Tuesday, March 13, 2012

शपथ से पहले ही सरकार चलाने लगे कई समाजवादी !


अंबरीश कुमार
लखनऊ मार्च। समाजवादी पार्टी के नए नायक अखिलेश यादव अभी मुख्यमंत्री पद की शपथ ले भी नही पाए है पर कई जिलों में सरकार का काम शुरू हो चुका है। करीब आधा दर्जन जिलों में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव को मिले जनादेश को ठेंगा दिखाने में जुट गए है । अखिलेश यादव के लिए फिलहाल बाहर के विरोधियों से बड़ी चुनौती घर के समाजवादियों से मिलने लगी है । उन्नाव जिले में समाजवादी पार्टी विधायक उदय यादव ने जिले के सीडीओ समेत पीडब्लूडी के आला अफसरों को तलब किया कई तरह के निर्माण का ब्यौरा लिया और कहा ,अब बिना इजाजत इनका कोई भुगतान नहीं होगा । यही जिला और उससे बड़ा कारनामा दूसरे विधायक का कुलदीप सेंगर और उनके परिजनों का । इन लोगों ने एक राष्ट्रीय दैनिक जिसके मालिक इसी पार्टी के सांसद भी है उसके पत्रकार अमित मिश्र की ठुकाई कर डाली क्योकि उसने अपनी ख़बरों में सेंगर के साथ न्याय नहीं किया था । लिहाजा इन लोगों ने उसके साथ अन्याय कर हिसाब बराबर कर दिया ।
गोरखपुर में एक एमएलसी ने घोषित कर दिया कि वे भावी शिक्षा मंत्री है लिहाजा उनके यहाँ मिठाई का डिब्बा लेकर लाइन लग गई । इसी तरह अनाज घोटाले से मशहूर हो चुके गोंडा के विधायक भी भावी मंत्री की भूमिका में नजर आ रहे है । और उनके चेले चपाटी इस सरकार से क्या क्या कर डालेंगे इससे भी लोग आशंकित है । इस तरह की कुछ खबरे और भी जिलों से मिली है । यह बानगी है समाजवादी पार्टी के अति उत्साही कुछ विधायकों की जो चेतावनी के बाद भी पुराने रास्ते को छोड़ने को तैयार नहीं है । ऐसे ज्यादातर विधायको से बात करने पर जवाब था ,यह सब पूरी तरह गलत खबर है पर साथ ही सवाल था -आपको यह बताया किसने ? इनके जवाब और सवाल अखिलेश यादव की सरकार के सत्ता में आने से पहले उनक राजनीति पर सवाल बन कर खड़े हो गए है ।
चुनाव के बाद जब आधा दर्जन जिलों में हिंसा हुई तो उसे रोकने के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए फिर भी उसे चुनाव की बदले वाली राजनीति का हिस्सा मान लिया गया और धीरे धीरे वह थम भी गया । पर उसे भी सवाल खड़े कर दिए थे । अब जो विधायक जीत कर आए है उसमे सब के सब बहुत साफ़ सुथरी छवि के हो यह बात किसी के गले से नीचे नहीं उतरने वाली । पर इनमे से मंत्रिमंडल में उन्ही को जगह मिले जो दागी न हो तो यह बड़ा राजनैतिक संदेश होगा ।
हालाँकि समजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने आज फिर कहा -बसपा राज में गुण्डागर्दी की जो छूट थी बसपा अध्यक्ष आगे भी उसे जारी रहने देना चाहती हैं लेकिन सत्ता संभालने जा रहे अखिलेश यादव ने यह बात साफ कर दी है कि समाजवादी पार्टी के राज में अपराधियों की जगह सिर्फ जेल में होगी या वे राज्य की सीमा से बाहर हो जाएगें। किसी भी तरह की अपराधिक गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रदेश में कानून व्यवस्था का राज कायम होगा। उन्होने पार्टी के अंदर भी ऐसे तत्वों के आने पर बंदिश लगाकर अपना इरादा पहले ही जाहिर कर दिया था। इसलिए प्रदेश की जनता को विश्वास है कि समाजवादी पार्टी के शासनकाल में शांति व्यवस्था बनी रहेगी। मायावती को अनर्गल प्रलाप बन्द करना चाहिए और लोकतंत्र का सम्मान करना सीखना चाहिए।
गौरतलब है कि मायावती जब हारी तो ठीकरा राजनैतिक दलों के साथ मीडिया पर भी फोड़ दिया । वे यह भूल गई कि उनके बेलगाम अफसरों और नेताओं ने क्या क्या किया । इनमे एक अफसर तो सूचना विभाग में अभी जमा हुआ है और मीडिया के लोगों का इस कदर आक्रोश है कि आने वाली सरकार को उसकी सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करना होगा । इसी तरह समाजवादी पार्टी में जो भी विधायक नेता है वह अगर अपनी सीमा तोड़ते है तो उसका नुकसान पार्टी को झेलना होगा । इस बार अखिलेश यदव को जो जनादेश मिला है वह डीपी यादव के खिलाफ कड़ा फैसला लेने की वजह से मिला है । वर्ना उन्हें पार्टी में शामिल कराकर मायावती की तरह यह बयान दिया जा सकता था कि सब विरोधियों की साजिश है । लेकिन तब वह जनादेश नहीं मिलता जिसपर सवार होकर अखिलेश यादव एक नायक की तरह उभरे है । राजनैतिक आंदोलन के चलते बहुत से नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामले चलते है पर उनसे किसी को अपराधी नहीं माना जा सकता । उदाहरण है पिछले तीन दशक से विश्विद्यालय से लेकर सड़क की राजनीति करने वाले रविदास मेहरोत्रा जिन्हें एक एनजीओ ने टाप टेन अपराधी घोषित कर दिया है पर जीवन में उन्होंने एक मुर्गी भी नहीं मारी होगी । इसलिए ऐसे नेताओं में और अपराधी किस्म के नेताओं में भी फर्क करना पड़ेगा । समाजवादी पार्टी ने अपने कई नेताओं के के खिलाफ कार्यवाई कर यह साफ भी किया है कि अब पुरानी संस्कृति बदल रही है । पर लोगों क अपेक्षा इसे पूरी तरह बदलने की है ।
jansatta

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