Wednesday, March 14, 2012

वादा किया है ,नौजवानों को बेरोजगारी भत्ता देंगे -अखिलेश यादव


अंबरीश कुमार
लखनऊ , मार्च । समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव जब समाजवादी क्रांति रथ लेकर निकले तो सबसे ज्यादा भीड़ नौजवानों की उमड़ी थी । यह वह भीड़ थी जिसे लेकर हर दल का अलग अलग आकलन था पर नतीजों ने बताया कि नौजवानाखिलेश यादव के साथ थे । पर कल से सत्ता संभालने जा रहे अखिलेश यादव की प्राथमिकता पर भी यही नौजवान है । कल से मुख्यमंत्री पद संभालने जा रहे अखिलेश यादव ने आज यहाँ कहा -प्रदेश में बेरोजगार नौजवान काफी है है पर इतनी बड़ी संख्या में होंगे यह उम्मीद नहीं थी । खासकर जिस तरह रोजगार दफ्तर पर पंजीकरण करने वालों की भीड़ उमड़ी है । पर हमने घोषणा पत्र में जो वादा किया है वह पूरा किया जाएगा ।
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में दो वादे ऐसे किए जो जंगल में आग की तरह फ़ैल गए और राजनैतिक दलों को अपना एजंडा बदलना पड़ा ।
इनमे एक वादा बेरोजगारी भत्ता का था तो दूसरा छात्रों को लैपटाप देने का । पार्टी के घोषणा पत्र में कहा गया है -सभी सरकारी सेवाओं में भारती की उम्र ३५ साल होगी और ३५ वर्ष की उम्र पूरा कर चुके जवान लेकिन बेरोजगार नौजवान के लिए बेरोजगारी भत्ते की व्यवस्था होगी जो बारह हजार रुपए सालाना होगी । दूसरा वादा लैपटाप का था जो बारहवी पास छात्र के लिए था जबकि हाई स्कूल पास छात्र के लिए टैबलेट की बात कही गई थी । यह पूछने पर कि इतनी बड़ी संख्या में लैपटाप ,टैबलेट और बेरोजगारी भत्ता देना क्या संभव होगा इस पर अखिलेश यादव ने जनसत्ता से कहा ,जब पत्थरों पर हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा सकते है तो जिससे नई पीढी का भविष्य बनना हो उसपर क्यों नहीं । हमने जो वादा किया है उसे पूरा करने का हर संभव प्रयास होगा ।
चुनाव में जो समर्थन मिला उसकी मुख्य वजह क्या रही ? इसपर जवाब था ,हमर साढ़े चार साल का संघर्ष और लोगों का भरोसा की सिर्फ हम ही सत्ता को बदल सकते है । हमने साढ़े चार साल तक लगातार संघर्ष किया । हमारे कार्यकर्ताओं को बुरी तरह प्रताड़ित किया गया । आंदोलनों के दौरान पुलिस ने बेरहमी से पिटाई की और बड़ी संख्या में हमारे कार्यकर्त्ता जेल भेज दिए गए । इस संघर्र्ष के चलते ही आम नौजवान हमारी साथ खड़ा होता गया ।
समाजवादी धारा से से कैसे प्रभावित हुए ? इसपर अखिलेश यादव का जवाब था -बचपन से जो माहौल मिला उसका असर पड़ा और फिर जनेश्वर मिश्र ने प्रेरित किया । नेताजी ने मेरी मुलाकात जब जनेश्वर मिश्र से कराई तो उन्होंने तभी कह दिया था कि मै राजनीती ही करूँगा । फिर लोहिया को पढ़ा और उससे बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ । यह मेरा सौभाग्य है कि मै लोकसभा में लोहिया के क्षेत्र से चुना गया था । दूसरा बड़ा सौभाग्य यह था कि जब पहली बार १९९९ में कन्नौज से चुनाव लड़ा तो खुद जनेश्वर मिश्र मेरा नामांकन कराने आए थे । राजनीति का क ख तो मैंने तभी जनेश्वर मिश्र से सीखा । उन्हें देखकर न सिर्फ बोलना सीखा बल्कि बहुत कुछ ऐसा भी सीखा जो राजनीति में आज भी बहुत काम आता है । समाजवाद क्या होता है सही मायनों में उनसे ही सीखा । जब पहली बार क्रांति रथ लेकर उत्तर प्रदेश के दौरे पर निकला तो जनेश्वर मिश्र ने ही हरी झंडी दी थी ।
अखिलेश यादव उन लोगों में से है जो आज भी लाल टोपी पहनते है और लोहिया का नारा देते है । किसी कांग्रेसी के सर पर कभी भी गाँधी टोपी नजर नहीं आएगी पर अखिलेश यादव समाजवादी चोले में उस पार्टी को लैपटाप तक पहुंचा चुके है जिसकी पहचान कुछ साल पहले तक लाठी से हुआ करती थी ।
अखिलेश यादव ने आज यहां उद्योगपतियों को प्रदेश में कानून व्यवस्था की अनुकूल स्थिति और प्रदेशवासियों को सभी चुनावी वायदे पूरे करने का भरोसा दिलाया। यादव ने कहा हम प्रदेश को खुशहाली के रास्ते पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम अपनी जिम्मेदारी समझते हैं और समाजवादी पार्टी की नई सरकार प्रदेश को प्रगति के पथ पर ले जानेवाले निर्णय लेने में हिचकेगी नहीं। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री का पद शासन-सत्ता के लिए नहीं है बल्कि जनता की सेवा करने का अवसर है और इसे पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ निभाऊंगा । अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी की उनकी सरकार में नए और अनुभवी दोनो ही लोगों का तालमेल होगा। मंत्रिमण्डल छोटा होगा और इसमें हर वर्ग का प्रतिनिधित्व होगा। उन्होने कहा कि बेकारी भत्ता देने का वायदा अवश्य पूरा किया जाएगा।
जनसत्ता

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