Monday, February 20, 2012

कांग्रेस और भाजपा को संजीवनी दे सकता है बुंदेलखंड



अंबरीश कुमार
उरई /महोबा , फरवरी। पानी ,पलायन और बिगड़ते पर्यावरण से जूझ रहा बुंदेलखंड इस बार कांग्रेस और भाजपा को संजीवनी दे सकता है ।समाजवादी पार्टी पिछल बार भी यहाँ दूसरे नंबर थी इसलिए उसका फायदा इन दोनों के मुकाबले कम होगा । दूसरे शब्दों में कहे तो बड़ा नुकसान बसपा का होता नजर आ रहा है और फायदे में बाकी सब हिस्सेदार है । बसपा को यह नुकसान उसकी उस राजनीति से भी हो रहा है जिसके चलते इस पूरे अंचल में प्राकृतिक संसाधनों की बेदर्दी से लूट हुई । महोबा जाते समय कबरई में यह लूट दिखती है जहाँ पहाड़ खोदकर ताल में तब्दील कर दिया गया है । इस लूट को सिर्फ देखा ही नहीं सुना भ जा सकता है ।डाइनामाईट के धमाको की आवाज अब लोगों के जीवन का हिस्सा बन गई है । बुंदेलखंड दो हिस्सों में बनता हुआ है जिसमे इधर के बुंदेलखंड में बबूल के कांटे नजर आएंगे तो मध्य प्रदेश वाले हिस्से में महुआ ,आम अमरुद और अन्य हरे भरे बड़े दरख़्त । कुछ ही दूर पर मशहूर खजुराहो है जो रेगिस्तान में नखलिस्तान की तरह नजर आता है । इस बुंदेलखंड में ज्यादातर उम्मीदवार वही है पार्टियाँ बदल गई है । और बहुत से उम्मीदवार भी लूट के इस खेल में शामिल है पर उनकी जाति बिरादरी उनका अपराध माफ़ कर देती है । बाबू सिंह कुशवाहा इसका बड़ा उदाहरण है जो प्रदेश के सबसे बड़े घोटाले के मुख्य अभियुक्त होने के बावजूद भाजपा की सोशल इंजीनियरिंग के सबसे बड़े इंजीनियर बने हुए है । फिर भी प्राकृतिक संसाधनों की लूट बड़े नेताओं को अपना राजनैतिक एजंडा बदलने के लिए मजबूर करती है । आज चरखारी में उमा भारती ने कहा -मै इस क्षेत्र के लिए तुलसी समान हूँ जिसमे सभी दलों को पानी डालना होगा ।
वह पानी जो इस अंचल के लिए पिछले कई साल से मुद्दा बना रहा और लोगों का गाँव खेती सब छुट गया । पांच साल में बतीस लाख का पलायन यही दर्शाता है । इस बार बर्ष का रिकार्ड टुटा तो दलहन में उड़द ,मूंग ,मसूर ,मटर जैसी फसलों से किसान कुछ राहत महसूस कर रहा है । पर पानी का संकट महीने दो महीने में फिर गहरा जाएगा । समूचे बुंदेलखंड को जिस तरह खोदा गया है उससे पहाड़ गायब हो रहे है और नदियों पर संकट गहरा रहा है । जालौन हमीरपुर की सीमा बताने वाली बेतवा नदी की धार लोगों ने खोद खोद कर बदल दी है । यह वह नदी है जो सबसे ज्यादा पानी और खुशहाली लेकर आती थी ।अब जालौन के निषाद बिरादरी के हजारों परिवार जो खीर ,कद्दू लौकी जैसी सब्जियां इसके पानी से लेते थे सब बदहाल हो रहे है । बेतवा की यह धार भी अप्रैल आते आते टूट जाती है । उरई में सुनील शर्मा के मुताबिक यह सब सवाल लोगो को मैथ भी रहा है जिसकी कीमत सत्तारूढ़ दल को देनी होगी जिसे इन चुनाव में बड़ा नुकसान होता दिख रहा है ।
यही हाल तालों के शहर महोबा का है जहाँ कुछ दिनों बाद पानी का संकट शुरू हो सकता है । जनसत्ता के प्रतिनिधि हरिश्चंद के मुताबिक बसपा के नेताओ को लेकर लोगों की नाराजगी है और कुशवाहा बसपा से बाहर है इसलिए बिरादरी का साथ ही नहीं मिल रहा बल्कि वे अपनी बिरादरी का वोट भाजपा को ट्रान्सफर भी करा रहे है । दुसरे उमा भारती की वजह से भाजपा का पिछड़ा वोट बैंक मजबूत हुआ है जिसके चलते इस बार बुंदेलखंड में भाजपा को संजीवनी मिलने जा रही है । भाजपा चार पांच सीट जीत सकती है और उसी के आसपास कांग्रेस । सपा बढ़ेगी पर उतना नही जितना भाजपा क्योकि उसके पास पहले से ही चार सीटों का खाता है ।
साफ़ है प्राकृतिक संसाधनों की लूट और पलायन इस बार बुंदेलखंड में बसपा के लिए संकट पैदा कर चुका है । बीते पांच साल में बतीस लाख का लोगो का पलायन जो मुख्यतः लालितपुर ,माहोबा ,बांदा ,जालौन जैसे जिलों से हुआ वह रंग लाता दिख रहा है । भूख भुखमरी और अकाल से जूझते बुंदेलखंड में मायावती के हाथी का रास्ता आसान नहीं है ।jansatta

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