Wednesday, April 11, 2012

बुखारी की सौदेबाजी पर नही झुके मुलायम


अंबरीश कुमार
लखनऊ , अप्रैल ।जामा मस्जिद के शाही इमाम अब्दुल्ला बुखारी ने जिस तरह मीडिया के जरिए समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव पर दबाव बनाकर राज्यसभा की एक सीट और विधान परिषद की सीट लेने का प्रयास किया था वह अब नाकाम होता नजर आ रहा है। बुखारी की इस सौदेबाजी की तीखी प्रतिक्रिया हुई और आजम खान खुल कर विरोध में उतरे। पर जो मुखर नहीं थे उन्होंने पार्टी के भीतर बुखारी की भाषा ,तेवर और राजनैतिक सौदेबाजी का विरोध किया । समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार विधान परिषद की पांच सीटों पर नामांकन कर चुके है। गुरुवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी के विधान परिषद के लिए नामांकन दाखिल करने के साथ ही इस विवाद का भी अंत हो सकता है क्योकि फिर सिर्फ एक सीट ही बचेगी । राजेंद्र चौधरी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खांटी समाजवादी चेहरे के साथ पार्टी का जाट चेहरा भी है जो कल अखिलेश यादव के साथ ही परचा दाखिल करेंगे ।
दरअसल यह पारी अखिलेश यादव की है जो अलग ढंग की राजनीति से समाजवादी पार्टी की नई छवि गढ़ रहे है इसलिए ज्यादा बड़ी चुनौती अखिलेश के लिए है और इस मामले में मुलायम सिंह की ख़ामोशी भी सब कुछ बता दे रही है । यह माना जा रहा है कि इस मामले में मुलायम सिंह के झुंकने से गलत संदेश जा सकता है । राजनैतिक विश्लेषक नीलाक्षी सिंह ने कहा - बुखारी की सौदेबाजी के आगे अगर मुलायम सिंह झुक जाते हैं तो इसका राजनैतिक संदेश यही जाएगा कि मुलायम सिंह
मुसलमानों के सच्चे हितैषी नहीं हैं बल्कि सिर्फ वोट की राजनीति करते हैं । इस तरह की वोटबैंक की राजनीति मुलायम सिंह का भी वही हश्र करेगी जैसा मायावती का हुआ। दरअसल समाजवादी पार्टी जिस नई राजनीति के नाम पर सत्ता में आई है वह उसे अमल कर भी दिखाना होगा। पार्टी की तरफ से कल मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी विधान परिषद का परचा दाखिल करने जा रहे है जिसके बाद सिर्फ एक ही सीट भी बचेगी । जिसका राजनैतिक संदेश कोई भी समझ सकता है । नामांकन के बारे में पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा -यह पहले से तय था मै मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ ही पर्चा भरूँगा ।
गौरतलब है कि बुखारी की राजनैतिक मांग और उसपर आजम खान का आक्रामक तेवर व सीधी चुनौती से यह मामला तूल पकड़ चुका था । पर न तो समाजवादी पार्टी और न ही मुलायम सिंह यादव ने इस पर कोई सफाई दी । पर इस बार समाजवादी धारा के साथ मुस्लिम नेताओं ने भी बुखारी की मांग की निंदा की । बुखारी एक धार्मिक नेता है और चुनाव में उन्होंने समाजवादी पार्टी का समर्थन किया था फिर दामाद के लिए टिकट लिया और उसी आधार पर वे राज्य सभा और विधान सभा की सीट मांग रहे थे। पर उनके समर्थन से समाजवादी पार्टी को कितना फायदा हुआ यही सवाल आजम खान ने भी उठाया था । आजम खान ने कहा था ,जो अपने दामाद को मुस्लिम बहुल इलाके में न जिता पाए उसका राजनैतिक आधार तो सभी समझ सकते है । शाही इमाम पर इस तरह की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर आजम खान ने कहा -एक तो पिछले तीस साल से मेरा मुलायम सिंह से जज्बाती रिश्ता है दूसरे मै समाजवादी पार्टी का संस्थापक सदस्य हूँ । फिर जो भाषा उन्होंने राज्यसभा के उम्मीदवार मुनव्वर सलीम को लेकर बोली वह बेहद आपतिजनक है । वे बन्दों के ही नही अल्लाह के भी गुनाहगार है । इस मुद्दे पर पर ज्यादातर लोग आजम के साथ है बुखारी अलग थलग पड़ते नजर आ रहे है ।
इस बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह ने कहा कि किसानों और अल्पसंख्यकों के प्रति सरकार चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वायदे पूरे करेगी। किसानों का 50 हजार रूपए तक का कर्जा माफ किया जाएगा। किसानों को सहकारी संस्थाओं से 4 प्रतिशत व्याज दर पर कर्ज सुनिश्चित किया जाएगा। किसान की जमीन नीलाम नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मुसलमानों की आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक स्थिति में सुधार के लिए सच्चर और रंगनाथ आयेाग की प्रदेश में हो सकने वाली सिफािरशें कार्यान्वित की जाएगी उनको आरक्षण का लाभ देने के साथ कब्रिस्तानों की चहार दीवारी बनाई जाएगी। दरगाहों के संरक्षण के लिए स्पेशल पैकेज आवंटित किया जाएगा। मदरसों को मदद दी जाएगी। उर्दू को रोजी रोटी से जोड़कर उसके स्कूल खोले जाएगें।

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