Friday, March 23, 2012

खेती की जमीन बचाने के लिए सड़क पर उतरेंगे किसान

अंबरीश कुमार
लखनऊ, मार्च। उत्तर भारत के कई राज्यों में अब किसानो की खेती की जमीन छीने जाने के खिलाफ बड़ा किसान आंदोलन उभरने जा रहा है । इस आंदोलन में उत्तर प्रदेश के किसान मंच के साथ ,किसान संघर्ष समिति और जनआंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय देश के विभिन्न किसान संगठनों को लामबंद करने का प्रयास करेगा । दिल्ली से लखनऊ पहुंचे किसान मंच के अध्यक्ष विनोद सिंह ने अप्रैल से शुरू होने वाले इस किसान आंदोलन की जानकारी दी । इस आंदोलन की अगली कतार में मेधा पाटकर ,सुनीलम ,स्वामी अग्निवेश ,चितरंजन सिंह और विनोद सिंह आदि होंगे ।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में अडानी पेच पावर प्रोजेक्ट, पेच डाइवरशन प्रोजेक्ट, मैक्सो व एस के एस प्रोजेक्ट के नाम पर 50 हजार किसानों की जमीनों का जोर जबरदस्ती से छीनी जा चुकी है और वहा इसे लेकर आंदोलन चल रहा है । अब यह आंदोलन और व्यापक होने जा रहा है और इसमे अदानी समूह की सभी परियोजनाओं के खिलाफ किसानो को खड़ा किया जाएगा । दिल्ली में इस सिलसिले में हुई जन संसद में भी कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए है । किसान मंच के अध्यक्ष विनोद सिंह ने आज यहाँ जनसत्ता से कहा -दिल्ली की सरकार को भी किसानो की आवाज सुनाई नहीं पड़ रही है इसलिए अब किसान जमीन पर ही संघर्ष तेज करने जा रहा है । संसद के बाद विभिन्न राज्यों में जहाँ अडानी की परियोजनाए चल रही है वहा आंदोलन छेड़ा जाएगा । इसके लिए संसद पर प्रदर्शन के बाद पूरी रणनीति बने जाएगी । फ़िलहाल कई किसान संगठनों ने इस आंदोलन में शामिल होने की इच्छा जताई है । इस वजह से सभी किसान संगठनों की बैठक बुलाकर इस आंदोलन की रूप रेखा बने जाएगी ।
गौरतलब है कि इस मुद्दे को लेकर छिंदवाडा में मेधा पाटकर ,विनोद सिंह और चितरंजन सिंह बड़ी जन सभा कर चुके है । मेधा पाटकरका आरोप है कि केंद्र के दो-दो मंत्रियों ने हमें भरोसा दिया था कि पर्यावरण के अनुमति न मिलने के कारण अडानी परियोजना का कोई निर्माण कार्य नहीं होगा पर यह भरोसा झांसा साबित हुआ ।
पर अब इसका प्रतिकार और तेज होगा और उनसभी जगहों पर होगा जहा अडानी की परियोजना में काम हो रहा हो । विनोद सिंह ने आगे कहा - जिस तरह नोएडा व दादरी में हमने लड़कर किसानों की जमीन बचाई है उसी तरह किसान मंच छिंदवाड़ा के किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलकर संघर्ष करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि हमारे साथ पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के प्रपोत्र अक्षय सिंह व राजनारायण के भांजे और किसानो का सावाल उठाने वाले बृजेश राय भी इस आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे । दूसरी तरफ किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुनीलम ने कहा- बिजली परियोजनाओं को लेकर किसानो की जमीन छीनने के मामले में कांग्रेस और भाजपा साथसाथ है । केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर किसानों को अपनी जमीन से बेदखल करने पर अमादा हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पर्यावरण विभाग के बिना अनुमति के अडानी पॉवर प्रोजेक्ट व पेच परियोजना में माचागोरा बांध निर्माण कार्य को आगे बढ़ने देने के लिए सरकार जिम्मेदार है।

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