Thursday, July 26, 2012

मायावती की मूर्ति अखिलेश सरकार ने स्थापित की

अंबरीश कुमार
लखनऊ , २७ जुलाई । गुरुवार को लखनऊ में बसपा की मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की मूर्ति तोड़े जाने के कुछ ही घंटो के भीतर उनकी दूसरी मूर्ति लगा दी गई है । यह पहल मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने की ।मायावती की संगमरमर की जो मूर्ति तोडी गई थी उसे ठीक करना संभव नहीं था । इसके बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मायावती की दूसरी मूर्ति का पता करने को कहा । प्रशासन ने जैसे ही यह जानकारी दी कि मायावती की दूसरी मूर्ति है ,मुख्यमंत्री ने रात में ही वह मूर्ति लगाने को कहा और गुरुवार की रात ग्यारह बजे तक वह मूर्ति लगा दी गई । इससे पहले मायावती की मूर्ति तोड़े जाने के बाद उत्तर प्रदेश का राजनैतिक माहौल गरमा गया था । एक अनाम से संगठन नव निर्माण सेना ने पहले प्रेस कांफ्रेस के सरकार को ७२ घंटे का अल्टीमेटम दिया कि वे मायावती की मुर्तिया हटाए नहीं तो इन्हें तोड़ दिया जाएगा । पर ७२ मिनट के भीतर ही इस संगठन के चार लोगों हथौड़ा लेकर आंबेडकर पाक स्थित मायावती की मूर्ति को बुरी तरह तोड़ दिया और सुरक्षा गार्ड उनतक पहुँचते उससे पहले वे भाग निकले । घटना के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने फ़ौरन इसकी निंदा करते हुए फिर से वहा मायावती मूर्ति लगाने और इस घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई का एलान किया । पर घटना की जानकारी जैसे ही लोगों तक पहुंची इसका कई जगह विरोध शुरू हो गया । झाँसी ,सुल्तानपुर ,कानपुर ,मुजफ्फरनगर ,लखीमपुर,आजमगढ़ और गाजियाबाद समेत कई जगह विरोध प्रदर्शन हुआ और कुछ जगह पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा । इस घटना का मुख्य अभियुक्त अमित जानी मेरठ का है जिसके खिलाफ कई आपराधिक मामले है और वह अपने को सपा का कार्यकर्त्ता भी बता चुका है । हालाँकि समाजवादी पार्टी ने साफ़ किया है कि पार्टी से इस संगठन और उसके कार्यकर्ताओं का कोई संबंध नहीं है । इस मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है । विभिन्न राजनैतिक दलों ने इस घटना की निंदा की है । महाराष्ट्र के नव निर्माण सेना की तर्ज पर बनाई गई इस नव निर्माण सेना ने एक दिन पहले सम्मलेन किया था जिसका मीडिया में कोई संज्ञान नहीं लिया गया पर आज उन्होंने ध्वंस जैसा जो किया उसका सभी ने संज्ञान लिया । इसलिए यह भी माना जा रहा है कि खबर और चर्चा में आने के लिए भी यह कदम उठाया जा सकता है । मूर्ति तोड़ने वाले युवक मौके पर कुछ पर्चे छोड़कर फरार हो गए। पर्चों में उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना का जिक्र है और मायावती पर कई घोटाले करने का आरोप लगाया गया है। पर माना जा रहा है यह अराजक किस्म के कुछ लोगों का काम है । पर इस घटना से समाजवादी पार्टी और सरकार दोनों बचाव की मुद्रा में है और यकीनन फौरी राजनैतिक फायदा मायावती को हुआ है । पिछले कुछ दिन से बसपा यह आरोप लगा रही थी कि प्रदेश में दलितों का उत्पीडन हो रहा है ।जिलों के नाम बदलने के बाद से बसपा के कार्यकर्त्ता नाराज थे जिसके बाद आज की घटना ने उन्हें और उत्तेजित कर दिया । करीब दर्जन भर जिलों में इस घटना के बाद विरोध प्रदर्शन हुआ । कई जगह गिरफ़्तारी और लाठीचार्ज भी हुआ । बसपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा -प्रदेश में दलितों का उत्पीडन बढ़ता जा रहा है । कई जगहों पर मंदिरों में रोका गया तो कई जगह जातीय हिंसा का शिकार बनाया गया । आज की घृणित मानसिकता का उदाहरण है । उन्होंने राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए और कहा कि मूर्तियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है । बसपा नेताओं द्वारा समय-समय पर लगातार इनकी सुरक्षा की मांग की जाती रही है। दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना की निंदा की है । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अम्बेडकर पार्क स्थित पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की मूर्ति क्षतिग्रस्त किए जाने की निन्दा करते हुए कहा कि यह कृत्य प्रदेश के सौहार्दपूर्ण वातावरण को दूषित करने का सुनियोजित प्रयास है। उन्होंने कहा कि इसके लिए दोषी लोगों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने और क्षतिग्रस्त मूर्ति को तुरंत ठीक कराने के निर्देश दे दिए गए हैं। इस बीच सपा ,भाकपा ,भाजपा ,कांग्रेस ,जन संघर्ष मोर्चा और भाकपा (माले) ने मायावती की मूर्ति तोड़े जाने की कड़ी निंदा की है।भाकपा नेता अशोक मिश्र ने कहा -यह घटना जातीय वैमनस्य फ़ैलाने के लिए की गई है जिसपे सरकार को कड़ी कार्यवाई करनी चाहिए । समाजवादी पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा -यह घटना सरकार की छवि ख़राब करने के मकसद से की गई है जिससे किसी राजनैतिक साजिश की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता ।भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा -यह घटना इस सरकार के कामकाज पर भी टिपण्णी है । लगातार यह संदेश जा रहा है कि सपा राज में दलितों का मान सम्मान सुरक्षित नहीं है । भाकपा के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने अखिलेश सरकार से मांग की है कि वह मूर्ति तोड़ने वालों को सख्त सजा दे और ऐसी हरकतों की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए प्रभावी कदम उठाए ताकि उत्तर प्रदेश का माहौल न बिगड़े।

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