Monday, July 23, 2012

मायावती ने कहा -महापुरुषों का अपमान किया ,हिसाब लिया जाएगा

लखनऊ: जुलाई।उत्तर प्रदेश सरकार ने आज प्रदेश के उन आठ जिलों के नाम बदल दिए जिनके नाम पिछली मायावाती सरकार के दौरान बदले गए थे। साकार के इस फैसले पर बहुजन समाज पार्टी ने कड़ी आपति दर्ज कराई है ।उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आज कहा कि उनके शासनकाल के दौरान बनाए गए नए जिलों का नामकरण दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गोंमें जन्में महान सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों के नाम पर रखे गये थे ताकि वे समाज के लिये आगे भी हमेशा प्रेरणा का स्रोत बने रहें, पर उत्तर प्रदेश की वर्तमान सपा सरकार इनका नाम बेवजह बदलकर और ऐसा नाम रख जिसकी कोई गम्भीर अर्थ नहीं है, महापुरूषों का अपमान कर रही है, जिसके लिये समाज और इतिहास उन्हें कभी भी माफ नहीं करेगा। जिन जिलों के नाम बदले गए है उन जिलों में पंचशील नगर का नाम बदलकर हापुड़, ज्योतिबा फूले नगर का नाम अमरोहा, महामाया नगर का नाम हाथरस, कांशीराम नगर का नाम कासगंज, रमाबाई नगर का नाम कानपुर देहात, प्रबुद्ध नगर का नाम शामली और भीमनगर का नाम बदलकर बहजोई कर दिया गया है। इन जिलों में ज्यादातर के नाम वही रखे गए हैं, जिन नामों से इन जिलों को पहले जाना जाता था।छत्रपति शाहूजी महाराज नगर का नाम बदलकर गौरीगंज कर दिया गया है। पहले इस जिले का नाम अमेठी था, जिसे मायावती सरकार ने बदल दिया था। आज कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया कि छत्रपति साहू जी महाराज मेडिकल यूनिवर्सिटी का नाम फिर से पुराना ही होगा। इसे केजीएमयू कहा जाएगा।इस फैसले पर बसपा ने जोरदार वितोध जताया है ।मायावती ने आज यहाँ अपने एक बयान में कहा कि जिलों का नाम बदले जाने की चर्चा मीडिया में काफी पहले से आ रही थी, लेकिन उनको विश्वास नहीं था कि दुर्भावना के तहत् काम करते हुए दलित व अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में महान् सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों के प्रति विरोध व नफरत में उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार इस हद तक आगे चली जाएगी कि उनके नाम पर रखे गये जिलों आदि का नाम तक बदल कर उनका अपमान करने पर उतारू हो जाएगी । इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश की सपा सरकार का आज का फैसला अत्यन्त दुःखद है एवं इसकी जितनी भी निन्दा की जाए कम है। मैं समझती हूँ कि ऐसा करके सपा प्रमुख श्री मुलायम सिंह यादव और उनके मुख्यमंत्री पुत्र अखिलेश यादव ने इतिहास के पन्नों में अपना नाम काले अक्षरों में दर्ज करा लिया है। जाति-व्यवस्था से पीडि़त भारतीय समाज में ‘‘सामाजिक परिवर्तन‘‘ के तहत् देश में जाति-विहीन समतामूलक समाज व्यवस्था स्थापित करने के लिये अपना पूरा जीवन कठिन संघर्ष व बेमिसाल त्याग को समर्पित करने वाले इन महापुरूषों को अपमानित करने वालो को समाज ने काफी कड़ा सबक पहले भी सिखाया है और निश्चय ही आने वालों दिनों में इस प्रकार के लगातार अपमानों को यह समाज कतई बर्दास्त नहीं करेगा, ऐसा मेरा अनुभव व विश्वास है। मायावती ने कहाकि आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की विशाल व कुव्यवस्था से त्रस्त सर्वसमाज की गरीब जनता को बेहतर प्रशासन व्यवस्था उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ही उनके सभी चार शासनकालों में नयी तहसील, नये जिले, नये मण्डल व नये पुलिस रेंज इत्यादि बनाये गये थे। मेरी सरकार ने कभी भी किसी जिले का नामांतरण नहीं किया, बल्कि नया जिला बनाकर उसका नया ‘‘प्रेरणादायी‘‘ नाम रखा। इतना ही नहीं, बल्कि नए जिलों की स्थापना के लिए काफी ज्यादा स्थान व समुचित धन भी उपलब्ध कराया गया है एवं यथासम्भव नए जिलों के मुख्यालयों के लिए उसी तहसील को चुना गया जो सर्वाधिक उपयुक्त थे तथा उनका नाम भी वही रखा गया है जो पहले से प्रचलित थे। इसके बावजूद भी इन फैसलों का विरोध करना और उन्हें बदलना सपा सरकार का पूर्णरूप से दुर्भावना से ग्रसित कदम है जो उसकी तुच्छ मानसिकता का प्रतीक है। उत्तर प्रदेश की सपा सरकार को उसकी इस प्रकार की करतूतों का खामियाजा भुगतने के लिये तैयार रहने की चेतावनी देते हुये मायावती ने कहाकि उनकी सरकार में कभी भी सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिये काम नहीं किया है जिस कारण ही उनकी पार्टी व सरकार की एक अलग पहचान बनी हुई है, परन्तु दुर्भावना के साथ-साथ विरोध के लिये विरोध‘‘ करने वाली पार्टी सपा को कभी भी माफ नहीं किया जा सकता है।वर्तमान सपा सरकार की घोर दलित व पिछड़ा वर्ग एवं सर्वसमाज के गरीब-विरोधी नीति के खिलाफ बसपा . अपने संघर्ष को और ज्यादा तीव्र करेगी एवं समय आने पर इन ज्यादतियों का पूरा-पूरा हिसाब-किताब जरूर लिया जाएगा ।

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