Wednesday, August 22, 2012

आमने सामने आ रही है कांग्रेस ,सपा

अंबरीश कुमार लखनऊ: अगस्त। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का मधुमास का समय अब पूरा होता नजर आ रहा है । समाजवादी पार्टी की नजर जहाँ २०१४ के लोकसभा चुनाव को लेकर नई राजनैतिक रणनीति पर है वही कांग्रेस पार्टी को छह महीना पूरा होने का इंतजार है । कांग्रेस का दावा है कि किस सरकार को केंद्र ने गठन के चार महीने की भीतर एक लाख करोड़ रुपए की केंद्रीय मदद दी । पर प्रदेश की सपा सरकार कई मोर्चों पर पिछड़ रही है ,अल्पसंख्यको का मोहभंग हो रहा है । कांग्रस ने तय किया है कि बहुमत से बनी किसी सरकार को कम से कम छह महीने तो देना ही चाहिए इसलिए सरकार के खिलाफ फ़िलहाल कोई पहल नहीं की जा रही है पर हालात नहीं बदले तो कांग्रेस को आगे आना होगा । पर समाजवादी पार्टी ने इन आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया है । पर यह साफ़ है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर वह भी कांग्रेस को कई मोर्चों पर घेरेगी । कांग्रेस के मीडिया प्रभारी सिराज मेंहदी ने कहा -प्रदेश सरकार को केंद्र ने पांच महीने में एक लाख करोड़ से ज्यादा की मदद की है पर कामकाज के मामले में सरकार बहुत पीछे है । कानून व्यवस्था पर खुद मुलायम सिंह सुधारने की बात कह चुके है । नौजवान मुख्यमंत्री की बात अफसरों का एक वर्ग नहीं सुन रहा है जिसके चलते बहुत से काम लटक जाते है । मुसलमानों ने सपा को जमकर समर्थन दिया पर आज हालत यह है कि पांच महीने बाद भी ऊर्दू अकादमी , मदरसा बोर्ड ,अल्पसंख्यक आयोग से लेकर अदीबों ,शायरों और लेखको को मदद करने वाली फखरुद्दीन अली कमेटी का गठन नही किया जा सका है । अब मुसलमान अपनी बात कहने किस मंच पर जाएगा । यह कुछ उदाहरण है जिससे राजकाज का अंदाजा लगाया जा सकता सकता है । दरअसल कांग्रेस जल्द ही उत्तर प्रदेश में नई रणनीति के साथ आने की तैयारी में है । पार्टी केंद्रीय मदद का हवाला देते हुए नतीजों का सवाल उठायेगी । बुंदेलखंड से लेकर पूर्वांचल तक विभिन्न मदों में मिली केंद्रीय सहायता का जमीन पर कितना असर रहा यह मुख्य मुद्दा होगा । दूसरे कानून व्यवस्था और नौकरशाही की लालफीताशाही को भी मुद्दा बनाया जाएगा । हालाँकि समाजवादी पार्टी इसे दुष्प्रचार मानती है । पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा -कहाँ उन्हें दिख गया कि मुसलमानों का मोहभंग हो गया । अल्पसंख्यक आयोग से लेकर ऊर्दू अकादमी के गठन की प्रक्रिया चल रही है । कानून व्यवस्था के मोर्चे पर सख्ती बरती जा रही है । इससे पहले की सरकार के राज में तो अपराध दर्ज तक नहीं होते थे । इसलिए लोगों को कोई ग़लतफ़हमी नहीं पालनी चाहिए । दो दलों के तेवरों से साफ़ है कि लोकसभा चुनाव से पहले ये एक दूसरे के खिलाफ मोचा खोल देंगे । दरअसल लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ ज्यादा माहौल होगा ऐसे में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को भी चुनावी फायदा लेने के लिए कांग्रेस पर सीधा हमला बोलना होगा । वैसे भी बेनी प्रसाद वर्मा ने जिस तरह मुलायम सिंह यादव पर निशाना साधा उसे देखते हुए खांटी समाजवादी हिसाब बराबर करने की ताक में बैठे है ।

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