Friday, November 18, 2011

संघ परिवार का परिवारवाद


अंबरीश कुमार
लखनऊ, नवंबर।कंग्रेस के परिवारवाद को लेकर निशाना साधने वाला अब संघ परिवार अब संगठन के परिवारवाद में उलझ गया है। संगठन के पुराने कार्यकर्त्ता अब भाजपा में परिवार वालों के लिए टिकट मांग रहे है। जबकि इसी हथियार का इस्तेमाल संघ कांग्रेस को घेरने के लिए करता रहा है ।
गुरूवार को ही अयोध्या में विनय कटियार ने कहा था कि काग्रेस मृतक आश्रित कोटे की पार्टी है । इससे पहले उमा भारती ने कसया में परिवारवाद को बड़ा खतरा बताया था तो लालकृष्ण आडवानी ने भी गुरुवार को ही वंशवाद को लोकतंत्र के लिए बड़ा ख़तरा बताया । जबकि वंशवाद का विरोध करने वाली यह पार्टी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को पीछे छोड़ रही है । संघ के कार्यकर्त्ता और भाजपा के आधा दर्जन से ज्यादा बड़े नेताओं ने अपनी दूसरी पीढी के लिए टिकट मांगा है । इन नेताओं में पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद राजनाथ सिंह ,पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी ,सांसद लालजी टंडन ,ओमप्रकाश सिंह ,सत्यदेव सिंह ,प्रेमलता कटियार आदि शामिल है । यह तो बड़े नेता है अब इसी तर्ज पर जिलों में भी पुराने नेता अपनी अगली पीढी के लिए टिकट मांग रहे है ।
वंशवाद को लेकर अब राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ यानी आरएसएस भी अपनों के निशाने पर है जो कांग्रेस के वंशवाद पर हमला करता रहा है खासकर नेहरु-गांधी परिवार पर। संघ के प्रचारक इसी वंशवाद से दूर रहने के लिए पहले बिना शादी विवाह भूजा खाकर देश के दूर दराज इलाकों में जीवन गुजार दिया करते थे पर अब हालत बदल गए है। संघ के प्रचारकों ने भी न सिर्फ परिवार बनाना शुरू किया बल्कि परिवार की राजनैतिक प्रगति के लिए पार्टी पर दबाव भी बना रहे है। जितने बाद नेताओं के नाम ऊपर दिए गए है वे सभी अपने को संघ का खांटी प्रचारक मानते रहे है पर अब बेटे बेटी के लिए टिकट भी मांग रहे है । इस मामले में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पिछड़ रही है । उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के जिन प्रमूख नेताओ के परिवारवालों को टिकट मिला है उनमे प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी के भाई और सांसद हर्षवर्धन व जगदंबिका पाल के पुत्र शामिल है। पर भाजपा में यह सूची लंबी है ।
आधा दर्जन बड़े नेता अपने पुत्र पुत्री के लिए जहाँ विधान सभा टिकट के लिए पार्टी पर दबाव बना रहे है वही उनकी देखादेखी दूसरी कतार के नेता और जिलों के नेता अपने परिवारवालों के लिए टिकट मांग रहे है । कुछ दिवंगत नेताओं के परिवारवालों ने भी टिकट मांगा है । नेताओं ने अपने परिवार को किस तरह आगे बढाया है इसकी बानगी भी देखने वाली है । लखनऊ के भाजपा विधायक सुरेश तिवारी ने अपने पुत्र को भाजपा युवा मोर्चे का मंत्री बनवा दिया है तो दुसरे विधायक विद्या सागर गुप्त ने अपने पुत्र को लघु उद्योग प्रकोष्ठ का संयोजक बनवा दिया है।दोनों विधायकों के पुत्र टिकट के मजबूत दावेदार है। लालजी टंडन तो अपने पुत्र के लिए पिछली बार बागी तक हो गए थे । ऐसे में विनय कटियार की भाजपा भी पैत्रिक कोटे वाली पार्टी बनती नजर आ रही है। jansatta

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