Wednesday, July 11, 2012
फिर सड़क पर उतरने लगे किसान ,गन्ना किसानो ने खोला मोर्चा
अंबरीश कुमार
लखनऊ ,11 जुलाई । उत्तर प्रदेश में किसान सड़क पर उतरने लगे है । पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर धरना प्रदर्शन के के साथ लाठी गोली से प्रतिकार शुरू हो गया है । उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों पर किसानो का करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपया बकाया है जिसमे ज्यादातर बकाया निजी क्षेत्र की दर्जन भर चीनी मिलों पर है तो बाकी सहकारी क्षेत्र की मिलों पर । मुजफ्फरनगर में बकाया गन्ना मूल्य भुगतान करने की मांग को लेकर किसानों ने मोरना शुगर मिल पर धरना प्रदर्शन कर चुके है ।किसानो ने चेतावनी दी है कि यदि दस दिन के अंदर भुगतान नहीं किया गया तो वे मिल आन्दोलन पर मजबूर होंगे ।दूसरी तरफ मुरादाबाद में वीनस शुगर मिल की तरफ से किसानों के बकाया भुगतान नहीं करने की वजह से किसान आन्दोलन की राह पर जा रहे है । बकाया न मिलने की वजह से दर्जनों गांव के किसान आर्थिक संकट में घिरे हुए हैं। किसान फसल के लिए लिया गया सरकारी कर्ज भी वह अदा नहीं कर पा रहे हैं। किसानों ने इस सिलसिले में कलेक्टर को पत्र भेजकर बकाया भुगतान दिलाने की मांग की है। बिलारी में बकाया भुगतान को लेकर किसानो और मिल मालिकों में हिंसा तक हो चुकी है ।बड़ौत में बकाया गन्ना भुगतान नहीं होने से नाराज किसानों ने मलकपुर शुगर मिल में धरना शुरू कर ऐलान किया कि चीनी व शीरे का उठान नहीं होने दिया जाएगा।यह बानगी है कुछ जगहों पर किसानो की बढ़ती नाराजगी की ।
पूर्व संयुक गन्ना आयुक्त अशोक सिन्हा ने जनसत्ता से कहा -किसानो का ४६३५ करोड़ रुपए चीनी मिलों पर बकाया है पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद अबतक करीब तीन सौ करोड़ का ही भुगतान हो पाया है । इसमे निजी चीनी मिलों पर ज्यादा बकाया है । उदाहरण सरदार नगर चीनी मिल पर करीब २४ करोड़ तो अगौता मिल पर करीब ६८ करोड़ । अब इस मुद्दे को लेकर किसान आंदोलन पर उतर रहा है ।भाकपा नेता अशोक मिश्र न कहा -चीनी मिल मालिक यह मानकर चलते है कि जो भी सरकार हो चलेगी उसकी ही । सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद जिस तरह चीनी मिल मालिक मनमानी और हिंसा कर रहे है वह इस सरकार के लिए भी चुनौती है ज ओ ख उड़ को किसानो की सरकार कहती है ।
गौरतलब है कि मुरादाबाद के बिलारी स्थित अजुध्या शुगर मिल में दो दिन पहले बेमियादी धरना प्रदर्शन के दौरान गोली चलने की वजह से तनाव बढ़ चुका है । मिल मालिकों के सुरक्षा गर्द की तरफ से गोली चलाए जाने और बातचीत नाकाम होने से किसान आंदोलनरत हैं। इस घटना में मिल उपाध्यक्ष के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है है। किसानों का आरोप है कि बातचीत रोकने के लिए गार्डों से गोली चलवा दी गई । गौरतलब है कि बकाया गन्ना मूल्य भुगतान की मांग को लेकर किसान हफ्ते भर से चीनी मिल परिसर में बेमियादी धरने पर बैठे थे । जिसपर बातचीत शुरू हुई और जो शर्ते किसानों के सामने रखी गई उसे इन्होने मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद चीनी मिल के सुरक्षा गार्डों से किसानो की कुछ कहासुनी भी हुई । जब मिल उपाध्यक्ष अपने कमरे से उठकर आवास की ओर जाने लगे तो कुछ किसान उन्हें फिर से बातचीत के लिए रोकने की कोशिश की । किसान यूनियन के नेता चौधरी भयराज सिंह का आरोप है कि उपाध्यक्ष और उनके सुरक्षा गार्डों ने किसानों की ओर गोली चला दी। जबकि मिल प्रबंधन का आरोप है कि मिल उपाध्यक्ष अपने कक्ष से काम निबटाकर आवास की ओर जा रहे थे तभी कुछ किसानों ने उनका पीछा करते हुए अभद्रता की और फायरिंग कर दहशत कायम की। गन्ना समिति सचिव सुनील कुमार वर्मा ने शुगर मिल डायरेक्टर और मिल उपाध्यक्ष के खिलाफ गन्ना मूल्य भुगतान के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने के आरोप में तहरीर दी। जिसमे कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय केे आदेशानुसार मिल को वर्ष 2006-07 के अंतरगन्ना मूल्य भुगतान के 81 लाख रुपये और वर्ष 2007-08 के अंतरगन्ना मूल्य के दो करोड़ 17 लाख रुपये का भुगतान 16 अप्रैल 2012 तक करना था। मिल ने नौ जुलाई की शाम तक भुगतान न करके सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की अवमानना की है। वर्ष 2011-12 के अंतरगन्ना मूल्य के 13 करोड़ 57 लाख रुपये का भुगतान शुगर मिल को सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार सात जुलाई 2012 तक करना था। यह भी अवमानना है। सचिव का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय समयावधि में भुगतान न होने पर प्राथमिकी दर्ज कराना समिति का अधिकार है।
दूसरी तरफ बडौत में मंगलवार को बड़ी संख्या में गन्ना किसान मिल में धरने पर बैठ गए। धरने को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि किसानों की खून-पसीने की कमाई पर मिल मालिक ब्याज कमा रहे हैं। जबकि किसान भूखे मरने की स्थिति में है। कहा कि जब तक किसानों का बकाया भुगतान नहीं होता है, तब तक मिल से चीनी व शीरे का उठान नहीं होने दिया जाएगा। प्रदर्शनकारी किसानों ने मिल में चीनी व शीरा लेने आए ट्रकों को वापस कर दिया।सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश के शुगर मिलों को किसानों का वर्ष 2011-12 का गन्ने का बकाया भुगतान करने की अंतिम तिथि सात जुलाई निर्धारित की थी, लेकिन एसबीईसी शुगर मिल मलकपुर ने तय तिथि के दो दिन बाद भी किसानों का 88 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया।jansatta
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