Tuesday, February 28, 2012

टूटा मायावती का सब्र ,मुलायम निश्चिंत


अंबरीश कुमार
लखनऊ ,फरवरी । उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के छठे के मतदान के साथ बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती का सब्र टूटता नजर तो मुलायम सिंह दिन भर के दौरे के बाद उत्साह से लबरेज नजर आए । आज पश्चिम की ६८ सीटों के लिए मतदान हुआ जिसमे अजित सिंह का गढ़ था और मुस्लिम बहुल इलाके भी थे जहाँ से धुर्वीकरण की खबर आ रही है । मेरठ बागपत से लेकर सहारनपुर और मुजफ्फरनगर तक कही तिकोना संघर्ष हुआ तो कही चौतरफा । इस अंचल में भी यही कहा जा रहा है कि घटेगी बसपा तो बढ़ेंगे सब । इसका आभास भी शायद सत्तारूढ़ दल को हो गया है जिसके चलते मायावती ने आज कहा -भाजपा अफवाह फैला कर मुस्लिम समाज को भ्रमित कर रही है कि सपा अब पहले व भाजपा दूसरे नम्बर पर है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का दुष्प्रचार इसलिए किया जा रहा है जिससे लोग बसपा को अपना अमूल्य वोट न दे । लेकिन सच्चाई यह है कि यह सब विरोधी पार्टियों की मुस्लिम वोट को बांटने की साजिश है। मायावती ने आगे कहा -
मतदाता को विरोधी पार्टियों को वोट देकर अपना वोट खराब नहीं करना चाहिए। दूसरी तरफ मुलायम सिंह ने आज रामपुर ,बरेली और बदायूं की जनसभाओं में कहा -जनता ने बसपा का विकल्प समाजवादी पार्टी को मान लिया है। सब जान गए हैं कि अब समाजवादी पार्टी की ही सरकार बनेगी। समाजवादी पार्टी प्रमुख ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में किसी भी तरह की गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। समाजवादी पार्टी का कार्यकर्ता भी गड़बड़ करेगा तो वह भी जेल जाएगा।
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने आज शाहजहांपुर और पीलीभीत में आक्रामक तेवर में कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी व समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा। मायावती ने कहा ने कहा कि ये सभी पार्टियां आपसी नाटकबाजी करके बसपा के लोगों व जनता को गुमराह करने पर आमादा है।
मायावती जब बोलती है तो गुस्सा झलकता है ,अब यह गुस्सा बढ़ता जा रहा है खासकर पश्चिम के बदलते राजनैतिक समीकरण के बाद । दूसरी तरफ मुरादाबाद से लखनऊ लौटते समय जब मुलायम सिंह को बताया इस दौर में करीब पैसठ फीसद मतदान हुआ है तो आत्मविश्वास से भरे मुलायम सिंह का जवाब था ,साफ़ हो गया कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनने जा रही है ।
इन दोनों नेताओ की भाव भंगिमा से कुछ कुछ स्थिति साफ़ होती जा रही है । इस बार के चुनाव में नए और बढे हुए मतदाताओं को लेकर हर पार्टी का अलग विश्लेषण है । बसपा समर्थक बुद्धिजीवी इसे दलित नौजवानों का नया उभार बता रहे है और मान रहे है बसपा को इस बार अप्रत्याशित फायदा होने जा रहा है जिसका मीडिया को अंदाजा नहीं है । हालाँकि इसपर राजनैतिक टीकाकार वीरेंद्र नाथ भट्ट ने कहा -मायावती ने जनहित के इतने भी कम नहीं किए है लोग उत्साह में लाइन लगाकर वोट डाले । जिन बाहुबलियों के चलते मुलायम सिंह विवाद में फंसे वे सभी बाद में बहुजन के एजंडा पर काम कर रहे थे । जब भी वोट बढ़ा है अमूमन सत्तारूढ़ दल के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूटा है । पश्चिम से खबरे भी अलग कहानी कह रही है । मुजफ्फरनगर से जनसत्ता प्रतिनिधि संजीव के मुताबिक जिले की ज्यादातर सीटों में मुख्य मुकाबले में समाजवादी पार्टी ,कांग्रेस लोकदल गठबंधन और भाजपा है । बसपा कई जगह मुकाबले से बाहर होती नजर आ रही है । जबकि मेरठ में प्रदीप वत्स के मुताबिक इस बार कांग्रेस की स्थिति पिछले चुनावों के मुकाबले काफी बेहतर है और वह लड़ाई में दिख रही है । मेरठ में इस बार जो ध्रुवीकरण हो रहा है उसका फायदा कुछ जगह भाजपा को हो सकता है । अजित सिंह अपने गढ़ में मजबूत है पर उम्मीदवार को लेकर लोकदल भी दिक्कत का सामना करती नजर आई है । इस बार बहुजन समाज पार्टी को नुकसान हो जाए तो हैरानी नहीं होनी चाहिए जबकि समाजवादी पार्टी इस अंचल में कुछ सीटों फायदा हो सकता है ।
यही हाल सहारनपुर का रहा । मुस्लिम वोटों को लेकर जिस तरह का माहौल बना उससे कई इलाकों में ध्रुवीकरण हुआ है । यही वजह है कि मायावती को सब्र तोड़ते हुए आज कहना पड़ा कि भाजपा अफवाह फैला कर मुस्लिम समाज को भ्रमित कर रही है कि सपा अब पहले व भाजपा दूसरे नम्बर पर है। इससे इस अंचल में चुनाव के रुख का कुछ अंदाजा तो जरुर लगाया जा सकता है । गठबंधन का फायदा कांग्रेस को जरुर मिलने जा रहा है पर सपा जिसके पास खोने को कुछ नहीं ही उसे जो भी मिला राजनैतिक मुनाफा ही माना जाएगा और खोने वाली पार्टी बसपा नजर आती है । jansatta

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