Sunday, October 21, 2012

आक्रोश में है मुलताई में किसान

अंबरीश कुमार लखनऊ अक्टूबर । किसान आंदोलन की वजह से किसान नेता सुनीलम को आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ अब बड़े जन आंदोलन की तैयारी शुरू हो गई है । इस आंदोलन को ताकत देने का बीड़ा सामाजिक कार्यकर्त्ता मेधा पाटकर ने उठा लिया है । इस बीच एक हजार किसान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र भेज कर जन विरोधी फैसले का विरोध करेंगे । जबकि पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसान संगठनी ने सुनीलम के साथ अपनी एकजुटता दिखाते हुए लखनऊ से दिल्ली तक इसका विरोध करने का फैसला किया है । यह आंदोलन दिल्ली ,भोपाल ,लखनऊ ,नागपुर से लेकर मुलताई तक चलेगा और अन्य कई राज्यों के किसान इसमे शिरकत करेंगे । किसान मंच के अध्यक्ष विनोद सिंह ने आज यहाँ यह जानकारी दी । उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को लेकर देश की वामपंथी ,समाजवादी और लोकतांत्रिक ताकतों को एकजुट किया जा रहा है । मेधा पाटकर जो अस्वस्थ होने की वजह से हैदराबाद में रुक गई थी वे दिल्ली पहुँच कर साभी वरिष्ठ नेताओं से संपर्क शुरू करेंगी । बाद में नवंबर में मुलताई में किसानो की राष्ट्रीय पंचायत बुलाई जाएगी जिसमे कई राज्यों के किसान संगठन और अन्य जन संगठन हिस्सा लेंगे । इस बारे में किसान संघर्ष समिति ,एनएपीएम और किसान मंच के बीच बातचीत हो रही है । आज यहाँ समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता और एमएलसी राजेंद्र चौधरी ने कहा कि सुनीलम के मुद्दे पर वे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह से बात कर उन्हें पूरी जानकारी भी देंगे। सुनीलम समाजवादी पार्टी के विधायक भी रहे है । राजेंद्र चौधरी ने कहा -सुनीलम समाजवादी आंदोलन के साथी रहे है और किसानो के लिए लगातार संघर्ष करते रहे है । किसान मंच के मुताबिक इस बीच मुलताई और आसपास के इलाके में कई गांवों में किसानो ने फैसले के खिलाफ चूल्हा बंदी आंदोलन किया । बैतूल में गाँव गाँव में किसानो ने भूख हड़ताल की । किसानो का कहना है कि यह अजीब फैसला है जिसमे किसानो पर गोली चलाई गई और किसान ही सजा पा रहे है । बहरहाल किसानो के तेवर देख साफ है कि अब एक और बड़े आंदोलन की जमीन तैयार हो रही है । इस बीच महाराष्ट्र के किसान नेता प्रताप गोस्वामी मुलताई पहुँच गए है और वे सुनीलम के मुक़दमे के फैसले का पूरा ब्यौरा लेकर सिल्ली के वरिष्ठ वकीलों से राय मशविरा करेंगे । प्रताप गोस्वामी ने फोन पर कहा -मुलताई में किसान बहुत आहत और आक्रोश में है । बड़े कारपोरेट घरानों की शह पर अगर इस तरह जुझारू किसान नेता को फंसाने का फैसला होने लगा तो हालत बेकाबू होंगे । मेधा पाटकर इस घटना को भाजपा कांग्रेस के साथ कारपोरेट घरानों की सांठगांठ का नतीजा मानती है और यह प्रवृति महाराष्ट्र ,मध्य प्रदेश से लेकर कई राज्यों में दिखाई पड़ रही है । मुलताई कांड जब हुआ तो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह थे जिसमे दो दर्जन किसानो की जान गई थी और अब भाजपा के राज में जो फैसला आया है उसमे सुनीलम समेत तीन लोगों को आजीवान कारावास की सजा सुनाई गई है । इसी तरह महाराष्ट्र में प्राकृतिक संसाधनों की लूट में भाजपा कांग्रेस और कारपोरेट घराने साथ साथ खड़े है । इसके खिलाफ अब बड़े जन आंदोलन की जरुरत है जिसमे समाजवादी हो वामपंथी हो तो मानवाधिकार की लड़ाई लड़ने वाले भी शामिल हो । गौरतलब है कि विदर्भ में बड़े पैमाने पर बिजली घर परियोजनाए शुरू हो रही है जिसके चलते एक लाख एकड़ जमीन से किसान विस्थापित होंगे । इसी तरह मध्य प्रदेश में किसानो की जमीन छीन कर कई योजनाएं बन रही है । इसका एक उदाहरण महाराष्ट्र मध्य प्रदेश सीमा पर छिंदवाडा में अडानी समूह की परियोजना है जिसके खिलाफ सुनीलम लगातार संघर्ष कर रहे थे । यह भी कहा जा रहा है कि कल आए फैसले में उन्हें आजीवन कारावास की सजा इसलिए भी सुनाई गई ताकि वे छिंदवाडा से लोकसभा का चुनाव न लड़ सके जहाँ से कमलनाथ चुनाव जीतते रहे है । दरअसल सुनीलम न सिर्फ कांग्रेस बल्कि भाजपा के लिए भी आँख की किरकिरी बने हुए है । बहरहाल समाजवादी पार्टी के लिए भी अपनी राजनैतिक जमीन मजबूत करने का यह बड़ा मौका है अगर वह अपने इस किसान नेता की लड़ाई लड़ने के लिए खुल कर सामने आए । किसान संगठन इस सिलसिले में मुलायम सिंह से भी संपर्क करेंगे । jansatta

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