Saturday, February 4, 2012

खबरिया चैनल कर रहे हैं चुनाव प्रचार


आशुतोष सिंह
लखनऊ फरवरी। चुनाव आयोग के नाक नीचे खबरिया चैनल तरह तरह के हथकंडे अपना कर पार्टियों के कर रहे हैं चुनाव प्रचार । शनिवार को इस बात की शिकायत भारत निर्वाचन आयोग व उत्तर प्रदेश निर्वाचन आयोग से लखनऊ में फिर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने की है।उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टियों के प्रचार का सिलसिला तू डाल डाल में पात पात की तर्ज पर चुनाव आयोग व खबरिया चैनल के बीच चल रहा है।भाकपा के राज्य सचिव डा गिरीश ने कहा कि निर्वाचन आयोग की तमाम सख्ती के बावजूद तमाम निजी खबरिया चैनलों पर पेड न्यूज का प्रसारण किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया की लाइव न्यूज़ दिखाने के नाम पर खबरिया चैनल प्रदेश के बड़ी पार्टियों के नेताओं की खबर बड़ी देर तक दिखा कर पार्टी पक्ष में जनता का माहौल तैयार कर रहे हैं। इसके लिये उन्होंने कई तरीके निकाल रखे हैं। न्यूज के नाम पर कांग्रेस,बहुजन समाज पार्टी, भारतीय जनता पार्टी व समाजवादी पार्टी के नेताओं के भाषणों का सजीव प्रसारण किया जा रहा है ।और इन भाषणों को बार बार दोहरा कर दिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसी तरह इन दलों के नेताओं के ऊपर दस व पंद्रह मिनट के फीचर प्रसारित किये जा रहे हैं। गौरतलब है कि भाकपा उत्तर प्रदेश की राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त छह राजनैतिक पार्टियों में से एक है। भाकपा उत्तर प्रदेश में इक्यावन सीटों पर चुनाव लड़ रही है। डा गिरीश ने आरोप लाया कि हमारी पार्टी की गतिविधियों को किसी चैनल पर कोई जगह नहीं दी जा रही है। इतना ही नहीं ठीक इसी तरह तीन फरवरी को एक राष्ट्रीय चैनल ने प्रियंका गांधी के भाषण को सीधे प्रसारित किया। और इस भाषण को बार बार दोहराया जबकि वे किसी सार्वजनिक पद पर भी नहीं हैं। तीन फरवरी को ही एक प्रादेशिक चैनल ने मुख्यमंत्री मायावती के भाषण को सीधे प्रसारित किया। साथ ही साथ उसे कई बार दिखाया भी गया। इसी तरह के कई अन्य हथकंडे अपनाये जा रहे हैं। यह सारे हथकंडे पेड न्यूज़ की काट निकलने के तर्ज पर खबरिया चैनल अपना रहे हैं। डा गिरीश ने कहा कि इस मामले में हमने पहले भी चौबीस जनवरी को इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की थी। जिस पर किसी कार्यवाही की सूचना हमें आज तक प्राप्त नहीं हुई है। चुनाव आयोग को लिहे पत्र में डा गिरीश ने मांग कि है की यह सीधे तौर पर पेड न्यूज का मामला है। जिसकी गंभीरता से जांच करा कर कठोर कार्यवाही की जानी चाहिये ।
वहीँ दूसरी तरफ सामाजिक कार्यकर्त्ता व मैग्सेसे पुरस्कार पानेवाले संदीप पांडे ने भी निर्वाचन आयोग से पेड न्यूज़ के खिलाफ शिकायत की है। निर्वाचन आयोग को लिखे पत्र के साथ साथ संदीप पांडे ने अखबार की कतरने भी भेजी हैं। जिसमें समाजवादी पार्टी के नेताओं की चुनावी सभा में भीड़ जुटने वाली फोटो पर सवाल उठाया है कि क्या सिर्फ इनकी सभा में ही भीड़ जुट रही है । उन्होंने कहा कि लगता है की ज्यादातर फोटो इस कोण से ली गई हैं कि सामने भीड़ अच्छे से दिखाई दे। वहीँ दूसरी पार्टियों के नेताओं फोटो इस कोण से जानबूझ कर नहीं ली गई है। संदीप पांडे ने कहा कि हमें संदेह है कि समाजवादी पार्टी का इन समाचार पत्रों जिनमें ये फोटो छपी हैं कोई गठजोड़ है। इसकी जांच होनी चाहिए कि कहीं ये प्रायोजित खबर का मामला तो नहीं।
जनसत्ता

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