Tuesday, February 14, 2012

मै तो पत्रकारों के साथ पिकनिक जाता हूँ ,विरोध कैसा -रमन सिंह



छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह लगातार विवादों में रहे है चाहे सलवा जुडूम हो या फिर खनन क्षेत्र से जुड़ा विवाद .पछले कुछ समय से वे मीडिया से टकराव को लेकर भी चर्चा में रहे .इस बारे में जनसत्ता से जब बात हुई तो कुछ मुद्दों पर वे अटके ,कुछ पर भटके और कुछ आफ द रिकार्ड .पर मीडिया को लेकर मोटे तौर पर उन्हें कोई शिकायत नहीं है .उनसे मीडिया पर रोक लगाने से लेकर अपने पुराने सहयोगी और तहलका के पत्रकार राजकुमार सोनी के उत्पीडन तक पर चर्चा हुई जिनका लैपटाप पुलिस ने अब तक वापस नहीं किया है वे साइबर क्राइम के झमेले में फंसे है कोई गली गलौज नहीं प्रचलित भाषा का एक शब्द लिख देने की वजह से जिससे ज्यादा रोज फेसबुक के बहादुर लिख देते है .खैर जीतनी बातें समेटी जा सकीं वे इस खबर में है .

जमानत मिलने से विनायक सेन का गुनाह कम नहीं हो जाता -रमन सिंह
अंबरीश कुमार
लखनऊ ,१४ फरवरी । ऊतर प्रदेश विधान सभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार करने आए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने आज दावा किया कि इन चुनाव में भाजपा बड़े दल के रूप में उभरने जा रही है । भाजपा की सरकार बनने पर यहाँ भी छत्तीसगढ़ जैसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली लागू कर ग़रीबों को सस्ता अनाज दिया जाएगा । रमन सिंह ने जनसत्ता से बातचीत करते हुए यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप बेबुनियाद है । पर रमन सिंह ने यह भी कहा -मीडिया ने विनायक सेन और सोनी शोरी का मामला ज्यादा उछाला है । विनायक सेन को सिर्फ जमानत मिली है ,इससे उनका गुनाह कम नहीं हो जाता । जिस आदमी ने दस साल से हाथ में आला न पकड़ा हो वो आदिवासियों के इलाज का दावा कैसे कर सकता है । विनायक सेन के बारे जो भी मामले है वे सिर्फ राज्य पुलिस के नहीं बल्कि आईबी की जाँच से सामने आए है इसलिए सिर्फ राज्य को कोई दोषी नहीं ठहरा सकता ।
सोनी शोरी के साथ हुई अमानवीय घटना पर रमन सिंह का कहना था -यह मामला जाँच के दायरे में है । यह पूछे जाने पर कि इस तरह का बर्बर हादसा सरकार को कुछ सोचने पर मजबूर नहीं करता उनका जवाब था ,इसे देखा जा रहा है पर उनके बारे में यह जानकारी भी मिली है कि वे माओवादियों के संपर्क में थी । इस मामले में रमन सिंह बचाव की मुद्रा में दिखे और सवाल का जवाब टालने का प्रयास किया । बस्तर में माओवादियों की सामानांतर सरकार चल रही है ऎसी धारणा बनती जा रही है ?इस पर रमन सिंह ने कहा -बस्तर के इलाके में खासकर जो क्षेत्र आंध्र प्रदेश से जुड़ा है वहा यह समस्या चार दशक पुरानी है और यह सब विरासत में मिली है ।फिर भी राज्य सरकार वहा माहौल सामान्य करने की कवायद में जुटी है । नगरनार प्लांट से इस्पात का उत्पादन २०१४ से शुरू हो जाएगा ,यह भी इसी दिशा में उठाया गया कदम है ।यह पूछे जाने पर की जिस तरह कोरबा ,जांजगीर चांपा जैसे इलाको में बड़े पैमाने से बिजली घर खोले जा रहे है उससे धान का कटोरा कहा जाने वाला छतीसगढ़ कही खाली कटोरे में तो नहीं बदल जाएगा ,रमन सिंह का जवाब था -कुल भूमि के दशमलव पांच फीसद हिस्से से ज्यादा प्रभावित नहीं होने वाला ।इसमे भी अब सरकार के सामने जो आशय पात्र पड़े है उनमे आधे को ही इजाजत मिल सकती है ।यह सब भी इसलिए किया गया ताकि कोयला खनन इलाकों में ही बिजली उत्पादन किया जा सके जिससे बाहर कोयला ले जाने की लागत भी बच जाएगी ।हम जल्द ही दस हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन करने लगेंगे । स्टील प्लांट परियोजनाओ को भी कैप्टिव पावर प्लांट लगाने के लिए प्रोत्साहित करना इसी रणनीति का हिस्सा है । पर यह ध्यान दिया जा रहा है कि पानी और पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े ।
मीडिया से टकराव की जो खबरे आ रही है खासकर कुछ लोगों को प्रताड़ित करने की उसपर रमन सिंह का जवाब था -किसी एक ने गलत खबर दिखाई तो मै खुद अदालत गया और बाद में उन्होंने खेद भी जता दिया । उसके अलावा कोई मामला नहीं है मै तो वह मुख्यमंत्री हूँ जो पत्रकारों के साथ पिकनिक जता हूँ । मेरे संबंध
मीडिया से बेहतर है ।उत्तर प्रदेश में अटल विहारी वाजपेयी के बाद भाजपा की क्या स्थिति रहेगी ,इसपर रमन सिंह ने कहा -उत्तर प्रदेश में अटल जी की कमी का असर तो पड़ेगा ही पर यहाँ पर सपा और बसपा से लोगों का मोहभंग हो चूका है ।मुझे साफ लग रहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा बड़े दल के रूप में उभरने जा रही है । कांग्रेस को कुछ नहीं मिलने वाला । जनसत्ता

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