Sunday, July 8, 2012

कांग्रेस को अब भाजपा की जीत से मिला सबक

अंबरीश कुमार
लखनऊ ,8 जुलाई । उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ दल समाजवादी पार्टी और प्रमख विपक्षी बसपा दोनों बाहर थे ऐसे में तीसरे और चौथे नंबर की पार्टी के बीच हुए मुकाबले में भाजपा की जीत का कोई बड़ा राजनैतिक अर्थ नहीं है । पर हर हार जीत का राजनैतिक अर्थ होता है इसलिए मौजूदा राजनैतिक परिदृश्य पर गौर करना होगा । कांग्रेस के लिए यह फिर एक सबक है जो हार से कोई सबक नही लेती है । दूसरी तरफ अखिलेश यादव सरकार के लिए शहरी इलाकों में भाजपा को मिले समर्थन को लेकर चिंता करने की जरुरत भी महसूस होनी चाहिए क्योकि करीब सौ दिन पहले ही यह शहरी वोट सपा को मिला था । अगर लोकसभा का चुनाव लक्ष्य है तो इस सरकार के लिए अब समाजवादी फैसलों का वक्त भी आ गया है । पर यह मुकाबला मोटे तौर पर भाजपा और कांग्रेस के बीच था इसलिए कांग्रेस की हार पर ज्यादा चर्चा हो रही है तो बिना राष्ट्रीय नेताओं की मदद ,बिना पैसे और सोशल इंजीनियरिंग के भाजपा की जीत भी पार्टी नेताओं को हैरान कर रही है । क्योकि विधान सभा चुनाव के बाद भाजपा में कोई चमत्कार भी नही हुआ था। शाही की जगह वाजपेयी जरुर आए । पर जडमूल स्तर की राजनीति में कार्यकर्ताओं की मेहनत ने भाजपा को राहत और ताकत दोनों दी है । कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व उतराखंड के उप चुनाव में उलझा हुआ था । कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता से निकाय चुनाव में हुई हार पर पूछा तो जवाब था -रीता बहुगुणा जोशी से पूछिए जो कल ही सितारगंज से लौटी है । उनकी चिंता उत्तर प्रदेश से ज्यादा उतराखंड की है और शीर्ष नेतृत्व को भी उत्तर प्रदेश की कोई चिंता नहीं है वर्ना एक अदद प्रदेश अध्यक्ष मिल जाता तो कांग्रेस को भी कोई नई राजनैतिक दिशा मिलती । गौरतलब है कि सितारगंज से उतराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा लड़ रहे है जिनकी मदद में उनकी बहन रीता बहुगुणा भी जुटी थी । पर उत्तर पदेश में विधान सभा का चुनाव हारने के बाद से कांग्रेस न पार्टी संगठन को दुरुस्त करने के लिए कोई खास पहल नही की और निकाय चुनाव में भी पार्टी बुरी तरह हारी । भाकपा नेता अशोक मिश्र ने इन नतीजों पर कहा -इन नतीजों से भाजपा को कोई मुगालता नही पालना चाहिए क्योकि किसी भी वजह से सपा और बसपा के चुनाव न लड़ने से मुकाबला सिर्फ कांग्रेस और भाजपा में ही रह गया था । चिंता कांग्रेस को करनी चाहिए जो बुरी तरह हारी है । दूसरी तरफ सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा -इस चुनाव का कोई बड़ा रजनैतिक सन्देश नहीं है क्योकि दोनों मुख्य पार्टियाँ चुनाव से बाहर थी । ऐसे में भाजपा का बहुत खुशी मनाना समझ नहीं आता । इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा को मिली भारी सफलता को जनता की जीत बताया है। भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद अकेले भाजपा ने पार्टी के चुनाव चिन्ह और प्रत्याशियों के बल पर चुनाव लड़ा है। जब कि कांग्रेस पूरे प्रदेश मे अपने सिम्बल पर चुनाव लड़ने का साहस नही जुटा सकी। सपा व बसपा तो अपने सिम्बल पर चुनाव मैदान में उतर ही नही सकी। अब हेलीकाप्टर , भगौना, तराजु जैसे चुनाव चिन्हों पर अपने प्रत्याशी उतारे। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह चुनाव परिणाम इस बात का प्रमाण है कि समाजवादी पार्टी सरकार का सामान्य जनता के साथ हनीमून कुल 110 दिनों मे समाप्त हो गया। जनता का भरोसा समाजवादी पार्टी के लोक लूभवन छलावे से उठ गया। बाजपेयी ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों से पार्टी को संजीवनी प्राप्त हुई है और जिस तरह जल वृष्टि से सूखा समाप्त हुआ उसी तरह जनता ने वोटों की वर्षा कर भारतीय जनता पार्टी के सुखे को समाप्त किया है। उन्होंने कहा कि इस सफलता से हमारे आत्मविश्वास मे वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा हम सिर झुका कर जनादेश का स्वागत करते है और पार्टी के प्रदेश भर के कार्यकर्ताओं ने जिस एकजुटता के साथ इस चुनाव को लड़ा है उसके लिए हम तहे दिल से आभार व्यक्त करते है। बाजपेयी ने कहा कि इसी आधार मे हम 2014 मे लोक सभा चुनाव की रणनीति जिलो मे बैठ कर बनाएंगे ।भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी तथा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सूर्यप्रताप शाही ने स्थानीय निकाय चुनाव मे पार्टी को मिली भारी सफलता के लिए प्रदेश की जनता और कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई दी है तथा कहा कि प्रदेश की जनता ने कांग्रेस सपा बसपा की नाकामी और भ्रष्टाचार के कुन्बे को नाकार दिया है और यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि 2014 में केन्द्र मे एनडीए की सरकार बनेंगी और उसमे उत्तर प्रदेश की मजबूत भूमिका होगी। jansatta

3 comments:

  1. समसामयिक और सही परिप्रेक्ष्य में सटीक चेतावनी

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  2. समसामयिक और सही परिप्रेक्ष्य में सटीक चेतावनी

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  3. समसामयिक ,सही परिप्रेक्ष्य में सटिक समालोचना

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