Friday, April 13, 2012

युवा पहचान अब राहुल नहीं अखिलेश


अंबरीश कुमार
लखनऊ , अप्रैल । उत्तर प्रदेश में युवा नेतृत्व की पहचान अब राहुल गांधी नहीं अखिलेश यादव है । जिस तरह राजनीति में कदम रखने के बाद राहुल गांधी को नौजवानों ने हाथोहाथ लिया था ठीक उसी तरह अब अखिलेश यादव को लिया जा रहा है । गुरुवार को उत्तर प्रदेश में लड़कियों के सबसे प्रतिष्ठित लखनऊ के इसाबेला थार्बन (आईटी) कालेज की छात्राओं ने जिस उत्साह और उमंग के साथ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का स्वागत किया उसने युवाओ में इस नए नेतृत्व का भविष्य दूर तक दिख रहा है। यह संयोग ही है कि इस कार्यक्रम के बाद आज समाजवादी पार्टी ने आज एलान भी कर दिया कि हाई स्कूल पास छात्र छात्राओं को लैपटाप व टैबलेट देने की दिशा में पहल कर दी गई है ।
आईटी कालेज सभ्रांत वर्ग की लड़कियों का मशहूर कालेज रहा है जिसके १२५ साल पूरे होने का समारोह चल रहा है । बीते सौ से ज्यादा सालों में इस कालेज से कई मशहूर हस्तियाँ निकल चुकी है जिसमे कई फिल्म में भी गई । ऐसे कालेज की लड़कियां जब गाँव की पार्टी माने जानी वाली समाजवादी पार्टी के नेता और नौजवान मुख्यमंत्री से हाथ मिलाने के लिए धक्का मुक्की पर उतर आए और उन्हें संभालना मुश्किल हो तो अखिलेश यादव की युवाओं में बढती लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है । इस तरह की भीड़ कालेजों में राहुल गांधी के लिए जुटाती रही है । पर सफ़ेद कुर्ता पायजामा और लाल टोपी वाला यह नौजवान अंग्रेजी भाषी लड़कियों के बीच लोहिया से लेकर जनेश्वर मिश्र के समाजवाद का पाठ पढ़ा दे और इन छात्राओं की तालियाँ बटोर ले जाए यह समाजवादी पार्टी की बदलती राजनीति का नया संकेत भी है । जो पार्टी कल तक लाठी का प्रतीक बन हुई थी आज वह लैपटाप से नई पहचान बनाने जा रही है । गौरतलब है कि राहुल गांधी ने भी इसी तरह समाज में गैर बराबरी के खिलाफ ,शोषण दमन के खिलाफ पहल की थी । राहुल गांधी पंडित नेहरु से लेकर इंदिरा और राजीव गांधी का नाम लेते थे । पर अखिलेश यादव लोहिया का नाम लेते है । राहुल दिल्ली से आते थे आम लोगों से मिलते जुलते थे ,गाँव भी जाते थे पर फिर दिल्ली लौट जाते थे क्योकि उत्तर प्रदेश में उनका कोई स्थाई पता नहीं है । पर अखिलेश यादव का स्थाई और अस्थाई दोनों पता उत्तर प्रदेश का है । वे कही लौट नहीं जायेंगे इस यकीन पर उन्हें जन समर्थन मिला था । राहुल कांग्रेस की राजनैतिक संस्कृति बदल नहीं पाए पर अखिलेश यादव बदल रहे । इस कार्यक्रम में कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुना बहुगुणा जोशी को मंच पर जगह नहीं मिल पाई थी यह देख अखिलेश यादव ने उन्हें ऊपर आमंत्रित किया और कुर्सी लगवा कर बैठाया । और मायावती नाराज हुई तो इन्ही रीता बहुगुणा जोशी को जेल भर्ज दिया था और बाद में उनका घर भी फूंक दिया गया । यह बानगी है नई और बदलती संस्कृति की ।

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