Tuesday, November 27, 2012

जेल प्रशासन झुका ,सुनीलम ने तोडा अनशन

जेल में सुनीलम से बातचीत अंबरीश कुमार
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में अडानी पेच पावर प्रोजेक्ट, पेच डाइवरशन प्रोजेक्ट, मैक्सो व एसकेएस प्रोजेक्ट के नाम पर पचास हजार से ज्यदा किसानों की जमीन छीनी जा चुकी है और वहा इसके खिलाफ आंदोलन करने वाले सुनीलम अब भोपाल के केन्द्रीय जेल में है । बीते शुक्रवार को जेल के भीतर इस संवाददाता ने उनसे जब बातचीत की तो सुनीलम ने कहा -मुझे मुलताई कांड में जो सजा स्थानीय अदालत से मिली है वह भाजपा कांग्रेस की उस मिलीजुली साजिश का नतीजा है । क्योकि मै छिंदवाडा में हजारों किसानो की जमीन छीनने के खिलाफ आन्दोलन कर रहा था । आज सुनीलम ने किसान नेताओं के जरिए जेल से सन्देश भेज कर जनसत्ता को बताया कि जेल प्रशासन के खिलाफ उन्होंने जो अनशन शुरू किया था वह ख़त्म हो गया और उनकी सभी मांगे मान ली गई है । सुनीलम ने जेल पढने के लिए दो अख़बार हिंदू और जनसत्ता माँगा था जो उन्हें नहीं दिया गया । बाद में मीडिया में इसकी खबर आने के बाद दबाव बढ़ा और आज जेल प्रशासन ने उनकी मांग मान ली । सुनीलम ने आज यह जानकारी जेल से फोन पर किसान मंच के अध्यक्ष विनोद सिंह को भी दी । गौरतलब है कि सुनीलम को मुलताई कांड में फंसाए जाने के खिलाफ मुलताई ,छिंदवाडा से लेकर भोपाल तक धरना प्रदर्शन हो चुका है । उनसे मिलने बड़ी संख्या में लोग भोपाल के सेंट्रल जेल पहुँचते है । जिस दिन इस संवाददाता ने जेल में उनसे बातचीत की उस समय भी काफी किसान उनसे मिलने आए थे और उनकी बातचीत आन्दोलन को जारी रखने के मुद्दे पर हो रही थी । जिस मामले में उन्हें सजा हुई है उसके बारे में पूछने पर सुनीलम में कहा -जबलपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर हो चुकी है और इंसाफ मिलेगा । इस मुद्दे पर देश के विभिन्न जन संगठनों ,किसान संगठनों और समाजवादी कार्यकर्ताओं का उन्होंने आभार भी जताया । बीते शुक्रवार को ही जन संघर्ष मोर्चा ने भोपाल में प्रदर्शन भी किया था जिसमे बड़ी संख्या में आदिवासी महिलाए भी शामिल हुई थी । सुनीलम ने आगे कहा -मुझे जेल में डालने से छिंदवाडा में किसानो का आन्दोलन थमेगा नहीं और बढेगा । दुर्भाग्य की बात यह है कि किसानो की जमीन छीनने के मामले में कांग्रेस और भाजपा साथसाथ है । छिंदवाडा में यह कहा गया था कि पर्यावरण विभाग के बिना अनुमति के अडानी पॉवर प्रोजेक्ट व पेच परियोजना में माचागोरा बांध निर्माण कार्य को आगे बढ़ने देने के लिए सरकार जिम्मेदार है। सुनीलम ने यह भी साफ़ किया कि क़ानूनी लड़ाई के साथ किसानो का आन्दोलन भी जारी रहेगा । सुनीलम को एक दूसरा मोर्चा जेल में भी खोलना पड़ा और जब जेल प्रशासन ने उनकी मांगे नहीं मानी तो उन्होंने अनशन शुरू कर दिया । इस बारे में पूछने सुनीलम ने कहा -जेल में बहुत ही अमानवीय हालात में बंदी रह रहे है । कोई आवाज उठाता है तो उसकी बुरी तरह पिटाई की जाती है । जेल में एड्स से पीड़ित बंदी भी है जिनके बाल काटने वाला नाई उसी उस्तरे का इस्तेमाल आम बंदियों पर भी ही करता है । यह एक उदाहरण है ।कोई पत्र नहीं भेज सकते ,अख़बार नहीं मंगा सकते ,जेल मैनुवल नहीं दिया जाता और मार डालने की अप्रत्यक्ष धमकी भी मिलती है । मुलायम सिंह और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को भी पत्र भेजा पर शायद वह भी आगे नहीं भेजा गया , इसी वजह से अनशन शुरू किया है । इस बीच जस्टिस राजेंद्र सच्चर ने सुनीलम से अनशन तोड़ने की अपील की तो आज जेल प्रशासन ने मीडिया की रपट और मानवाधिकार आयोग से की गई अपील को देखते हुए उनकी मांगे मान लेने का एलान किया । सुनीलम ने आज यह जानकारी जेल से फोन पर किसान मंच के अध्यक्ष विनोद सिंह को भी दी ।जनसत्ता

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