Sunday, May 12, 2013

राजनीति में राम को किनारे लगाया परशुराम ने !

अंबरीश कुमार लखनऊ, 12 मई।करीब दशक भर पहले तक उत्तर प्रदेश की राजनीति के केंद्र में भगवान राम थे तो अब परशुराम है । आज उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने जिस तरह परशुराम जयंती बनाई वह सोशल इंजीनियरिंग की बदलती राजनीति का आगाज है । दलित और पिछड़े तबके की राजनीति करने वाली दोनों पार्टियां परशुराम जयंती के बहाने ब्राह्मण को अपनी अपनी तरफ खींचने में जुटी । एक कार्यक्रम समाजवादी पार्टी के मुख्यालय में हुआ जिसमे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और विधान सभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय शमिल हुए । मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वह फरसा प्रतीकात्मक धंस से हाथ में लिए जो परशुराम का हथियार माना जाता है । समाजवादी पार्टी के मंच पर साधू सन्यासी और बाबा सभी नजर आ रहे । अयोध्या ,मथुरा और काशी जैसा नजारा दिख रहा थे । बसपा ने पूर्वांचल के महाराजगंज में परशुराम जयंती पर बड़ा कार्यक्रम किया । सपा और बसपा दोनों का मुख्य जनाधार अलग अलग पिछड़े और दलित रहे है । दोनों दल एक दौर में अगड़ी जातियों के मुकाबले दलित और पिछडों की लामबंदी में कोई कसर नहीं छोड़ी थी । कांसीराम जब बसपा का जनाधार बना रहे थे तो दलितों को गोलबंद करने के लिए आक्रामक राजनैतिक तौर तरीकों का इस्तेमाल किया ।अब शायद उन नारों को इनके नेता याद नहीं रखना चाहते है जो अस्सी के दशक में गूंजे थे । इनमे तिलक ,तराजू और तलवार ,इनको मारो जूते चार सबसे ज्यादा चर्चित हुआ था ।यह वह दौर भी था जब अगड़ी जातियों का राजनीति पर वर्चस्व था और आरक्षण विरोधी आंदोलन चला था ।बाद में अगड़ी जातियां और कुछ हद तक पिछड़ी जातियों भी मंदिर आंदोलन के साथ जुडी पर मंडल के बाद दलित ,मुस्लिम और पिछडों की गोलबंदी ने उत्तर प्रदेश की जो राजनीति बदली उसके चलते सत्ता के शीर्ष से अगड़ी जातियां बेदखल हो गई और तबसे कोई अगड़ा मुख्यमंत्री नही बन पाया ।आज वही दलित पिछड़ा ताकते ब्राह्मणों को जोड़ने में जुट गई है । ब्राह्मण प्रतीक तलाशे जा रहे है । आज समाजवादी पार्टी के मुख्यालय में जो माहौल था उससे यह भ्रम हो रहा था कि अयोध्या मथुरा या काशी के किसी मंदिर परिसर में आ गए है । शंख ,घंटा घड़ियाल के साथ मंत्रोचार गूंज रहे थे और अयोध्या ,मथुरा से लेकर काशी तक से साधू संत भी दिख रहे थे ।मंच पर भी फलाहारी बाबा से लेकर शाकाहारी बाबा तक थे ।खांटी समाजवादी जनेश्वर मिश्र से लेकर ब्रज भूषण तिवारी ब्राह्मण नेता के रूप में भी याद किए जा रहे थे । समाजवादी पार्टी के युवा नेता सुनील यादव ने कहा -मौजूदा राजनैतिक माहौल में जनाधार बढ़ाने के लिए सभी वर्गों को साथ लेकर चलना जरुरी है और इस तरह के कार्यक्रम इसी कवायद का हिस्सा भी है ।