Wednesday, July 18, 2012

उत्पीडन की बढती घटनाओं के बाद दलितों की नजर मायावती पर

अंबरीश कुमार
लखनऊ , । कुछ जगहों से दलित उत्पीडन की ख़बरों के बाद दलितों की नजर फिर मायावती पर टिक गई है । मायावती वैसे भी उत्तर प्रदेश में अपनी राजनैतिक जमीन मजबूत करने की फ़िराक में है । लक्ष्य अगला लोकसभा चुनाव है । विधान सभा चुनाव में करारी हार के सदमे से पार्टी उबरती जा रही है । उत्तर प्रदेश में पार्टी सार्वजनिक रूप से अभी कोई राजनैतिक पहलकदमी नही करने जा रही है । बसपा ने तय किया है कि छह महीने तक वह इस सरकार के खिलाफ नहीं बोलेगी क्योकि इतना समय किसी भी सरकार को दिया जाना चाहिए । विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष और बसपा के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने जनसत्ता से कहा -'उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की नहीं भगवन भरोसे सरकार चल रही है । समूचे प्रदेश में दलित उत्पीडन की घटनाओं में तेजी से इजाफा हो रहा है और इन सबपर पार्टी नजर रख रही है । जिलों जिलों से कमजोर तबके के दमन और उत्पीडन की खबरे आ रही है । हम इस सब पर नजर रख रहे है । इस सरकार को छह महीना तो देना ही है उसके बाद लड़ाई शुरू होगी । ' गौरतलब है कि बीते सोमवार को आजमगढ़ में दलित नेता बलिराम ने मेहता पार्क में अंबेडकर प्रतिमा के नीचे आत्मदाह कर लिया । आग लगाने से पहले उसने सल्फास भी खाया । करीब अस्सी साल के बलराम आंबेडकर समाज पार्टी से जुड़े थे और व्यवस्था के अन्याय से संघर्ष कर रहे थे । वे रोज धरना स्थल पर आते बैठते और चले जाते । जब लगा कि कोई सुनवाई नहीं होगी तो जान दे दी । एक दलित युवक सूरन ने कहा -अब फिर बड़ी जाति के लोगों के जुल्म की खबरे बढती जा रही है । मायावती के राज में हमन के जान मॉल की हिफाजत तो थी । मामला सिर्फ एक दो जगहों का नहीं है चंदौली के सैयदराजा में काजीपुर गाँव में शिव मंदिर में दलितों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई । वजह किसी ने अफवाह उड़ा दी थी कि दलितों ने मंदिर में मुर्गे की बलि दे दी थी जिसके चलते गाँव के भोला यादव की तबियत ख़राब हो गई । इसी के बाद दलितों के प्रवेश पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया । खास बात यह है की मंदिर में दलितों को रोकने का काम पुलिस ने किया । इसी तरह एक और घटना में नॉएडा के शिव मंदिर में पुजारी ने दलित महिलाओं और बच्चो को जलाभिषेक करने से रोक दिया| शिवपुरा और सैनी गाँव के बीच काफी पुराना शिव मंदिर है जिसे भोले बाबा का सिद्ध पीठ कहा जाता है| मंगलवार को जब शिवपुरा गाँव की दलित महिलाये जलाभिषेक के लिए शिव मंदिर की लाईन में लगी तो पुजारी ने रोक दिया । राजनैतिक टीकाकार वीरेंद्र नाथ भट्ट ने कहा जिस तरह कई अंचल से गरीबो के उत्पीड़न की खबरे आ रही है यह नई सरकार के लिए ठीक नहीं है| एक नहीं कई जिलो से इस तरह की खबरे आई है यह चिंता का विषय है । लखनऊ जैसे शहरी इलाको में भी सत्तारूढ़ दल के पार्षद जिस तरह की हरकतें कर रहे है उससे लोगो में नाराज़गी बढ़ रही है।एक पार्षद ने चुनाव जीतते ही चौराहे पर अवैध दुकान खड़ी कर उस पर समाज वादी पार्टी का रंग पुतवा दिया जो बड़ी मुश्किल से नियंत्रण में आया ।इसी तरह कई और इलाको में भी सभासदों ने आम लोगो के लिए दिक्कते पैदा कर रखी है| पर समाजवादी पार्टी इन आरोपों को बेबुनियाद बताती है ।पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा -पहले मायावती के राज्य में ये घटनाएं दर्ज ही नहीं होती थी इसलिए सामने नहीं आती थी ।समाजवादी पार्टी की सरकार आने के बाद सभी तरह की घटनाएं दर्ज हो रही है ।जहाँ से भी कमजोर तबके के दमन और उत्पीडन की खबरे मिलती है फ़ौरन कार्रवाई की जाती है। मायावती के राज्य में दलितों के उत्पीडन की सबसे ज्यादा घटनाएं हुई ।बहुत सी दलित युवतियों के साथ दुराचार हुआ और समाजवादी पार्टी ने ही उनकी आवाज़ उठाई और संघर्ष किया ।इसलिए दलित उत्पीड़न बढ़ा है यह कहना पूरी तरह गलत है।jansatta

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