Monday, March 12, 2012

विधान सभा में भाजपा का अगड़ा चेहरा होगा या पिछड़ा !



अंबरीश कुमार
लखनऊ , मार्च। उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के नतीजे आने के बाद पस्त पड़ी भारतीय जनता पार्टी के लिए नया संकट विधान सभा में पार्टी का नया नेता चुनने की है । पार्टी ने इस चुनाव में एक अगड़ा चेहरा कलराज मिश्र का सामने किया तो पिछड़ा चेहरा के रूप में उमा भारती थी । अब इसमे कौन नेता बनेगा यह फ़िलहाल रहस्य है । इस बारे भाजपा प्रवक्ता ह्रदय नारायण दीक्षित से पूछने पर जवाब था , पार्टी जातीय दृष्टी से विचार नहीं करती है । इस मुद्दे पर विचार विमर्श कर जल्द फैसला हो जाएगा । इस चुनाव में बसपा के साथ भाजपा भी घटी है और पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी की सोशल इंजीनियरिंग और ख़ुफ़िया सर्वे हवा हो गया । अब संघ भले उन्हें सेवा विस्तार दे पर पार्टी की लुटिया डुबोने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी है। उत्तर प्रदेश में भाजपा के पास सबसे ज्यादा प्रभारी और प्रवक्ता रहे है । प्रवक्ता इतने बढ़ गए कि दिन के हिसाब से उनकी ड्यूटी लगने लगी । अब प्रभारी पर नजर डाल ले मध्य प्रदेश से नरेन्द्र सिंह तोमर ,उमा भारती ,छत्तीसगढ़ की करुणा शुक्ल के आलावा राजनाथ सिंह ,संजय जोशी और कलराज मिश्र जैसे दिग्गज इस प्रदेश की जिम्मेदारी लिए हुए थे । बावजूद इसके पार्टी बुरी तरह हारी और दिग्गज भी निपट गए। ज्यादातर हारे तो कुछ हराए भी गए। गोरखपुर में योगी आदित्य नाथ ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के फ़तेह बहादुर सिंह से लेकर एक अन्य राजपूत नेता सहजनवा से बसपा के उम्मीदवार राजेंद्र सिंह उर्फ़ बृजेश सिंह को जितवा दिया और शाही निपट गए । फ़तेह बहादुर सिंह पूर्वांचल के दिग्गज राजपूत नेता वीर बहादुर सिंह के पुत्र है तो राजेंद्र सिंह वीपी सिंह के साथ रहे रामपाल सिंह के पुत्र है और कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह के करीबी माने जाते है ।
राजनैतिक टीकाकार वीरेंद्र नाथ भट्ट ने इनकी प्रतिभा पर प्रकाश डालते हुए कहा -योगी आदित्यनाथ चार साल ग्यारह महीना तो राजपूत नेता रहते है और चुनाव आते ही वह हिंदू नेता बन जाते है । यही हाल उनकी हिंदू युवा वाहिनी का है जो इसी दिशा और दशा में चलती है ।
याद रहे योगी ने ही सबसे पहले भाजपा का हिसाब किया था । चुनाव के दूसरे दौर में ही उन्होंने कह डाला था कि इस चुनाव में किसी को बहुमत नहीं मिलने वाला और फिर चुनाव होगा । जबकि प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने दावा किया था भाजपा सरकार बनाने जा रही है और खुद को उन्होंने मुख्यमंत्री पद का दावेदार भी घोषित कर दिया था । वरुण गांधी ने यूँ ही नहीं कहा था कि भाजपा में मुख्यमंत्री पद के पचपन दावेदार है हालांकि सीट अब पचास से भी कम हो गई है । पर पार्टी ने किस तरह काम किया इस दौर में उसकी एक बानगी देखने वाली है । भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष शाही ने पूरा कार्यकाल तानाशाह की तरह निपटाया है । आए दिन किसी न किसी को धमकाना । एक दिन एक भाजपा प्रवक्ता को तलब कर कहा ,जानते हो कितनी देर में बर्खास्त कर सकता हूँ ,यह जो प्रेस विज्ञप्ति बनाई है वह राजनाथ सिंह के नाम से शुरू होगी। इससे चाल चरित्र और चेहरे वाली इस पार्टी के कामकाज और अंदरूनी लोकतंत्र का अंदाजा लगाया जा सकता है । ऐसे में पार्टी के लिए फिर उमा भारती और कलराज मिश्र को लेकर नए सिरे से मसक्कत करनी होगी ।
इस बीच भारतीय जनता पार्टी की चुनाव समिति की बैठक आज पार्टी मुख्यालय पर प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में संपन्न हुई जिसमें आगामी स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारी व राज्य सभा व विधान परिषद चुनाव पर विचार-विमर्श हुआ। गौरतलब है शाही ने अपना इस्तीफा गडकरी को भेजा था । शाही ने कहा कि पार्टी प्रदेश में होने वाला स्थानीय निकाय चुनाव पूरी ताकत से लड़ेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते भाजपा जीते यह मेरी जिम्मेदारी है।

jansatta

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