हांलाकि समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी से यह पूछने पर कि समाजवाद से परशुराम का क्या रिश्ता रहा ,जवाब मिला -परशुराम अन्याय के खिलाफ खड़े हुए थे इससे बड़ा क्या संबंध हो सकता है । सपा सरकार ने परशुराम जयंती पर अवकाश घोषित किया था और अब पार्टी ने उनकी जयंती पर भव्य आयोजन है। उन्होंने यह भी कहा कि ब्राह्मण ऐसा प्रबुद्ध समाज है जिसने देश को दिशा दी है। हम उन्हें जाति व वोट का आधार नहीं मानते हैं। भगवान श्री परशुराम जयंती समारोह में विधान सभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय, वरिष्ठ मंत्री शिवपाल सिंह यादव और राजेन्द्र चौधरी सहित राज्यमंत्रीगण पवन पाण्डेय, मनोज पाण्डेय, विजय मिश्रा, अभिषेक मिश्रा, राष्ट्रीय महासचिव डा अशोक बाजपेयी, प्रदेश सचिव एसआरएस यादव, धराचार्य , खाली अखाड़ा, श्री फलाहारी जी महाराज, राजगोपाल मंदिर, श्री जनमे जय शरण, श्री नागेन्द्र जी आचार्य, श्री आनन्द किशोर गोस्वामी, प्रमुख आचार्य श्री बांके बिहारी मंदिर वृन्दावन, 1008 योगेश्वर स्वामी वीरेन्द्र गिरि महाराज, विधायकगण श्री शिवाकान्त ओझा, रमेश दुबे, ओमप्रकाश उर्फ बाबा दुबे, संतोष पाण्डेय नंदिता शुक्ला, पूर्व विधायक श्री जयशंकर पाण्डेय, राजेश दीक्षित, सनातन पाण्डेय, रवीन्द्र पाण्डेय, चरनजीत पाण्डेय, सूर्यकान्त पाण्डेय, दीपक मिश्रा, पी0डी0 तिवारी, सुशील दीक्षित, धर्मानन्द तिवारी, माला द्विवेदी, सुरभि शुक्ला आदि ने भी शामिल थे। समारोह की अध्यक्षता श्री माता प्रसाद पाण्डेय एवं संचालन श्री पवन पाण्डेय ने किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि आज देश के सामने गम्भीर चुनौतियां हैं। बेकारी, महंगाई, भ्रष्टाचार सीमाओं की सुरक्षा जैसे गम्भीर समस्याओं का सामना देश कर रहा है। तमाम तरह की विषमताओं एवं अन्याय-अत्याचार के विरूद्व समाजवादियों ने हमेषा संघर्ष किया है। प्रमोशन आरक्षण का मुद्दा उठाकर श्री मुलायम सिंह यादव ने केन्द्र सरकार, लोकसभा और देश का ध्यान आकृष्ट किया है। नेता जी ने इस प्रशासनिक एवं सामाजिक अन्याय के बारे में चेताया कि इससे भेदभाव को बढ़ावा मिलेगा जिससे प्रशासनिक व्यवस्था तहस-नहस हो जायेगी। इन तमाम समस्याओं के लिये केन्द्र सरकार की नीतियां जिम्मेदार है। उन्होंने आगे कहा कि चीन का खतरा टला नहीं है। केन्द्र सरकार ने देश के साथ यह बड़ा धोखा किया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सभी साधू संतो एवं प्रबुद्व नागरिको का अभिनन्दन करते हुये कहा कि उनके सहयोग और शुभकामना से चुनौतियों का सामना करने में समाजवादी सरकार पूरी तौर पर सफल होगी। उन्होने संस्कृत के प्रधानाचार्यो एवं अध्यापको की समस्याओं का समाधान जल्दी ही करने का आश्वासन देते हुये कहा कि वह मानते है कि संस्कृत को बचाने का अर्थ भारतीय संस्कृति को बचाना है। जबकि विधान सभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि ब्राह्मणो का सम्मान समाजवादी पार्टी में ही सुरक्षित है। नौजवानों ने हमेशा परिवर्तन को दिशा दी है। लोकसभा के चुनाव में दिल्ली में नेता जी को ताकत देने के लिये संकल्प के साथ एकजुट होकर अभी से लग जाय। वरिष्ठ मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि बसपा के षासन काल में दलित एक्ट में हुये उत्पीड़न को समाप्त करने के लिये फर्जी मुकदमे वापस होगें। उन्होने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में ब्राह्मण समाज के सम्मान को कोई आंच नहीं आने दी जाएगी ।

No comments:

Post a Comment