Sunday, March 4, 2012

मायावती के बुत से पर्दा हटा पर राजनीति पर पड़ा रहा



लखनऊ, मार्च । आज जहाँ लखनऊ में मुख्यमंत्री मायावती और हाथियों के बुतों से पर्दा पूरी तरह हट गया वही से उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के नतीजो को लेकर असमंजस की स्थिति बरक़रार रही । एक्जिट पोल के रुझान से कोई भी राजनैतिक दल सहमत नहीं है तो उसकी एक वजह अलग अलग आकलन भी है । पर एक तरह जहाँ बसपा के दफ्तर में कोई खास गतिविधियाँ नही थी वैसे स्थिति दूसरे दलों की भी थी । पर समाजवादी पार्टी दफ्तर में जश्न का माहौल था । बाद में मलायम सिंह ने ने मीडिया से कहा -आप लोगों से छह तारीख़ को बात होगी । दूसरी तरफ दोनों राष्ट्रीय पार्टियाँ कांग्रेस और भाजपा अब चमत्कार की उम्मीद में है । इस बीच बेनी प्रसाद वर्मा ने फिर विवादास्पद बयान देकर पार्टी को फंसाया । बेनी प्रसाद वर्मा ने एक संवाददाता से छूटते कहा -भाई आओ अब तो खुलकर बात होगी ,चुनाव आयोग का कोई डर नही । फिर अपने पुराने बिंदास अंदाज में तालमेल के सवाल पर बोले -सपा से कैसा तालमेल वह तो गुंडागर्दी करने वाली पार्टी है उससे बेहतर बसपा है । बेनी का यह बयान आते ही हलचल तेज हो गई । लगातार बसपा सरकार पर हमला करने वाली कांग्रेस के किसी वरिष्ठ मंत्री का यह बयान बसपा की तरफ कांग्रेस के झुकाव को दर्शाता दूसरे नेताओं ने स्थिति साफ़ की । श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा -इस चुनाव में राहुल गाँधी ने कांग्रेस को खड़ा कर दिया है और अब लक्ष्य २०१४ का लोकसभा चुनाव है । तालमेल के सवाल पर जवाब था ,किसी भी सेक्युलर पार्टी को समर्थन देने या लेने में क्या हर्ज हो सकता है ।
दूसरी तरफ कांग्रेस मुख्यालय में एक नेता ने बेनी वर्मा का हवाला देते हुए कहा -अखिलेश यादव सही कहते थे कि किराए के कप्तान से मैच खेला तो जा सकता है जीता नहीं जा सकता । इस टिपण्णी से कांग्रेस खेमे के माहौल को समझा जा सकता है । आज दिनभर भावी सरकार और तालमेल की अटकलों पर चर्चा तेज रही । लोकदल अध्यक्ष अजित सिंह ने कांग्रेस के साथ रहने की प्रतिबद्धता दोहराई तो सपा नेता शिवपाल यादव ने कहा -बहुमत आ रहा है हमें किसी की जरुरत ही नहीं पड़ेगी सरकार बनाने के लिए ।
दरअसल विभिन्न रुझानो में हर दल की स्थिति अलग अलग है इससे भें और फ़ैल रहा है । भाजपा को पचास से सौ तक सीते मिलने वाले रुझान आए है तो कांग्रेस की भी यही स्थिति है । कांग्रेस और भाजपा में कोई भी दल अगर सौ के करीब पहुँच गया तो सत्ता का खेल आसान नहीं होगा । क्योकि फिर सपा के साथ बसपा भी सत्ता के खेल में जुट जाएगी । यही वजह है कि दोनों दल दावे बड़े बड़े कर रहे है । भाजपा नेता कलराज मिश्र ने कहा -हमें उम्मीद है भाजपा को बड़ी जीत हासिल होगी । भाजपा में मुख्यमंत्री पद को भी लेकर कम विवाद नहीं है । कलराज मिश्र ने इसपर भी साफ किया कि इसकी एक प्रक्रिया है संसदीय दल से लेकर विधान मंडल तक । गौरतलब है कि पार्टी में शाही भी अपना दावा ठोक चुके है तो उमा भारती का नाम खुद गडकरी चला चुके है । यह सब सवाल तब तक सवाल बने रहेंगे जबतक पुरे नतीजे नहीं आ जाते । इसीलिए राजनीति पर से पर्दा तो छह को ही उठ पाएगा ।
इस बीच समाजवादी पार्टी मुख्यालय में आज उल्लास और उत्साह का वातावरण रहा। जैसे ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिह यादव कार्यालय में आए जिंदाबाद के नारों से वातावरण गूंज उठा। उनसे मिलनेवालों की लम्बी कतारें लग गई। सैकड़ों लोगों ने उन्हें बधाई दी और उम्मीद जताई कि समाजवादी पार्टी की बंहुमत की सरकार बन जाएगी। जबकि प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव भी लखनऊ में रहकर चुनावों की समीक्षा करने में लगे रहे।
jansatta

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