Sunday, February 19, 2012

अटल से लेकर सोनिया गांधी तक के गढ़ में चुनौती दे रही है सपा


अंबरीश कुमार / वीथिका
लखनऊ/रायबरेली , फरवरी। उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के आज चौथे चरण के मतदान के बाद सभी दलों के दावों के बीच यह साफ़ हो चुका है कि पूरी ताकत और दमखम के साथ सिर्फ समाजवादी पार्टी ही लड़ रही है । शहरी इलाकों के चुनाव में नए ,युवा और बढे हुए मतदाताओं के चलते सभी दल आशंकित है पर ग्रामीण इलाकों में जहां जातियां लडती है वहां समाजवादी पार्टी सभी जगहों पर मुकाबला कर रही है । यह रुख पूर्वांचल के बाद आज हुए ५६ सीटों के मतदान में भी दिखा । लखनऊ में इस बार भाजपा को सपा के साथ कांग्रेस भी कड़ी टक्कर दे रही है । कुछ जगहों पर बातचीत के बाद नौजवानों का रुझान कांग्रेस ,सपा और फिर भाजपा के पक्ष में दिखा जिसमे आभिजात्य वर्गीय नौजवानों का बड़ा हिस्सा कांग्रेस के साथ नजर आया । पर यह सिर्फ इस शहर के पाश इलाकों का रुझान है इससे भ्रमित नहीं हुआ जा सकता गाँव कस्बो की तरफ बढ़ते ही नजारा बदल जाता है । लखनऊ में अटल विहारी वाजपेयी के असर के चलते कलराज मिश्र को शहरी इलाके में अच्छा समर्थन मीलने की उम्मीद जताई जा रही है। पर इसी शहर की दूसरी सीटों पर समीकरण बदले बदले नजर आ रहे है। फ़िलहाल तस्वीर अभी बहुत साफ़ नहीं है पर अन्य जिलों से जो खबरे आ रही है उनसे एक संदेश साफ़ है कि ज्यादातर सीटों पर समाजवादी पार्टी मजबूती से लड़ रही है । लखनऊ के चुनाव पर नजर रखने वाले वीरेंद्र नाथ भट्ट ने कहा - आज जिस तरह मुस्लिम मतदाताओं ने समाजवादी पार्टी के पक्ष में वोट डाला वह १९९३ की याद दिलाता है पर बड़ा फर्क यह है कि यह कोई मजहबी ध्रुवीकरण नहीं बल्कि सत्ता विरोधी रुझान को दर्शा रहा था । यही वजह है कि कही कोई तनाव नहीं हुआ ।
इस बीच समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि विधान सभा के चौथे चरण के मतदान के परिणाम बहुत ज्यादा समाजवादी पार्टी के अनुकूल रहे हैं। पिछले तीन चरणों में जो रूझान मतदाताओं का समाजवादी पार्टी के पक्ष में दिखाई पड़ रहा था, उसमें अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। जनता ने अब त्रिशंकु विधान सभा के खतरे को महसूस करते हुए समाजवादी पार्टी की बहुमत की सरकार बनाने का मन बना लिया है। ऐसा विश्वास हो चला है कि समाजवादी पार्टी को अब तक लगभग 140 से ज्यादा सीटो पर जीत हासिल होगी।
दूसरी तरफ रायबरेली और अमेठी जैसे गांधी परिवार के गढ़ में समाजवादी पार्टी एक छोड़ सभी सीटों पर जिस तरह कांग्रेस को चुनौती दे रही है वह पार्टी के रणनीतिकारों को परेशान कर रहा है । रायबरेली सदर में तो बाहुबली अखिलेश सिंह जो हर बार आसानी से जीत जाते थे उन्हें भी कांटे का मुकाबला करना पड़ रहा है । इसी तरह समाजवादी पार्टी बछरांवा ,हरचंदपुर ,सरैनी ,ऊंचाहार विधान सभा सीट पर कांग्रेस को कड़ी टक्कर दे रही है । रायबरेली से जनसत्ता की प्रतिनिधि वीथिका के मुताबिक जिस तरह मुस्लिम और ब्राह्मण मतदाताओं का झुकाव सपा के पक्ष में आज दिखा वह पहले कभी नहीं दिखा । यह कांग्रेस के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योकि उसने पिछले २२ साल में रायबरेली में किसी ब्राह्मण उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया । ब्राह्मणों के रुख को लेकर जब प्रियंका गांधी से जनसत्ता ने बात की तो उनका जवाब था ,ब्राह्मण हमें नहीं वोट देगा तो किसे वोट देगा । पर जब उन्हें बताया गया कि ब्राह्मणों में यह नाराजगी टिकट बंटवारे को लेकर थी तो प्रिनका गांधी ने कहा -इस गलती को सुधारा जाना चाहिए था । आखिर कांग्रेस ही तो वह पार्टी है जिसके कार्यकर्त्ता मुझसे और राहुल गांधी से यहाँ मिल साकते है और अपनी बात कह सकते है । दूसरे दलों में यह बात नहीं है ।
अमेठी से स्वामिनाथ शुक्ल के मुताबिक अमेठी क्षेत्र की पांचो विधानसभा सीटो पर हुए मतदान में मुस्लिम, यादव व क्षत्रिय मतदाताओं का रूझान सपा में नजर आ रहा है। जो कांग्रेस प्रत्याशियो के लिए शुभ सकेंत नही है। आज के मतदान में तिलोइ के राजा मयंकेश्वर शरण सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है। साफ़ है इस बार अपने गढ़ में भी कांग्रेस का रास्ता बहुत आसान नहीं है । जनसत्ता

No comments:

Post a Comment