
अंबरीश कुमार
लखनऊ, ३ मार्च । उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव का सातवें चरण का मतदान निपटने के साथ इस चुनाव के जो रुझान सामने आएं है उसमे समाजवादी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर सामने आती दिख रही है । समाजवादी पार्टी अगर बहुमत के करीब पहुँच गई तो उत्तर प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव होंगे यह साफ़ है । पार्टी तय करेगी और विधायक तय करेंगे जैसी बाते बेमानी है क्योकि यह समूचा चुनाव अखिलेश यादव का चेहरा सामने रख कर लड़ा गया था । दूसरे कई सर्वेक्षणों के मुताबिक इस चुनाव में नौजवानों का ज्यादा वोट समाजवादी पार्टी के युवा चेहरे अखिलेश यादव के नाम पर ही आया है जिसने इस चुनाव में पार्टी को सबसे ज्यादा बढ़त दिलाई है इसलिए किसी दूसरे नेता का दावा भी नहीं बनता । समाजवादी पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने जनसत्ता से कहा -अखिलेश यादव में मुख्यमंत्री बनने की पूरी योग्यता और क्षमता है । दूसरी तरफ भाजपा सूत्रों के मुताबिक पार्टी नेतृत्व का साफ मानना है कि उसे सौ सीट मिल सकती है इसलिए वह सत्ता के खेल से बाहर नहीं है । एक्जिट पोल के नतीजे गलत होते रहे है । भाजपा बसपा के साथ सरकार बना चुकी है और राजनीति में संभावनाओं की कोई सीमा नहीं होती । पर कांग्रेस अब मैदान छोडती नजर आ रही है। जो रुझान आए है उनसे राहुल गांधी का युवा तुर्क का करिश्मा कोई बहुत असर डालता नहीं दिख रहा है ।
उत्तर प्रदेश के चुनाव पर छाया कोहरा कुछ छंटने लगा है । अंतिम दौर के मतदान के साथ ही चुनाव के जो रुझान सामने आए है उनमे समाजवादी पार्टी को बढ़ी बढ़त मिलती नजर आ रही है। हर सर्वेक्षण यहाँ तक कि भाजपा की तरफ झुकाव रखने के लिए चर्चित सर्वेक्षण की रपट में भी समाजवादी पार्टी को सबसे आगे दिखया गया पर एक चोर दरवाजा बसपा भाजपा की सरकार का भी दिखा दिया गया है। पर सभी सर्वे में सपा की बढ़त तो दिखाई ही गई साथ ही कांग्रेस को उतना फायदा नहीं दिखा जितना आकलन किया जा रहा था । इन सर्वेक्षणों राजनैतिक कोंहरा छंटने के साथ ही उत्तर प्रदेश में सत्ता का खेल शुरू हो गया है । इस खेल में सपा बसपा और भाजपा तीनो है ।पर पुराने संबंधों के आधार पर सबकी निगाह बसपा भाजपा गठबंधन पर फिर है । बाहर के लोगों की निगाह है तो संकेतो और संदेशों का खेल शुरू भी हो गया है ।
सूत्रों के मुताबिक भाजपा जो करीब सौ सीटों का आकलन कर रही है वह सत्ता के सभी पहलुओं पर गौर कर रही है । इसलिए बसपा के साथ फिर सत्ता के विकल्प की अनदेखी नहीं की जा सकती । जो भाजपा बाबु सिंह कुशवाहा को इतने विवाद के बाद ले सकती है तो मायावती तो सत्ता की पुरानी पार्टनर है । इसलिए इन संभावनाओं पर सब हो रहा है । पर समाजवादी पार्टी जो सबसे ज्यादा बढ़त लेकर उभर रही है वह सत्ता को इतनी आसानी से किसी कीमत पर हाथ से निकलने भी नहीं देगी चाहे कितनी भी कीमत देनी पड़े । उत्तर प्रदेश की राजनीति बहुजन समाज पार्टी ही एक ऎसी पार्टी है जो सत्ता के खेल में गरीब की जोरू वाली भूमिका में पहुँच जाती है । इतिहास देखे तो बसपा जितना टूटी और बिखरी उतनी कोई पार्टी नहीं टूटी । इसलिए सत्ता के खेल में जो भी पार्टी १७० के पास पहुंची उसे सबसे पहले निर्दलीयव िधायको और छोटी पार्टियों का समर्थन मिलेगा । इस काम में साम दाम दंड भेद सभी चलेगा । जो भी बाहुबली जीतकर आएगा वह सबसे पहले बड़े दल का हाथ पकड़ेगा । इसलिए पंद्रह बीस की संख्या की खाई को पाटना सपा के लिए कोई बहुत मुश्किल नहीं है । हालाँकि समाजवादी पार्टी का साफ़ दावा है किवह बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है ।पर फिलहाल सभी को अब मत गड़ना का इंतजार है तभी इन चुनावो के संदेश को पूरी तरह समझा जा सकेगा ।
इस बीच पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा - राज्य विधान सभा के लिए आज मतदान का सातवां और अंतिम चरण भी पूरा हो गया। सभी चरणों में मतदाताओं ने इस चुनाव में समाजवादी पार्टी को बढ़त पर रखा और अब विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि समाजवादी पार्टी को विधान सभा में पूर्ण बहुमत प्राप्त हो गया है। मतदाताओं ने स्थिति की नाजुकता को परखते हुए समाजवादी पार्टी को भारी बहुमत देने का जो बुद्धिमानी भरा निर्णय लिया है समाजवादी पार्टी उसके लिए उनकी बहुत आभारी है और उनका अभिनन्दन करती है।jansatta
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