Saturday, May 4, 2013

उत्तर प्रदेश में भाजपा की नैया पार लगा पाएंगे वरुण गांधी

उत्तर प्रदेश में भाजपा की नैया पार लगा पाएंगे वरुण गांधी सविता वर्मा लखनऊ 4 मई । भाजपा इंदिरा गांधी के पौत्र और संजय गांधी के पुत्र वरुण गांधी को उत्तर प्रदेश की राजनीति में आगे कर नौजवानों को जोड़ने की कवायद में जुट गई है । पर यह कवायद कितनी कामयाब होगी यह अभी कहा नही जा सकता । आज वरुण गांधी ने लखनऊ में केंद्र और राज्य सरकार दोनों पर हमला बोल इसकी शुरुआत भी कर दी। वरुण गांधी पर भडकाऊ भाषण देने का आरोप लग चुका है और प्रदेश में भाजपा जिस तरह की राजनीति के जरिए आगे बढ़ना चाहती है उसके लिहाज से वरुण गांधी उनके नए नायक है । वे पीलीभीत में अपनी माँ मेनका गांधी की सीट से जीते थे और तराई का वह अंचल सिख बहुल है जो मेनका को जीता चुका था । अब वे पिता संजय गांधी की कर्मभूमि से चुनाव लड़ने जा रहे है । सुल्तानपुर में वे उस पार्टी के उम्मीदवार होंगे जिनसे इंदिरा गांधी लगातार लड़ती रही । अब उनके पड़ोस में एक तरफ भाई राहुल गांधी होंगे तो दूसरी तरफ बहन प्रियंका गांधी । पर वरुण ने आज चुनाव की तैयारी शुरू कर दी । उन्होंने लखनऊ में राहुल और अखिलेश दोनों पर निशाना साधा । महासचिव वरूण गांधी ने आज यहां कहा कि केन्द्र सरकार के हाथों में देश का सम्मान सुरक्षित नही है। केन्द्र की लचर नीति के कारण सरबजीत की जान नही बचाई जा सकी। वरुण गांधी आज राजधानी लखनऊ स्थित पं दीन दयाल उपाध्याय स्मृतिका पर पार्टी की तरफ से आयोजित धरने सम्बोधित कर रहे थे। उन्होने कहा देश के इतिहास में यूपीए की सरकार ऐसी पहली सरकार है जिसको 70-75 प्रतिशत का समय अपनी सरकार को सत्ता मे बने रहने व ” मैं चोर नही हूँ मै चोर नही हूँ ” साबित करने में लगाना पड़ रहा है। गरीबों, युवाओं और किसानों को ठगा गया है। पांच वर्ष में कर्ज माफी के नाम पर गरीब लोगों से झूठ बोला गया, गद्दारी की गई है। केवल 18 प्रतिशत लोगों की ही कर्ज माफी हुई है। वरुण सिर्फ केंद्र तक ही सिमित नहीं रहे बल्कि अखिलेश सरकार पर भी हल्ला बोला । वरुण गांधी ने कहा - प्रदेश में चारो तरफ अराजकता व आतंक का महौल है। गोरखपुर में सीरियल बम बलास्ट करने वाले आतंकियों पर चल रहे मुकदमों को वापस लेनी वाली सपा सरकार को टांडा के देशभक्त रामबाबू की सुध नही रही। मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति में फंसे सपा सरकार का कोई भी प्रतिनिधि जघन्य हत्या का शिकार हुए रामबाबू गुप्ता के परिजनों से मिलने के लिए नही गया। उन्होंने सवाल किया कि आखिर उत्तर प्रदेश में ये क्या हो रहा है? राज्य में बेताहाश बढ़ते अपराध महिलाओं के साथ हो रहे बलात्कार व अत्याचार बढ़ते दंगो के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है? उन्होंने कहा कि मुलायम माया की पार्टी परिवारवाद में फंसी निजी सम्पति की तरह है। सपा-बसपा देशहित में राजनीति नही करते। वरुण गांधी के इस तेवर से उनकी भावी राजनीति को आसानी से समझा जा सकता है । वे भाजपा के उस वोट बैंक को लाने लेन का प्रयास करेंगे जो जातियों में बंटकर वापस चला गया था । यही भाजपा की भी चुनौती है और वरुण गांधी की भी । जबतक अंध राष्ट्रभक्त और उग्र हिंदुत्व वाली भावना जोर नहीं पकडेगी भाजपा का पुराना जनाधार वापस भी नहीं आ पाएगा । वरुण एक तरफ समाजवादी पार्टी पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगा रहे है तो दूसरी तरफ कांग्रेस मुसलमानों की अनदेखी का । यह विरोधाभास काफी रोचक भी है । वरुण मुसलमानों के नाम पर हिंदुत्व का एजंडा सामने रख रहे है तो कांग्रेस इस मुस्लिम वोटों में सेंध लगाना चाहती है जिसके चलते पिछली लोकसभा में वह करीब एक चौथाई सीट जीत गई थी पर कल्याण सिंह के समाजवादी पार्टी से जाने के बाद विधानसभा चुनाव में मुस्लिम मतदाता फिर सपा में लौटे और कांग्रेस फिर पुरानी दशा में पहुँच गई । अब कांग्रेस की लगातार कोशिश इस वोटों में सेंध लगाने की है तो भाजपा वरुण गांधी के जरिए जातियों की वह गोलबंदी तोडना चाहती है जिसके चलते हिंदू वोट बाँट जाते है ।वरुण गांधी ने इसी वोटबैंक को अपना लक्ष्य बनाया है । पर उत्तर प्रदेश की मौजूदा स्थिति में जातियों कि गोलबंदी तोड़ पाना बहुत मुश्किल काम है । वे मुस्लिम को लेकर अगर सपा पर निशाना साधेंगे तो भाजपा का वोट बढे न बढे सपा का मुस्लिम जनाधार मजबूत ही होगा । जनादेश

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