Thursday, January 5, 2012

डीपी यादव को लेकर मोहन सिंह टाए गए

अंबरीश कुमार
लखनऊ , जनवरी । समाजवादी पार्टी ने बाहुबली डीपी यादव के मुद्दे पर प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव के एलान के बावजूद पार्टी महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहन सिंह की टिपण्णी को लेकर कड़ा फैसला करते हुए आज उन्हें प्रवक्ता पद से हटा दिया । अखिलेश यादव ने साफ कहा था कि डीपी यादव के लिए पार्टी में कोई जगह नहीं है । इसके बावजूद मोहन सिंह ने टिपण्णी कर दी थी कि इस मामले पर विचार होना है ,जिससे सपा नेतृत्व के फैसले को लेकर सवाल उठने लगा था और राजनैतिक हलकों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी । गौरतलब है कि डीपी यादव को लेकर पार्टी के कुछ नेताओं की राय अखिलेश यादव की राय से अलग थी जिसमे कई पुराने क्षत्रप भी शामिल है । मामला सिर्फ एक बाहुबली का नहीं था बल्कि आधा दर्जन बाहुबली विभिन्न क्षत्रपों के जरिए पार्टी में आने की कोशिश कर रहे थे ।
भ्रष्टाचार को लेकर जहां भाजपा फंसती जा रही है वही समाजवादी पार्टी के युवा चेहरे अखिलेश यादव के तेवर से वे बाहुबली सकते में है जो सपा में आने का रास्ता ढूंढ़ रहे है । बाहुबली डीपी यादव को लेकर पार्टी में जो शीत युद्ध चल रहा था उसमे अंततः जीत अखिलेश यादव की हुई और सबक उन आधा दर्जन बाहुबलियों को मिला जो अन्य क्षत्रपों के जरिए पार्टी में आने की कोशिश कर रहे थे । समाजवादी पार्टी की नई छवि राजनैतिक रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है । उत्तर प्रदेश के मौजूदा राजनैतिक माहौल में समाजवादी पार्टी फिलहाल सबसे आगे है और कोई भी गलती करने का जोखम वह उठाना नहीं चाहती इसलिए मुलायम सिंह यादव फूंक फूंक कर कदम रख रहे है । भाजपा के कुशवाहा कांड से सही सबक समाजवादी पार्टी ने लिया है जिसने अपनी साख की कीमत पर कोई फैसला न करने का मन बना लिया है । यही वजह है कि डीपी यादव को लेकर शब्दों के चयन में जो गलती पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और खांटी समाजवादी मोहन सिंह से हुई उसकी भरपाई फ़ौरन की गई और इसका संदेश साफ़ था । मोहन सिंह की जगह प्रोफ़ेसर राम गोपाल यादव को जैसे ही राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाने का एलान हुआ लखनऊ में समाजवादी पार्टी मुख्यालय पर मीडिया का जमावड़ा लग गया । पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव जो उस समय मुख्यालय में थे वे मीडिया से बिना मिले चले गए ।
बाद में प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा -प्रोफ़ेसर राम गोपाल यादव को राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया है । मोहन सिंह महासचिव बने रहेंगे । राजेंद्र चौधरी ने इससे ज्यादा कुछ कहने से इंकार कर दिया। पर पार्टी सूत्रों का मानना है कि यह कदम प्रदेश अध्यक्ष की गरिमा को देखते हुए उठाया गया जो पार्टी में किसी भी बाहुबली और दागी नेताओ को लाने का विरोध कर रहे है । उनके बयान दे देने के बाद किसी भी पदाधिकारी की टिप्पणी गैर जरुरी थी इसी वजह से मोहन सिंह को लेकर यह फैसला करना पड़ा । राष्ट्रीय प्रवक्ता के हटाए जाने का जो बयान आज जारी हुआ वह प्रदेश प्रवक्ता की तरफ से था जिसमे राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह के फैसले की जानकारी दी गई थी । पर इसका राजनैतिक संदेश पार्टी के उन क्षत्रपों के लिए है जो बाहुबलियों का रास्ता बना रहे थे ।jansatta

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