Wednesday, January 4, 2012

भाजपा के गले की हड्डी बन गए मायावती के दागी मंत्री और बाहुबली !


अंबरीश कुमार
लखनऊ ,४ जनवरी ।मायावती सरकार के बाहुबली नेता और दागी मंत्री अब भाजपा के गले की हड्डी बन गए है। इनमे बाबू सिंह कुशवाहा को लेकर पार्टी में दो खेमे हो गए है जो लखनऊ से दिल्ली तक नजर आ रहे है। कल कुशवाहा को भाजपा में लिया गया और आज सीबीआई छापे के साथ ही पार्टी नेताओं की स्थिति सांप छछूंदर वाली हो गई। भाजपा सूत्रों के मुताबिक पहले तय हुआ कि कुशवाहा को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाए पर बाद में उन्हें ढोने का ही फैसला इस शर्त के साथ हुआ कि ऊन्हे चुनाव में टिकट नहीं दिया जाएगा ,हालांकि वे विधान परिषद के सदस्य है इसलिए यह तर्क भी जल्दी किसी के गले नहीं उतरने वाला । नीति ,नीयत और नैतिकता का नारा देने वाली भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य आईपी सिंह ने जनसत्ता से कहा -हमारे नेता अन्ना हजारे के मंच पर जाकर भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष का एलान करते है तो आडवानी पूरे देश में अलख जागते है और उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के सबसे बड़े मामले के सबसे बड़े अभियुक्त बाबू सिंह कुशवाहा को हम पार्टी में शामिल कर किस मुंह से जनता के बीच जाएंगे । इस मामले में प्रदेश के कुछ नेताओं ने राष्ट्रीय नेतृत्व को अँधेरे में रखा है । क्योकि कुशवाहा ने कांग्रेस से लेकर सपा तक में संभावना तलाशी पर जब कही जगह नहीं मिली तो वे भाजपा में आए । अब भाजपा का एक खेमा कुशवाहा के बचाव में जुटा है । भाजपा के एक प्रवक्ता ने कहा अब पार्टी को सौ प्याज खाने के बाद सौ जूते खाने वाली कहावत को चरितार्थ करना पड़ रहा है । गौरतलब है कि जब भाजपा कुशवाहा को पार्टी में शामिल कर रही थी उसी समय समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एलान किया कि उनकी पार्टी में बाहुबली डीपी यादव के लिए कोई जगह नहीं है । यह वही समाजवादी पार्टी है जिसके बारे में २००६ से पहले उत्तर प्रदेश में नारा लगता था -जिस गाड़ी पर सपा का झंडा उस गाड़ी में बैठा गुंडा। इस नारे का सबसे ज्यादा प्रचार तब राजबब्बर ने वीपी सिंह के आन्दोलन में किया था । इसी वजह से मुलायम सिंह की सरकार बदनाम हुई और सत्ता से जाना पड़ा था । उत्तर प्रदेश में किस तरह पार्टियां अपनी छवि बदल रही है यह इसका उदाहरण है। अखिलेश यादव के इस एलान का सोशल नेटवर्किंग साइट पर भी स्वागत हुआ। डीपी यादव को पार्टी में लाने का प्रयास आजम खान ने किया था जो न सुनने के आदि नहीं है । ऐसे में सपा ने बाबू सिंह कुशवाहा के चलते भाजपा की फजीहत से सबक नहीं लिया तो सपा भी संकट में फंसेगी। इसकी मुख्य वजह वह नै पीढी है जो मंडल और कमंडल के बाद की है और राजनीति में भय और भ्रष्टाचार के खिलाफ है। अन्ना के आन्दोलन के बाद यह सवाल तो खड़ा ही हुआ है कि राजनीति में दागी लोगो को जगह नहीं दी जाए । भाजपा तो अन्ना आन्दोलन की भी प्रबल समर्थक रही और अब मायावती के चार दागी मंत्री को पार्टी में लेने के बाद बाहुबलियों को टिकट देने की तैयारी में है । भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह के पुत्र जेल में धनंजय सिंह से मिले तो उनके परिजन को टिकट देने की चर्चा हुई । सीडी कांड से मशहूर दूसरे संघ के बड़े नेता ने दिल्ली के नार्थ एवेन्यू में डीपी यादव से मुलाकात की ।पूर्वांचल के एक अन्य बाहुबली के भतीजे को भी टिकट देने की चर्चा है । यही वजह है कि आज बसपा ने भी नसीहत को नसीहत दी ।
बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा - वास्तविकता यह है कि शुचिता और ईमानदारी का दम्भ भरने वाली भाजपा अब भ्रष्टाचारियों और अपराधियों की शरणस्थली बन गयी है। बसपा से निकाले गए आपराधिक, दागी और भ्रष्ट नेताओं का विपक्षी दल खुलकर स्वागत और सम्मान कर रहे हैं। जनता ऐसी दोहरे चरित्र वाली पार्टियों के बारे में पूरी तरह समझ चुकी है। jansatta

No comments:

Post a Comment