Tuesday, December 12, 2017

जहाज का विकास

अंबरीश कुमार अमदाबाद में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सी प्लेन की यात्रा चर्चा में है .इसे विकास का भी मानक बताया जा रहा है .हालांकि देश में यह सेवा कई वर्ष पहले अंडमान में शुरू हो चुकी है और बहुत लोकप्रिय भी है .इसलिए इसे देश में पहली बार शुरू किया गया यह कहना ठीक नहीं है .पूर्वोत्तर भारत और समुद्री द्वीप में भी छोटे जहाज और हेलीकाप्टर की सेवा जारी है .एक दिलचस्प तथ्य यह भी बताया जा रहा है कि जिस दस सीट और सिंगल इंजन वाले कोडियाक 100 सी प्लेन में मोदी आज अमदाबाद में चढ़े वह इससे पहले पाकिस्तान के कराची में था .चुनाव की इस बहस में यह तथ्य भी अद्भुत है . इस बहस से याद आया कि मैंने नब्बे के दशक में पहली बार समुद्री जहाज से यात्रा की की .गया सवारी और कार्गो जहाज से तो लौटा लक्जरी क्रूज वाले जहाज से .कावरेत्ती से अगाती फिर बंगरम द्वीप जाना था .साधन था हेलीकाप्टर जिसका भाड़ा था अस्सी रुपए सवारी .होवर क्राफ्ट भी थे पर गहरे समुद्र में तेज रफ़्तार की वजह से बेटे को उल्टी जैसा महसूस होता था और हेलीकाप्टर पर चढ़ने की इच्छा भी इसलिए उसी से गए .यह वहां के निवासियों के लिए आम साधन जैसा था जिसके लिए सरकार सब्सिडी भी देती . कावरेती से बंगरम द्वीप जाने वाले सैलानी भी इन हेलीकाप्टर या फिर छोटे जहाज का इस्तेमाल करते .आम लोग भी द्वीप के बीच की यात्रा इन हेलीकाप्टर से करते .यह कोई विलासिता का मामला भी नहीं था बल्कि जरुरत थी लोगों की .क्योंकि दो द्वीप को जोड़ने का दो ही रास्ता था .समुद्र का या हवा का .इसलिए छोटे जहाज और हेलीकाप्टर का इस्तेमाल आम बात थी . करीब ढाई दशक पहले उधर आम जनता के लिए यह सेवा थी .पूर्वोत्तर में भी कई जगह है .पर यह विकास का कोई मानक बन जाए यह कैसे संभव है .इन द्वीप से लेकर पूर्वोत्तर राज्यों के हालात सभी को पता है .अपना यूपी बहुत पिछड़ा माना जाता है .वर्ष बारह में यानी पांच साल पहले अमदाबाद जिस दिन पहुंचा था उसी दिन राज्य की पहली लो फ्लोर बस का उद्घाटन हो रहा था .मोदी ही कर रहे थे . अपने यहां लखनऊ में इंदिरा नगर से हजरत गंज तक मै ऐसी कई बसों में बैठ चुका था .गुजरात की बसे ठीक चेन्नई जैसी नजर आ रही थी बहुत पुराने ढंग की खिडकियों वाली .वही लाल रंग वाली बसे .द्वारका से दीव की यात्रा की तो सड़क इतनी खराब थी की पीठ दर्द होने लगी . आवागमन के साधन की बात हो तो मेट्रो तो कोलकोता में पहले आई फिर दिल्ली मुंबई और अब लखनऊ में भी बैठ सकते हैं .विकास को खाली बस ट्रेन पानी वाले जहाज से न नापे .किसान किस हाल में है नौजवान किस हाल में है .शिक्षा स्वास्थ्य का क्या हाल है .इन सब मानक पर भी बात होनी चाहिए .दलित पिछड़े अल्पसंख्यक कितने सुरक्षित हैं इसे मानक माना जाना चाहिए .बेटियां कितनी सुरक्षित हैं इसे मानक माना जाना चाहिए .सी प्लेन पर सभी नहीं चढ़ने वाले और जिन्हें चढ़ना है वे शानदार जहाज पर कहीं भी चढ़ लेंगे . पहली फोटो -अंडमान का सी प्लेन दूसरी नब्बे के दशक से सवारी ढोते लक्ष्यद्वीप के हेलीकाप्टर