पैसे से न ठीक कराए तो यह गिर जाएगा । हम २४ घंटे डियूटी पर रहते है पर बीस साल से न प्रमोशन हुआ और न पैसा बढ़ रहा है । अब यह लोग चुनाव आयोग की नई व्यवस्था से आसन तरीके से वोट डालने जा रहे है जहाँ वे तैनात है । बस्ती जिले में इस तरह के नौ हजार कर्मचारी है । गोरखपुर से एसके सिंह ने कहा -इन सभी सरकारी कर्मचारियों में से सत्तर फीसद वोट एक तरफ पड़े है । नाराजगी का यह वोट किधर जाएगा इसका संकेत पडरौना के उस सिपाही ने आज दे दिया जिसने मंत्री को संत्री के अंदाज में डपटा । और हर जगह इनका तीन चार हजार वोट क्या गुल खिलाएगा यह नतीजों के बाद देखना चाहिए ।
दूसरी तरफ चुनाव परिणाम आने से पहले ही योगी के मैदान छोड़ने की कई वजह है । एक तो उग्र हिंदुत्व का वह असर अब नहीं रहा जो पहले था ऐसे में भाजपा को कोई ज्यादा लाभ पूर्वांचल में मिलता दिख नहीं रहा । दूसरे टिकट बंटवारे में भी उनकी नहीं चली । तीसरे भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही से उनका छतीस का आंकड़ा है । शाही की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं मानी जा रही है जिसमे उनका निजी योगदान भी कम नहीं है । लोकसभा चुनाव में पूर्वांचल में भाजपा के ब्राह्मण चेहरे प्रकाश मणी त्रिपाठी देवरिया में हुई हार में उनकी भूमिका पर सवाल उठ चुका है इसलिए इस बार उसका भी हिसाब हो रहा है । ऐसे में सबका ठीकरा योगी पर ही फूटना था इसलिए उन्होंने पहले ही पेशबंदी कर विवादस्पद टिप्पणी कर दी । वैसे वे अपनी हिन्दू युवा वाहिनी को पहले ही इन चुनाव में शांत रहने का संदेश दे चुके है । पर आज के बयान का भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है । दिग्विजय सिंह ने छूटते कहा -इससे यह तो साफ़ हो गया कि भाजपा चुनावी लड़ाई से पूरी तरह बाहर हो चुकी है । पर साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि योगी को पीस पार्टी के साथ अप्रत्यक्ष गठबंधन के बारे में बताना चाहिए । गौरतलब है कि पीस पार्टी के अध्यक्ष डाक्टर अयूब इस आरोप से काफी दुखी होकर पहले ही कह चुके है -इस सवाल का जवाब देते देते मै तंग आ गया हूँ । इसी से एक तरफ हिदुत्व और दूसरी तरफ मुस्लिम राजनीति के नए गठजोड़ को समझा जा सकता है । इस बीच
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव के दूसरे चरण में विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त सूचना के आधार पर समाजवादी पार्टी को 59 में 45 सीटों पर जीत मिल रही है। समाजवादी पार्टी के प्रति आम लोगों में यह लगाव दिखाकर बसपा की कुनीतियों से क्षुब्ध और आक्रोशित मतदाताओं ने प्रदेश में सत्ता की बागडोर समाजवादी पार्टी के हाथ में देने का अपना संकल्प दुहराया है। jansatta
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