Monday, April 28, 2014

चुनाव में दमण का समुद्र तट बचाने की गुहार लगा रहे है माछीमार किसान

लोकसभा चुनाव में पर्यावरण भी मुद्दा बन गया दमण से अंबरीश कुमार दमण ।पश्चिमी भारत के इस समुद्र तट पर आज शाम चुनाव का शोर ख़त्म हो चूका है । अब वोट पड़ने का इन्तजार है जो नदी और समुद्र को बचने के नाम पर माँगा जा रहा है ।यह जगह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योकि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के विकास का नारा यहाँ के लोगों के लिए त्रासदी बन गया है । गुजरात के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर वापी के जहरीले कचरे की वजह से अरब सागर का एक हिस्सा बुरी तरह प्रदूषित हो चूका है ।दोनों मुख्य नदियाँ भी प्रदूषित हो चुकी है ।जिसके चलते यहाँ का मछुवार समाज लगातार आक्रोशित रहा है और आज शाम तक की चुनावी सभाओं में यह मुद्दा उठा ।कांग्रेस प्रत्याशी केतन पटेल ने आज कहा कि दमण-दीव का विकास पांच वर्ष से बाधित हो चुका है। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पडोसी धर्म निभाने की बात पिछले चुनाव में की थी परंतु पडोसी धर्म निभाने की बात तो दूर रही उन्होंने हमारे माछीमार भाईयों को प्रदूषण भेंट में दिया है। दमण गंगा एवं कोलक नदी के प्रदूषण से अनेक बीमारियां फैल रही है।इससे अगर निजात नहीं पाया गया तो मछुवारों का इस इलाके में अस्तित्व ही ख़त्म हो जाएगा ।यह मुद्दा दमण में गरमा चूका है ।यहाँ से कांग्रेस के उम्मीदवार केतन पटेल है तो भाजपा के उम्मीदवार लालू पटेल।यह एक ऐसा चुनाव क्षेत्र है जहाँ पर्यावरण मुद्दा बन गया है क्योकि नदी और समुद्र का पानी जहरीला होता जा रहा है ।रविवार को कांग्रेस के उम्मीदवार केतन पटेल का जुलूस यहाँ मशाल चौक से तीनबत्ती, चार रास्ता, झांपाबार, बस डिपो, खारीवाड, झरीमरी माता, सुप्रीम अपार्टमेंट से कॉलेज रोड होते हुए मशाल चौक पहुंचा तो हजारों समर्थक इकठ्ठा हो चुके थे । इस मौके पर कांग्रेस नेता विशाल टंडेल ने कहा कि मैं कांग्रेस का वफादार सैनिक था और हूँ आज कांग्रेस के उम्मीदवार केतन पटेल को मजबूत सहयोग देने के लिए उतारते है तो समाज के अस्तित्व का प्रश्न हल होगा। क्योंकि पांच वर्ष में दमण-दीव के सांसद ने कुछ किया नहीं और उनके पक्ष के ही लोग आज उनको छोडकर जा रहे है। ऐसी परिस्थिति में ऐसे लोग आपका प्रतिनिधित्व किस तरह से कर सकते है। गुजरात की लहर की बात करने वालों को जबाव देते हुए विशाल टंडेल ने कहा कि हमारे माछीमार समुद्री किसान है। रोज-रोज नई लहर देखते है ये किसी एक लहर पर रूक जाएँ तो ये भूल होगी। माछीमार किसान गुजरात के जहरीले कचरे से बर्बाद हो रहा है ।हमारी नदी और समुद्र को वे जहरीला बना रहे है । गौरतलब है कि दमण की जीवन रेखा दमण गंगा नदी गुजरात के वापी शहर में लगे उद्योगों के कचरे की वजह से जहरीली हो चुकी है ।इस वजह से यहाँ का मछुवारा समाज जो अपने को माछीमार समुद्री किसान कहता है वह आंदोलनरत है ।कांग्रेस इनके साथ है और उसके उम्मीदवार के लिए माछीवाड के सभी बडे समूह एक साथ आ गए है ।कांग्रेस नेताओं ने नानी दमण जेटी स्थित माछीमारों के हॉल से माछीमारों संग बैठक कर चुनाव प्रचार शुरू किया था । माछी समाज का यहाँ नारा है पडोसी धर्म निभाने वालों ने दमण के माछी समाज को प्रदूषण भेंट किया । ऐसी ही एक बैठक जो समुद्र नारायण मंदिर के पास हुई उसमे कांग्रेस नेता विशाल टंडेल ने कहा कि आज समाज की कोई समस्या हो तो उसकी मांग करने की जिम्मेदारी सांसद की होती है, प्रतिनिधि सक्षम होना चाहिए परंतु कमजोर प्रतिनिधि को देखकर दिल्ली के अधिकारी अपने ऊपर राज करते है। आज प्रशासन की दादागिरी इस तरह बढ गई है कि एक शराब की एक बोतल भी ले जाने पर केस करने की धमकी दी जा रही है। ऐसे प्रशासन को सबक सिखाने की जरूरत है। माछी समाज जिसको चाहती उसे चढती है और चाहे तो उसे उतार सकती है मैं भी माछी समाज का हूं जिसका मुझे गर्व है। यह माछी समाज ही वापी के उद्योगों के जहरीले कचरे का ज्यादा शिकार हुआ है ।नानी दमन के एक मछुवारा परिवार की आशा ने कहा - कचरे के चलते नदी में मछलियाँ ख़त्म हो गई है और समुद्र का बड़ा हिस्सा ख़राब हो गया है ।पहले तो आसपास से मछली मिल जाती थी पर अब बहुत दूर जाना पड़ता है ।इसलिए हम सब कांग्रेस का साथ दे रहे है ।भाजपा के नेता ने तो कोई काम ही नहीं किया ।आप पीने का पानी भी दमण में नहीं मिलता है । दरअसल दमण की अर्थव्यवस्था पहले मूल रूप से मछली के व्यवसाय पर ही निर्भर थी ।पर अब मछुवारों का पलायन तेजी से हुआ है और वे अन्य धंधों कि और चले गए है ।इसकी मुख्य वजह नदी और समुद्र का प्रदूषण है ।इसका असर अब पर्यटन उद्योग पर भी पड़ने लगा है ।ऐसे में चुनाव में अगर पर्यावरण एक मुद्दा बन गया है तो यह शुभ संकेत है लोकतंत्र के लिए ।जनादेश न्यूज़ नेटवर्क

No comments:

Post a Comment