Saturday, November 24, 2012

मानवाधिकार संगठनों ने कहा -जेल में सुनीलम की जान खतरे में

अंबरीश कुमार किसान संगठन और मानवाधिकार संगठनों ने किसान नेता डा सुनीलम की जेल में हत्या की आशंका जताते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग गुहार लगाईं है । सुनीलम से जेल में मिलकर लौटे किसान मंच ,किसान संघर्ष समिति ,एनएपीएम और जन संघर्ष मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने आज यह जानकारी दी । किसान नेता विनोद सिंह ने कहा -सुनीलम ने शुक्रवार को जेल में बताया कि उनका उत्पीडन किया जा रहा है और अप्रत्यक्ष ढंग से हत्या की धमकी दे दी गई है । जेल के एक अफसर ने साफ़ कह दिया है कि अनशन बंद नहीं किया तो इंजेक्शन देकर ठंढा कर दिया जाएगा इसे लेकर किसान मंच और पीयूसीएल ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से दखल देने की अपील की है । पीयूसीएल के राष्ट्रीय सचिव चितरंजन सिंह ने जनसत्ता से कहा -यह बहुत गंभीर मामला है । पहले सुनीलम को राजनैतिक वजहों से फंसाया गया और अब उनकी हत्या की आशंका है । इस बीच समाजवादी पार्टी ने इसे काफी संवेदनशील मामला बताते हुए इसे सुनीलम का मानसिक उत्पीडन बताया है । पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा -इस घटना से साफ़ है कि मध्य प्रदेश सरकार को लोकतंत्र में अब को भरोसा नहीं रह गया है ।इस मामले की उच्च स्तरीय जाँच कराई जनि चाहिए । घटना का ब्यौरा देते हुए विनोद सिंह ने कहा - घटना का ब्यौरा देते हुए विनोद सिंह ने कहा - यह विवाद एक कैदी अनीस युसूफ को बुरी तरह मारे जाने के विरोध में सुनीलम के अनशन पर बैठने पर शुरू हुआ । इस कैदी को इतना पीटा गया कि वह अधमरा हो गया । इस घटना के विरोध में सुनीलम ने अनशन शुरू किया तो उन्हें भी धमकाया गया । जेल में कायदों की अनदेखी पर सुनीलम ने पहले भी विरोध कर चुके थे । उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को जेल की बदहाली और बंदियों के उत्पीडन को लेकर जो पत्र लिखा उसे जेलर नी यह कहकर रख लिया कि वे पहुंचा दिया जाएगा । सुनीलम समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारी रहे है और मुलायम सिंह अपने कार्यकर्ताओं की मुसीबत के समय मदद करते आए है इसी वजह से उन्हें भी पत्र लिखा था । उन्हें न कोई पत्र या अख़बार दिया जाता है और न समाचार सुनने की व्यवस्था है । सुनीलम ने हिन्दू और जनसत्ता अख़बार पढने के लिए माँगा था पर जेल प्रशासन ने मना कर दिया दिया । जब उन्होंने जेल मैनुवल माँगा तो उसे भी देने से इंकार कर दिया गया । फिर एक कैदी अनीस युसूफ को किसी बात पर नाराज होकर कांस्टेबुल सुनील पाठक ने बेल्ट से मार मार कर अधमरा कर दिया ।इसपर सुनीलम ने विरोध जताया और अनशन शुरू कर दिया । अनशन के चलते जेल प्रशासन ने सुनीलम से मिलने पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया था । पर कल किसान संगठनों के लोगों को मुलाकात की इजाजत मिल गई । पर जेल में हालत बहुत ख़राब है । इसे लेकर शुक्रवार को वहां प्रदर्शन भी हुआ । इस बीच सुनीलम की रिहाई के लिए 25 नवम्बर को बांग्लादेस भारत-पाकिस्तान पीपल्स फोरम ने बैठक बुलाई है ।सामाजिक कार्यकर्त्ता एके अरुण के मुतानिक 26 को कई सांसद भी धरना पर भी देने वाले है ।