Thursday, September 20, 2012
सुरजीत जैसी भूमिका में मुलायम
अंबरीश कुमार
लखनऊ, सितंबर। मुलायम सिंह यादव अब राष्ट्रीय फलक पर वह भूमिका निभा सकते है जो कभी वीपी सिंह ,वामपंथी नेता हरकिशन सिंह सुरजीत से लेकर देवीलाल तक निभा चुके है । आज केंद्र की आर्थिक नीतियों के खिलाफ हुए आठ दलों के साझा प्रदर्शन ने के बाद वाम दलों के रूख से यह साफ़ हो गया है । माकपा नेता प्रकाश करात से लेकर भाकपा नेता अशोक मिश्र तक की प्रतिक्रिया साफ संकेत दे रही है कि साझा संघर्ष ,साझा कार्यक्रम के साथ एक गैर भाजपा गैर कांग्रेस विकल्प कुछ समय में आकार ले सकता है । खास बात यह है कि कोई भी हड़बड़ी में नहीं है न मुलायम और न वाम दल । प्रकाश करात ने जो कहा वही प्रदेश के वामपंथी नेताओं ने कहा । भाकपा नेता अशोक मिश्र ने कहा -सवाल सरकार गिराने का नही है बल्कि साझा कार्यक्रमों और संघर्षों के आधार पर चुनाव तक एक ठोस विकल सामने आए। इसमें कुछ समयी भी लग सकता है । आज जिस तरह समाजवादी पार्टी ने वाम दलों और अन्य दलों के साथ सड़क के संघर्ष में साथ आकर केंद्र की आर्थिक नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोला है वह एक बड़ा राजनैतिक संकेत है । प्रकाश करात ने तो कहा भी कि मुलायम सिंह संसद से सड़क तक संघर्ष का नेतृत्व करे हम साथ है । कभी इस तरह की भूमिका वीपी सिंह ,देवीलाल और सुरजीत ने निभाई थी । इस समय राजनैतिक ताकत के हिसाब से कांग्रेस और भाजपा के बाद मुलायम सिंह ही ऐसे नेता नजर आते है जो गैर भाजपा गैर कांग्रेस दलों से सकारात्मक संवाद कर सकते है । अभी तक यह दुविधा थी कि एटमी करार को लेकर सपा की भूमिका से वाम दलों की जो नाराजगी थी वह आड़े न आए । पर आज वाम दलों ने मुलायम की बड़ी भूमिका को रेखांकित भी कर दिया । वैसे भी देश के सबसे बड़े सूबे में अभूतपूर्व बंद समाजवादी पार्टी की वजह से ही हुआ जिसके कार्यकर्ताओं ने जिलों जिलों में अपनी ताकत दिखाई ।
दरअसल कई राजनैतिक दलों की निगाह गुजरात के चुनाव पर भी है । यही वजह है कि पहले क्षेत्रीय सालों और वाम दलों के बीच नए सिरे से संबंधो की बात हो रही है । कोई भी यह जोखम नहीं लेना चाहता है कि केंद्र से एक धर्म निरपेक्ष सरकार गिराकर भाजपा को कोई अप्रत्यक्ष लाभ लेने का मौका दिया जाए । समाजवादी पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा -हम कांग्रेस की जन विरोधी और किसान विरोधी नीतियों का पुरजोर विरोध करते है पर इसका अर्थ यह नहीं कि ऐसा कोई फैसला हड़बड़ी में ले ले जिससे मजहबी राजनीती करने वालों को ताकत मिले । पार्टी नेतृत्व इस बारे में सही समय पर सही फैसला लेगा । समाजवादी धारा के लोग भी मुलायम से अब बड़ी भूमिका की उम्मीद में है । किसान मंच के महासचिव और महाराष्ट्र के किसान नेता प्रताप गोस्वामी ने कहा -राष्ट्रीय स्तर पर मुलायम सिंह में ही यह माद्दा नजर है जो कांग्रेस और भाजपा को बड़ी चुनौती दे सके । दूसरे वे ग्रामीण पृष्ठभूमि के कद्दावर नेता है जैसे कभी देवीलाल थे । ऐसे में उनकी भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण है । अब वाम दलों के रूख के बाद यह और साफ हो गया है । संघर्ष वाहिनी मंच के संयोजक राजीव हेम केशव ने कहा -मौजूदा राजनैतिक हालात में मुलायम सिंह की भूमिका सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है वे कांग्रेस भाजपा के खिलाफ एक राष्ट्रीय स्तर पर ठोस पहल कर नया रास्ता बना सकते । जनसत्ता
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