Monday, December 12, 2011

मीडिया को सबक सिखाते सिखाते छतीसगढ़ में भाजपा को निपटा देंगे रमन सिंह


अंबरीश कुमार
छत्तीसगढ़ से मित्र लोगो ने बताया कि फेसबुक पर अभिव्यक्ति की आजादी की हिमायत करने वाली भाजपा की इस राज्य की सरकार मीडिया की ठीक से खबर ली रही है .इस राज्य में दो पत्रकारों की हत्या हो चुकी है और विज्ञापनों की राजनीति से प्रिंट मीडिया को लगातार दबाया जा रहा है .एक चैनल और एक अखबार पर रमन सिंह के बिगडैल अफसरों की मेहरबानी बहती जा रही है .ऐसे ही बिगडैल अफसरों ने अजित जोगी को सत्ता से बेदखल कर राज्य की राजनीति के कूड़ेदान पर फेक दिया था .वे जोगी जो मीडिया के सबसे करीबी रहे .मुझे याद है मै जब इंडियन एक्सप्रेस की नै जिम्मेदारी निभाने के लिए छत्तीसगढ़ पहली बार पहुंचा तो सर्किट हाउस में अजित जोगी के एक सहयोगी ने पूछा था -कोई भी दिक्कत हो तो बता दीजिएगा .खैर बाद में जोगी मुख्यमंत्री बने और उनसे करीबी संबंध भी बना .कई बार उनका सुबह सुबह फोन आ जाता था इंडियन एक्सप्रेस देखने के बाद और बधाई देते थे .दिल्ली से आए चार पांच मित्रों को वे दावत पर भी बुलाते थे .पर जबख्बरों में सरकार की आलोचना शुरू हुई तो उनकी नजरे भी बदल गई .जनसत्ता उसी दौर में मैंने लांच किया तो 'सबकी खबर दे ,सबकी खबर ले नारे , के मुताबिक कवरेज भी शुरू हुई और सरकार आए दिन विधान सभा में घिरने लगी .इसपर कुछ अफसरों ने जोगी के कान भरे और फिर खुल कर टकराव हुआ .जनसत्ता के दफ्तर पर हमला हुआ और फिर लम्बा आन्दोलन चला .उस दौर में अपन के साथ अनिल पुसदकर ,राजकुमार सोनी ,संजीत त्रिपाठी ,अनुभूति ,भारती यादव जैसे कई पत्रकार इस लड़ाई में साथ थे .बस्तर में वीरेंदर मिश्र ने मोर्चा संभल रखा था .पर हमारे फ्रेंचायाजी पार्टनर विजय बुधिया अखबार के इन तेवरों से घबडा गए और मुझे वापस भेजने का दबाव दल था .पर तबतक सारा कम हो चुका था .मुझे याद है एक दिन प्रदेश के कद्दावर नेता विद्याचरण शुक्ल (वही इमरजेंसी फेम वाले ) ने मुझसे कहा -अंबरीश जी यह अभियान कब तक चलता रहेगा ,तो मेरा जवाब था जब तक मै यहाँ रहूँगा .
जो पहल अभिव्यक्ति की आजादी के संघर्ष के लिए छत्तीसगढ़ के पत्रकारों ने की उसी ने भाजपा को सत्ता तक पहुँचाया था यह बात छत्तीसगढ़ में आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी इस सरकार के मंत्री और बिगडैल अफसर लगता है भूल गए है .
अब लोगो को फिर जोगी याद आ रहे है क्योकि वे ही इस सरकार से सीधा लोहा ले सकते है .ऐसा अपने छत्तीसगढ़ के कई सहयोगियों का मानना है .लगता है छत्तीसगढ़ में फिर इतिहास दोहराया जा रहा है .मीडिया को निपटाते निपटाते रमन सिंह भी भाजपा को निपटा देंगे यह बात नितिन गडकरी को तो समझ में आ जानी चाहिए .मीडिया ने दो मुख्यमंत्रियों रमन सिंह और नितीश कुमार की जो छवि बनाई है वह विज्ञापन के पैसे से बनी है और विज्ञापन के पैसे से जब इंडिया साइनिंग नहीं चला तो रमन सिंह की भोली भाली छवि जिसपर खनन क्षेत्र का दाग लग रहा है वहह कब त़क चलेगी . जनसंपर्क विभाग के थके हुए अफसरों से कोई राजनैतिक लड़ाई न जोगी लड़ पाए थे और न रमन लड़ पाएंगे .हैरानी यह जरुर है की मीडिया के मठाधीश इस पर खामोश क्यों है .

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