Sunday, April 28, 2013

अमेरिकी हेकडी का जवाब देकर अखिलेश ने दिखाई राजनैतिक ताकत

सविता वर्मा लखनऊ, 27 अप्रैल।देश के सबसे बड़े सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बोस्टन जाकर भी हार्वर्ड विश्विद्यालय के कार्यक्रम का बायकाट कर एक झटके में अमेरिका विरोधी भावनाओं को मजबूत आधार दे दिया है । आहत मुस्लिम समाज ने अखिलेश के इस कदम का स्वागत किया है जिसमे सभी वर्ग के लोग शामिल है । अमेरिकी दादागिरी का यह माकूल जवाब है जिसके चलते अखिलेश यादव अचानक अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के केंद्र में भी आ गए है । हार्वर्ड विश्विद्यालय विश्व में शिक्षा का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है और उसने अखिलेश यादव को विश्व के सबसे बड़े धार्मिक समागम को आयोजित करने की वजह से न्योता दिया था । वह भारत से ,उत्तर प्रदेश से यह जानना चाहता था कि किस तरह करोड से ज्यादा श्रद्धालू संगम में डुबकी लगाने आते है और इसकी व्यवस्था कैसे होती है ? कैसे लाखों लोग एक महीने तक संगम तट पर रुकते है । पर वह अमेरिका जो कुंभ कि व्यवस्था को जानना चाहता था खुद कैसी अव्यवस्था का शिकार है इसे अखिलेश यादव ने अपने फैसले से समूचे विश्व को बता दिया है । देश ही नहीं बाहर के देशों में इसका बड़ा राजनैतिक सन्देश गया है और मुस्लिम समाज ने इसका स्वागत किया है । क्योकि अमेरिका ने मुसलमान होने की वजह से ही आजम खान को राजनयिक होने के बावजूद बेइज्जत किया था और आम भारतीय इस घटना से आहत था । कई मुस्लिम संगठनों ने इस घटना पर अमेरिका कि भर्त्सना भी की थी । आजम खान ने साफ़ कहा कि मुसलमान होने की वजह से उनका अपमान किया गया है।इस घटना से विश्व भर में लोग नाराज हुए । पत्रकार रिजवान मुस्तफा ने कहा -आतंकवाद के नाम पर अमेरिका को हेडली याद नहीं रहता और खान याद रहता है ।सारा विश्व शाहरुख खान को जनता है पर अमेरिकी हवाई आड़े के अफसर उन्हें आतंकवादी मानकर अभद्र ढंग से तलाशी लेते है । वे पूर्व मंत्री जार्ज फर्नांडीज से लेकर पूर्व राष्ट्रपति के साथ भी यह सब दोहरा चुके है । इसलिए अखिलेश यादव और आजम खान ने इस हेकड़ी का जिस अंदाज में जवाब दिया है उससे मुस्लिम समाज उनके साथ खड़ा हो गया है । अमेरिका में हुई इस घटना का बड़ा राजनैतिक लाभ समाजवादी पार्टी को मिलेगा यह भी साफ है । कांग्रेस जिस तरह बीच बीच में मोदी का भय दिखकर मुसलमानों को समाजवादी पार्टी से झटकना चाहती थी ,इस घटना ने उस कवायद पर भी पलीता लगा दिया है।उत्तर प्रदेश में मुस्लिम राजनीति को लेकर लगातार उठापटक चलती रहती है और बीच में यह प्रचार भी चला कि समाजवादी पार्टी के मुस्लिम आधार में कांग्रेस कुछ सेंध लगा सकती है ।पर अब तक जो भी सर्वे उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर आए है उनमे पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों के मुकाबले कांग्रेस की सीटें आधी से भी कम आंकी जा रही है इसलिए यह धारणा कि मुस्लिम बाँट सकता है सही नहीं मानी जा सकती । समाजवादी पार्टी कि उत्तर प्रदेश की मुस्लिम राजनीति में पकड़ बढ़ी है और उसके तैतालीस मुस्लिम विधायक विधान सभा में है । विधान सभा चुनाव में सपा ने जितने मुस्लिम उम्मीदवार खड़ा किए उसमे आधे जीत गए । ऐसे मुस्लिम राजनीति कि नब्ज पहचानने वाले इन तथ्यों कि अनदेखी नहीं करते है । ऐसी राजनैतिक पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का हार्वर्ड के कार्यक्रम का बायकाट करना प्रदेश के आहत मुस्लिम समाज को ताकत देने वाला है । प्रदेश का मुस्लिम समाज पहले से ही अमेरिका से बुरी तरह नाराज है ऐसे में अखिलेश यादव का यह कदम समाजवादी पार्टी को ताकत देने वाला साबित होगा ।जनादेश

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