Wednesday, May 29, 2019

कैम्पटी जल प्रपात का मोनाल डाक बंगला

अंबरीश कुमार यह जंगलात विभाग का मोनाल डाक बंगला है . मोनाल उत्तराखंड का राज्य पक्षी और नेपाल का राष्ट्रीय पक्षी है जिसके नाम पर यह डाक बंगला समर्पित है .कुछ साल पहले जब मंसूरी के कांदिखाल गया था राष्ट्र सेवा दल के एक शिविर में भाग लेने के लिए तो एनएपीएम के संयोजक जबर सिंह ने मुझे जंगलात विभाग के डाक बंगले में ठहराया था .मैंने उनसे कहा था कि मुझे कैम्पटी जल प्रपात के सामने ठहरना है .साथ में जनसत्ता के समाचार संपादक अरविंद उप्रेती भी थे देहरादून पहुंचा तो जबर सिंह ने बताया कि लोक गायक बल्ली सिंह चीमा को भी आपके साथ इधर आना है .चीमा का मशहूर गीत ले मशालें चल पड़े हैं लोग मेरे गांव के ,आंदोलनों में काफी गाया जाता है .उन्हें साथ लेकर चला .कुछ देर मंसूरी में चाय के लिए रुके फिर इस डाक बंगले आ गए .दो सूट का यह डाक बंगला भीतर से बहुत साफ सुथरा था और एक आलमारी पुस्तकों से भरी थी .किसी डाक बंगले में पुस्तकालय हो यह बहुत कम देखा है .पता चला इस अंचल की डीएफओ कोई मोहतरमा हैं जिन्हें पढने का शौक है जिसके चलते उन्होंने यह व्यवस्था की .यह बहुत अच्छा लगा .रात में बरसात हुई और हम शमशाद बेगम को सुनते रहे और सामने झरने की आवाज भी सम्मोहित कर रही थी .बहरहाल अब उस पक्षी पर आते हैं जिसके नाम पर इस डाक बंगले का नामकरण किया गया है .यह मोनाल है . मोनाल को स्थानीय भाषा में ‘मन्याल” व ‘मुनाल’भी कहा जाता है. उत्तराखंड के उत्तरकाशी, मसूरी, केदारनाथ, पिथौरागढ़, टिहरी, बदरीनाथ, रामनगर, पौड़ी और बागेश्वर के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में इस खूबसूरत पक्षी के दर्शन होते हैं.मोनाल नर का रंग नीला भूरा होता है एवं सिर पर तार जैसी कलगी होती है. मादा भूरे रंग की होती है. यह भोजन की खोज में पंजों से भूमि अथवा बर्फ खोदता हुआ दिखाई देता है. कंद, तने, फल-फूल के बीज तथा कीड़े-मकोड़े इसका भोजन है. मोनाल एक पहाड़ी पक्षी है और यह हिमालय के 8 से 15 हजार फिट की उंचाई पर पाया जाता है पर ठंढ और बरसात के दिनों में पहाड़ के निचले हिस्से में चला जाता है.चिंता की बात यह है कि इसकी आबादी घट रही है .जो बचे हैं वे शिकारियों की भेंट चढ़ जा रहे हैं .वैसे भी इस समय इधर के जंगलों में जो आग लगी हुई है उससे सबसे ज्यादा परेशान जंगली जानवर और पक्षी हैं .बड़ी संख्या में पक्षी इन आग के शिकार हो रहे हैं ,उनके घोसले जल रहे हैं छोटे बच्चे कहीं भाग भी नहीं सकते .जंगल की आग को लेकर कोई रणनीति काम नहीं कर रही .अंतिम फोटो मोनाल पक्षी की और उससे पहले कैम्पटी की .

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