इनमे शरद यादव,देवब्रत विस्वास ,मोहन जेना ,,कैप्टन निषाद धनञ्जय सिंह ,मुन्नवर सलीम, राम विलास पासवान,भक्त चरण दास,आदि के अलावा जस्टिस राजिंदर सचर ,डा बीडी शर्मा, चितरंजन सिंह, कविता श्रीवास्तव,,राजीव भृगु कुमार रंजन,अनिल चौधरी के साथ जन संगठन युवा भारत,किसान संघर्ष समिति,भारत मुक्ति मोर्चा,आदि शामिल हैं।दूसरी तरफ सोश्लिष्ट फ्रंट के अध्यक्ष विजय प्रताप सुनीलम के मुद्दे को समज्वादो संगठनों के अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी उठाने जा रहे है। जनसत्ता फोटो -सुनीलम की रिहाई के लिए प्रदर्शन करते आदिवासी सुनीलम की मदद के लिए समाजवादी संगठनों ने लिया मदद का संकल्प अंबरीश कुमार
लखनऊ नवम्बर। किसान संगठनों के साथ देश भर के समाजवादी संगठनों ने किसान नेता सुनीलम की मदद के लिए अभियान छेड़ने का संकल्प लिया है । यह अभियान 23 नवम्बर से शुरू होगा । यह जानकारी यहाँ सोश्लिष्ट फ्रंट के संयोजक विजय प्रताप ने दी । इससे पहले 17 से 19 नवम्बर तक केरल के त्रिशूर में समाजवादी संगठनों की बैठक में सुनीलम के साथ झारखण्ड की दयामनी बरला के मुद्दे पर अभियान चलाने का संकल्प लिया गया । इस बैठक में केरल के समाजवादी संगठन लोहिया विचार वैदिकी के विजय राघवन ,राष्ट्र सेवा दल के जार्ज जैकब ,युसूफ मेहरअली युवा बिरादरी के अलावा एनएपीएम ,लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी और लोक शक्ति अभियान जैसे संगठनों के प्रतिनिधि जुटे । जिसमे सुनीलम और दयामनी को लेकर अभियान चलाने का संकल्प लिया गया । इसी सिलसिले में सामाजिक कार्यकर्त्ता मेधा पाटकर ने 23 नवंबर को भोपाल में सुनीलम की मदद के लिए बैठक भी बुलाई है । इस बीच किसान मंच के अध्यक्ष विनोद सिंह ने बताया कि जबलपुर हाई कोर्ट में सुनीलम की याचिका दायर की जा चुकी है । इस क़ानूनी प्रक्रिया में करीब चार से पांच लाख का खर्च आएगा जिसके लिए किसान संगठनों और समाजवादी कार्यकर्ताओं से मदद की अपील की गई है । मुलताई के स्टेट बैंक में किसान संघर्ष समिति का खाता नंबर 32059516258 है जिसमे लोगो से अपने हिसाब से मदद करने की अपील की गई है । समाजवादी पार्टी लके एमएलसी और प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा -सुनीलम हमारे संघर्ष के समाजवादी साथी है और कांग्रेस - भाजपा की जमीन लूटने के अभियान के खिलाफ तनकर खड़े है जिसका हम पूरा साथ देंगे । दूसरी तरफ किसान संगठन भी सुनीलम की मदद के लिए इस अभियान में जुट गए है । नागपुर से किसान नेता प्रताप गोस्वामी के मुताबिक कई लोगों ने सुनीलम की मदद के लिए आगे आने की इच्छा जताई है जिसमे विदर्भ के किसान भी शामिल है। दरअसल सुनीलम के इस संघर्ष के साथ ही मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में किसानो का एक आन्दोलन खड़ा होने की सुगबुगाहट भी महसूस हो रही है । अडानी की परियोजना के खिलाफ छिंदवाडा में पहले से आन्दोलन चल रहा था जो मेधा पाटकर की गिरफ़्तारी के बाद और तेज हुआ । अब 23 की बैठक के बाद यह और आगे बढ़ सकता है क्योकि इसमे कई और जमीनी संगठन जुड़ने जा रहे है । वैसे भी किसानो की जमीन के सवाल पर महाराष्ट्र में भी माहौल बन रहा है जहाँ किसानो की करीब एक लाख एकड़ जमीन विभिन्न बिजली परियोजनाओं के नाम लेने की कोशिश हो रही है ।

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