Sunday, September 9, 2012

नितीश,मोदी को पीछे छोडा अखिलेश ने

अंबरीश कुमार
लखनऊ , सितंबर । सत्तर के दशक में कालेज और विश्वविद्यालयों में एक नारा चलता था ' रोजगार दो या बेरोजगारी भत्ता दो ' जिसे बाद में कुछ राज्यों ने लागू भी किया ।इन राज्यों में बंगाल ,हरियाणा और बिहार शामिल थे पर अब यह सब जगह बंद हो चुका है ऐसे में दस हजार बेरोजगार नौजवानों को बेरोजगारी भत्ता देकर जो शुरुआत अखिलेश यादव ने की है वह केंद्र समेत सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के लिए एक बड़ी लकीर की तरह है ।अखिलेश यादव ने अपनी चुनावी सभाओ में जो एलान किया था उसमे एक सबसे बड़ा वादा बेरोजगारी भत्ता देने का था ।आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा भी -जो कहा था उसे पूरा किया और अन्य सभी वायदे भी पूरे होंगे । जयप्रकाश आन्दोलन के प्रमुख कार्यकर्त्ता महात्मा भाई ने कहा -इस कदम से अखिलेश यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार और विकास के प्रतीक गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पीछे छोड़ दिया है ।अब अन्य राज्यों के सामने यह चुनौती है कि वे अपने प्रदेश के बेरोजगार नौजवानों के लिए क्या पहल करते है । सत्ता में आने के छह महीने के भीतर उस वायदे पर पहल कर देना जिसने प्रदेश के नौजवानों को सबसे ज्यादा आकर्षित किया यकीनन अखिलेश यादव के लिए किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है ।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक मिश्र ने कहा -यह तय रूप से सार्थक और ठोस पहल है । हम लोग छात्र जीवन में नारा देते थे काम दो या बेरोजगारी भत्ता दो । बाद में केरल और बंगाल में दिया भी गया पर अब देश में कही पर भी नहीं दिया जाता है इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण कदम है ।भाकपा की तरह अन्य राजनैतिक दल के नेता भी इसे बड़ा कदम मानते है पर खुलकर कुछ कहने को तैयार नहीं । इसलिए अखिलेश यादव का यह कदम राजनैतिक चुनौती के रूप में भी उभरने वाला है । संघर्ष वाहिनी मंच के राष्ट्रीय संयोजक राजीव हेम केशव ने कहा -अखिलेश यादव की इस पहल ने उन्हें देश के अग्रणी मुख्यमंत्रियों की कतार में तो खड़ा कर ही दिया है । इसे नौजवानों के बीच उनकी साख भी बड़ी है जो लोकसभा चुनाव में मदद भी करेगी । दरअसल अभी तक अखिलेश यादव की किसी भी पहल ने उन्हें राष्टीय फलक पर चर्चित नहीं किया था ।बेरोजगारी भत्ता और फिर लैपटाप की योजना उन्हें नई पहचान दिलाने जा रही है । समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा - यह तो शुरुआत हुई है डा लोहिया के सपनो को पूरा करने की । दस हजार को बेरोजगारी भत्ता दिया गया और नौ लाख नौजवानों को दिया जाएगा । बहुत से कदम उठाए जाने है । उदाहरण के रूप में देखे तो मुख्यमंत्री ने शासन सँभालते ही लोकतंत्र सेनानियों के प्रति पूर्ववत् सम्मान की भावना रखी और चुनाव घोषणा पत्र में लोकतंत्र रक्षक सेनानियों के साथ किए वायदे को निभाने में देर नहीं की। प्रदेश की राज्य सरकार ने लोकतंत्र रक्षक सेनानियों को मुफ्त सरकारी बसों से यात्रा, एक सहायक को भी साथ यात्रा की अनुमति देने, चिकित्सा सुविधा के साथ तीन हजार रूपए मासिक की पेंशन देने की भी घोषणा की है। मुलायम सिंह यादव ने अपने समय में लोकतंत्र रक्षक सेनानियों की पेंषन राशि एक हजार रूपए रखी थी। अखिलेश यादव ने इस राशि में तीन गुना बढ़ोत्तरी कर दी है। पर सरकार की सोच सिर्फ बेरोजगारी भत्ते तक ही नही है बल्कि रोजगार की तरफ भी है । आज समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने की भी व्यवस्था करेगी और जो रोजगार से वंचित रहेंगे उन्हें बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। जनसत्ता

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