Sunday, January 13, 2013

मुलताई में शहीद हुए किसानों के परिवार वालों को इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष होगा -वीके सिंह

अन्ना के साथ अब देश के दौरे की तैयारी ,पहला सफर ट्रेन से पटना तक अंबरीश कुमार नागपुर ,१२ जनवरी । पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने आज कहा कि मुलताई में आज के ही दिन १९९८ में किसानो पर जो गोली चलाई गई वह आजाद भारत का जलियावाला कांड जैसा था जिसके चलते २४ किसानो की जान गई और आज तक उनके परिवार वालों को न्याय नही मिला । जनरल वीके सिंह आज यहाँ से करीब सौ किलोमीटर दूर मुलताई में शहीद दिवस के मौके पर बोल रहे थे । उन्होंने कहा कि मुलताई में शहीद हुए किसानो के परिवार वालों को न्याय दिलाने के लिए वे इस जन आंदोलन का पुरजोर समर्थन करते है । जनरल वीके सिंह अब अन्ना हजारे के साथ देश भर में नौजवानों को लामबंद करने के लिए यात्रा पर निकलने जा रहे है जिसका नाम जनतंत्र यात्रा दिया गया है । इस महीने के अंत में पटना तक ट्रेन के सफर से होगी । इससे पहले वे आज मुलताई पहुंचे जहाँ १२ जनवरी को शहीद हुए किसानो को श्रद्धांजलि दी । आज यहाँ मुलताई के मैदान में, उसी जिला कोर्ट के सामने जिसमें 3 नवंबर 2012 को डा सुनीलम् और उनके साथियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, देश भर के जन आंदोलनों के कार्यकर्त्ता जुटे और सुनीलम कि रिहाई के लिए आंदोलन और तेज करने का संकल्प लिया । गौरतलब है कि १२ जनवरी १९९८ को मुलताई में किसानों के ऊपर हुए गोलीकांड में २४ किसान मारे गए थे आज उस घटना के १५ साल पूरे हुए । इस मौके पर हुई जनसभा को सामाजिक कार्यकर्त्ता मेधा पाटकर ,बीडी शर्मा ,किसान नेता विनोद सिंह ,राकेश टिकैत ,सुनील और विजय प्रताप आदि ने भी संबोधित किया । इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि जो सवाल किसानों के जीविका के संघर्ष को लेकर था और शासन के द्वारा उसपर हमला किया गयाए जिसमे लोगों के मौत हुई द्य आज भी वह सवाल आज भी मौजूद हैं। देश में किसान और मजदूर वर्ग आज भी जीविका की लड़ाई लड़ रहे हैं और नवउदारवाद के माहौल में नई पूंजीवादी ताकतें राज्य के साथ मिलकर और तेज हमला कर रही है उन्हें जेल में डाला जा रहा है। किसानो पर गोली चलाई जा रही है और सामाजिक कार्यकर्ताओं को झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है। इससे पहले सुबह परमंडल गांव में देश के जनांदलनों के समाजकर्मियों ने शहीद किसानों के स्मृति स्तंभ पर श्रद्धासुमन चढ़ाये। इसके बाद मुलताई में शहीद स्तंभ पर भी श्रद्धांजलि दी गई और शहीदों के सपनो को साकार करने का आगाज़ दिया। शहीद स्तंभ से रैली के रुप में हजारों की संख्या में लोेग मुलताई मैदान में पहुंचा। सर्व प्रथम शहिदों के परिजनों को सम्मानित किया गया। किसान संघर्श समिति के नेता जगदीश दोडके वयोवृद्ध नेता टंटी चैधरी ने देश भर से आए सभी का स्वागत किया। आन्दोलन के नेता अनिरूद्ध गुरूजी ने मुलताई के किसान घोषणा पत्र पढ़ा जिसका सभी ने समर्थन किया।