Monday, February 13, 2012

नेताओं के साथ नौकरशाह भी चुनाव आयोग के गले की हड्डी बने


अंबरीश कुमार
लखनऊ ,१३ फरवरी । उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग को राजनैतिक मोर्चे के साथ नौकरशाही से भी निपटना पड़ रहा है । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कानून मंत्री सलमान खुर्शीद को लेकर चुनाव आयोग को कड़ा कदम उठाना पड़ा तो पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह के राष्ट्रपति शासन वाले बयान पर विपक्ष ने कार्यवा की मांग की है । दूसरी तरफ नौकरशाही को लेकर आज चुनाव आयोग को बड़ी कार्यवाई करनी पड़ी । उत्तर प्रदेश में नौकरशाही मतदाताओं को हतोत्साहित कर भारी मतदान को प्रभावित तो कर रही है साथी बसपा के हितों का खास ध्यान रख रही है ,यह विपक्ष का आरोप है । चुनाव आयोग ने आज जिस तरह बड़े पैमाने पर आला अफसरों के तबादले किए उससे यह साफ़ भी हो गया कि इस आरोप में दम है । आंधी पानी और तेज ठंड में पहले चरण का मतदान बासठ फीसद से ऊपर गया था तो दूसरे दौर में खिली धूप में मतदान साठ फीसद से नीचे चला जाना उन राजनैतिक दलों के लिए चिंता का कारण बन गया जो अपनी बढ़त देख रहे है । समाजवादी पार्टी ने आज साफ कहा कि उत्तर प्रदेश के कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह ,वरिष्ठ नौकरशाह कुवंर फ़तेह बहादुर और पीएसी के मुखिया बृजलाल के चलते दूसरे चरण का मतदान प्रभावित हुआ । इन अफसरों के इशारे पर कई जिलों के कलेक्टर और एसपी ने मतदाताओं को हतोत्साहित करने की कोशिश की क्योकि भारी मतदान को वे बसपा के खिलाफ मान रहे है । इन अफसरों को फ़ौरन हटाया नहीं गाया तो तीसरे चरण का मतदान प्रभावित होगा । इस बीच चुनाव आयोग ने आज रायबरेली ,अमेठी ,सीतापुर ,जौनपुर ,नोयडा और मेरठ के कई अफसरों के खिलाफ शिकायत मिलने पर उन्हें अपनी जगह से हटा दिया । इनमे सबसे महत्वपूर्ण तबादला रायबरेली की कलेक्टर अमृत सोनी का रहा जिनके खिलाफ कांग्रेस ने शिकायत की थी । उन्हें सीतापुर भेज दिया गया और वहां के डीएम अजय शुक्ल को रायबरेली का डीएम बना दिया गया है। इसके बाद दूसरा बड़ा तबादला उसमें मेरठ के डीआईजी प्रेम प्रकाश का माना जा रहा हैं।
प्रेम प्रकाश को हटाकर अब डीआइजी फूड एंड ड्रग (एफडीआइ) के पद पर तैनात किया है। यहां पर तैनात हरिराम शर्मा को मेरठ का डीआइजी/एएसपी बना दिया गया है। इसी तरह संत रविदास नगर में एसडीओ ज्ञानपुर के पद पर तैनात अंजनी कुमार सिंह को चुनावी प्रक्रिया से बहार करने का निर्देश दिया गया है । अम्बेडकर नगर में एसडीओ टांडा के पद पर तैनात बद्री नाथ सिंह को एसडीओ ज्ञानपुर बनाया है। रायबरेली के डलमऊ में तैनात एसडीएम बीएल सरोज का तबादला करते हुए आयोग ने अब फैजाबाद में एसडीएम रुदौली के पद पर तैनात मनोज राय को एसडीएम डलमऊ के पद पर भेजा है।जौनपुर में डीएसपी के पद पर तैनात हरिनाथ शर्मा को हटाकर उनके स्थान पर 47वीं वाहिनी पीएसी गाजियाबाद में उप सेनानायक पद पर तैनात बृजेश कुमार श्रीवास्तव को लाया गया है। हरिनाथ शर्मा को भी चुनाव प्रक्रिया से से बाहर कर दिया गया है। इस तरह कई अफसरों पर पुलिस की गाज गिरी है ।
समाजवादी पार्टी ने इसके खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा - अपनी खोई हुई जमीन से परेशान कांग्रेस ने भ्रष्टाचार की नाव के साथ डूबने को तैयार बसपा से साठगांठ कर ली है। और इसमें बसपा के दलाल बन चुकी नौकरशाही भी शामिल हो गई है। सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि खराब मौसम के बावजूद उत्तर प्रदेश में राज्य विधान सभा चुनावों के प्रथम चरण में आठ फरवरी को 62 फिसद जनता ने मतदान किया। लोगों के इस उत्साह और मतदान के प्रति जागरूकता की सभी ने प्रशंसा की और मतदाताओं के प्रति आभार जताया। वहीँ मतदान के दूसरे चरण में 11 फरवरी को मतदान फिसद में अप्रत्याशित गिरावट देखी गई। मात्र 59 फिसद ही मतदान हुआ। यह गिरावट चिंताजनक है और इसके पीछे गहरी साजिश होने का अंदेशा है। उन्होंने कहा की सपा ने पहले ही यह आशंका जताई थी कि प्रदेश में स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनावों के रास्ते में मुख्यमंत्री और उनके चहेते अफसरान हर तरह के अड़ंगे लगाएगें। तमाम शिकायतों के बावजूद कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह, डीजी पीएसी, बृजलाल मुख्यमंत्री के सचिव फतेहबहादुर सिंह, डीआईजी डीके ठाकुर को उनके पदों पर बरकरार रखा गया है। और ये अफसरान अभी भी पंचमतल से अधीनस्थ अधिकारियों पर बसपा के पक्ष में दबाव बना रहे हैं। ये अफसर सपा के सत्ता में आने से भयभीत हैं। इसलिए मतदान में अभी से गड़बड़ी करने लगे है। उन्होंने कहा कि देवरिया के रूद्रपुर और पथरदेवा विधान सभा क्षेत्र में तो मतदाताओं पर लाठीचार्ज भी किया गया। कांग्रेस भी मिलकर खेल कर रही है। और वह भी स्वतंत्र ढंग से काम कर रहे अधिकारियों के विरूद्ध है। कांग्रेस महासचिव प्रदेश में राष्ट्रपति राज की बात करने लगे हैं। तो भाजपा को मध्यावधि चुनाव की संभावना दिखती है। उन्होंने कहा कि सपा सत्ता में आते ही ऐसे अफसरों की जवाबदेही तय करेगी। जो अपनी सेवा नियमावली के प्रतिकूल आचरण करते पाए जाते हैं।jansatta

No comments:

Post a Comment