इस मौके पर कहा गया कि आज लोकतंत्र में इस स्थिति के लिए सरकार जिम्मेदार है क्योंकि जनतांत्रिक आंदोलनों पर लगातार हमले हो रहे हैं । संवाद की मंशा किसी भी सरकार की नहीं रही है और इस कारण कहीं न कहीं समाज में हिंसा का माहौल बढ़ रहा है । आज जरूरत इस बात की है की समाज और सरकार के बीच की दूरी घटे। संवाद और शांति का माहौल बने द्य सामाजिक कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमले बंद हो। झूठे मुक़दमे वापस लिए जाएँ और बेगुनाह लोगों को जेल से रिहा किया जाए तभी लोगों का विश्वास जनतांत्रिक प्रक्रियाओं में आगे बढ़ेगा और एक भयमुक्त वातावरण तैयार होगा जिसमे आम जनता के सपने और जीविका के सवाल और संघर्षों का हल निकल सके । पूर्व जनरल वीके सिंह ने आन्दोलन को अपना समर्थन देते हुए कहा मैं समझ नहीं पाया हूं कि निहत्थे लोगों पर खुले मैदान में गोली कैसी चली होगी। जब तक हम शहीदों को याद रखेंगे तब तक हम संघर्श को जारी रख सकेंगे। आज जल-जंगल-खनिज का शोशण हो रहा है, किसानों का शोशण हो रहा है। मैं मानता हूं कि माओवाद का कारण सामाजिक असामनता है मगर जिस दिन हम इकट्ठे हो जायेंगे उस दिन किसानों की बात सुनी जाएंगी। हाल ही में जेल से छूट कर आयीं झारखंड की आदिवासी महिला नेत्री दयामनी बारला ने घोशणा कि कि झारखण्ड की सरकार आज कारापोरेट के हांथो झारखंड की एक-एक पौधे व एक-एक इंच जमीन देने के लिए समझौता किया है। लेकिन झारखंड की जनता ने भी कसम खा ली है कि एक इंच भी जमीन कारपोरेट जगत को नहीं दिया जायेगा।शहीदों की विधवाओं का कहना था की हमे न्याय तभी मिलेगा जब शहीदों के हत्यारों को सजा मिलेगी।मध्य प्रदेश के जन संघर्ष मोर्चा की माधुरी बहन ने कहा कि हम आजाद नहीं हैं हमें आजादी की लड़ाई लड़नी होगी। आज देश की जीविका के साधन जल-जंगल-जमीन को पूंजीपतियों के हाथों कौडि़यों के मोल दिया जा रहा है। जीविका के साधन को बचाने वाले को गोलियों से उड़ाया जा रहा है, जेलों के अन्दर झूठे केस में डाला जा रहा है।भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने देश के किसान संगठनों की एकता की जरूरत की बात कही।समजावदी जन परिशद के सुनील ने कहा कि आर्थिक नीतियों का ही परिणाम है कि देश में सब जगह किसानों का दमन जारी है और सुनीलम जैसे नेताओं को झूठे केसों में जेलों में डाल दिया जाता है। नर्मदा बचाओं आंदोलनो की नेत्री मेधा पाटकर ने कहा कि हमें सभी शहिदों की शहादत को साथ लेकर आगे बढ़ने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। 24 किसानों की हत्यारों की आज तक कोई सजा नहीं हुई और निर्दोश जेल में हैं।पूर्व मुख्य न्यायाधीश गुहाटी हाई कोर्ट के बीडी ज्ञानी देश में भ्रश्टाचार बहुत बड़ी समस्या है। उन्होने एक कहानी के माध्यम से बताया की पूरी व्यवस्था में ही दोश आ गया है।सभा को जन आन्दोलनों के राश्ट्र्ीय समन्वय के साथी प्रफुल सामंतरा, मंजू मोहन, विनोद सिंह, देवराम भाई, इरफान पठान, कमायनी, अनिल चैधरी, विमल भाई, जम्मू काश्मिर के पूर्व सांसद अब्दूल रहमान, संतोश भारतीय पूर्व सांसद व संपादक चैथी दुनिया, विजय प्रताप आदि ने सभा को सम्बेधित किया। कोलकता से आई रीता चक्रवर्ती ने शहिदों को श्रद्धांजलि गाने गाए।jansatta

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